जयगुरुदेव
प्रेस नोट
24 मई 2021
उज्जैन मध्य प्रदेश
*तकलीफों से बचने के लिये जयगुरुदेव नाम का जाप करो और दूसरों को भी प्रेरणा दो -बाबा उमाकान्त जी महाराज*
इसी कलयुग के बीच कुछ समय के लिए सतयुग लाने का संकल्प रखने वाले वर्तमान के पूरे सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 14 अप्रेल 2021 को अपने बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम, उज्जैन से यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम (jaigurudevukm) के ऑनलाइन माध्यम से देश दुनिया के लोगों को सन्देश दिया कि-
देखो प्रेमियों! यह देश दुनिया के संकट का समय है। यह प्राकृतिक आपदा जो आ रही है, यह जो भूकंप आ रहे हैं पहाड़ों पर, हर तरफ सब दूर कोरोना अपना प्रचंड रूप ले रहा है, बहुत लोगों की जान जा रही है, बहुत लोगों को इससे परेशानी हो रही हैं, बहुत से लोग अस्पताल में भर्ती हैं, बहुत से लोग तड़प रहे हैं, जान जा रही है, बहुत से लोग मरे पड़े हैं उनका संस्कार तक नहीं हो पा रहा है, बहुत से लोग घरों में कैद हैं, कोई भूखा है, कोई प्यासा है तो आप समझो यह परेशानी का समय है।
*काल भगवान के जैसे सजा देने के हैं बहुत हाथ वैसे उस मालिक के बचाने के हैं बहुत हाथ*
कहा गया है धीरज धर्म मित्र और नारी, आपत काल परखिए चारी। इस समय पर प्रेमियों नियम कानून को देखते हुए नियम का उल्लंघन नहीं करना है। जो सरकार ने नियम बनाए है उनका उल्लंघन नहीं करना है, उनको नहीं तोड़ना है। उसके अंदर ही रह करके लोगों को समझाने बताने की जरूरत है।
इस समय पर उस मालिक को याद करो। जब हर तरफ से आदमी निराश हो जाता है तो उस मालिक को याद करता है। मालिक को अगर याद करोगे और दीनता से पुकारोगे तो उसके बड़े हाथ हैं। जैसे काल भगवान के सजा देने के लिए बहुत से हथियार हैं, हाथ हैं, ऐसे बचाने वाले के भी बहुत हाथ हैं। आप जय गुरु देव नाम का जाप सब लोग करोगे। बताओ लोगों को कि जय गुरु देव नाम का जाप करो।
जय गुरु देव नाम का जाप करोगे, सुमिरन ध्यान भजन जो गुरु ने बताया, जो गुरु ने नाम दिया, मन तू भजो गुरु का नाम। गुरु ने जो नाम दिया उसको भजो, सुमिरन ध्यान करो, लोगों को बताते रहो।
*प्रेमियों! लोगों को समझाओ, उतावलेपन कोई काम न करे जिससे जान का खतरा हो जाये*
महाराज जी ने कहा कि प्रेमियों! लोगों को धीरज रखने की प्रेरणा दो। उतावलेपन में कोई ऐसा काम ना करें कि जिससे उनकी जान का खतरा पैदा हो जाए। धीरज धर्म किसको कहते हैं?
परहित सरिस धर्म नहिं भाई।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।
भूखे को रोटी खिलाना, दु:खी बीमार को दवा दिला देना, कोई कपड़े के अभाव में उसकी मदद कर देना यह परोपकार है। सबसे बड़ी चीज है जीवात्मा को बचाया जाए। इनकी अकाल मृत्यु न होने पावे, प्रेत योनि में न जाने पावे। इनके कर्म ऐसे खराब न बने। ये हिंसा, हत्या, तोड़फोड़, आंदोलन न करने लग जाए जिसकी वजह से इनको नर्क में जाना पड़ जाए। इस समय इनको बचाने की जरूरत है।
*गुरु पावरफुल होते हैं, उनके पास शक्ति होती है। उनको याद करते रहोगे तो इंद्रियां कंट्रोल में रहेंगी*
किसी बात के लिए उन्माद लोगों में पैदा न होने पावे, समझाने की जरूरत है क्योंकि जब आपातकाल आता है, ऐसी परेशानियां आती हैं तो उन्माद भी लोगों के अंदर पैदा हो जाता है। इस वक्त का बहुत बड़ा धर्म है।
आप समझो आपत काल परखिए चारी धीरज धर्म मित्र और नारी। मित्र किसको कहते हैं? जो मदद करे, जो हमेशा मददगार हो। उन्होंने कहा तुम ही मेरे मित्र हो, तुम ही मेरे सखा हो, मार्गदर्शक हो। वह कौन होता है? वह कौन होते हैं जो पावरफुल होता है? पावरफुल कौन होते हैं? पावर किसके अंदर होता है? मनुष्य शरीर में संत महात्मा गुरु रहते हैं। वह पावरफुल होते हैं। वह मालिक पावरफुल होता है। देवी देवता पावरफुल होते हैं। तो उनको अपना बनाओ।
मित्र से कोई चीज न तो छुपाते हैं और न मित्र को कोई चीज देने और लेने में संकोच करते हैं। जिसके पास पावर होता है, शक्ति होती है, सब कुछ होता है, वह आपसे लेगा क्या? लेगा भी तो आप की कमियों को लेगा जो आपके अंदर हैं। तो उनको आप अपना मित्र बनाओ। मालिक को बराबर याद करो, गुरु को बराबर याद करो, गुरु का ध्यान करो, गुरु का साथ करो। और नारी मतलब इंद्रियों को बहुत कंट्रोल करके रखो नहीं तो कभी भी धोखा दे देगी।
जयगुरुदेव
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Baba umakantji maharaj |
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Jaigurudev