जय गुरु देव
परम पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज की दया से-
20. मेरे पिताजी को जीवन दान मिला।
mere pitaji ko jivan dan mila
मेरा नाम रजत रस्तोगी है (8958188801)। मेरे पिताजी का नाम श्री संजीव रस्तोगी है।
मैं बिलासपुर, जिला रामपुर (उ.प्र.) का निवासी हूं।।
मेरे पिताजी का चचेरे भाई से 22 नवंबर 2020 को झगड़ा हुआ था। फिर वह झगड़ा शांत हो गया लेकिन 26 नवंबर लगभग 12:30 - 1 बजे के बीच मेरे पिताजी दुकान पर अकेले थे। उसी वक्त मेरे पिताजी के चचेरे भाई ने दुकान पर आकर मेरे पिताजी पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। हमला बहुत खतरनाक था।
पहले पांच से छह चाकू सिर पर मारे फिर सिर को शीशे मे मारा। लेकिन उसके बाद भी वह व्यक्ति नही रुका। उसने हाथ पर और हथेली पर पीठ पर और चाकू मारे। चाकू लगने की वजह से मेरे पिताजी को बिल्कुल होश नहीं रहा उसके बाद वह व्यक्ति भाग गया। पिताजी की जैकेट और पूरे कपड़े खून से लहूलुहान थे और दुकान में भी सब जगह खून ही खून हो गया।
मेरे पिताजी को इस हालत में मेरे चाचा जी और मेरे ताऊ जी का लड़का उन्हें तुरंत सरकारी हॉस्पिटल ले कर गए। पिता जी को हास्पिटल ले जाते समय सड़क पर भी काफी खून गिरा था। हास्पिटल पहुंचने पर डॉक्टर ने पहले तो मेरे पिताजी के सिर पर 40 टांके लगाये और बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए रूद्रपुर रेफर कर दिया।
परिवार के किसी भी सदस्य को सिर और हाथ पर चाकू के इतने सारे घाव/चोट/निसान देख कर पिता जी के जीवित बचने की उम्मीद बहुत कम लग रही थी। लेकिन परम् पूज्य (बाबा उमाकान्त जी महाराज) से फरियाद करते हुए परिवार के लोग पिताजी को रूद्रपुर उत्तराखंड लेकर गए। वहां पर उनके हाथ का ऑपरेशन हुआ और हाथ पर भी 30 टांके आए।
मैं उस वक्त बाबा जय गुरु देव आश्रम, उज्जैन, (म.प्र.) में था। जहां परम् पूज्य महाराज जी की दया से सेवा में लगा हुआ था।
जब मुझे पिता जी के साथ घटी दुर्घटना के बारे में सूचना प्राप्त हुई (पिता जी का खून बहुत निकल गया था) तब मैंने पूज्य महाराज जी से प्रार्थना की कि हुजूर दया किजिए और हुजूर की ऐसी कृपा मेहर हुई की एक बूंद खून की जरूरत नहीं पड़ी।
जिस समय मेरे पिता जी को ऑपरेशन थिएटर में ले जा रहे थे। मैं यहां उज्जैन में था और (परम् पूज्य महाराज जी) भी यही थे। मैं पूज्य महाराज जी से बराबर प्रार्थना कर रहा था।
ऑपरेशन के बाद जब स्थिति कुछ सामान्य हुई तब पिताजी ने बताते हुए कहा कि "मुझे महाराज जी के साक्षात दर्शन हुए" ऑपरेशन के समय पूज्य महाराज जी यहीं मौजूद थे, मेरे सामने खड़े थे और कह रहे थे कि "जय गुरु देव नाम कि ध्वनि बोलो बच्चा ठीक हो जाएगा।"
मैं यहां ( बाबा जय गुरु देव आश्रम उज्जैन ) में पूज्य महाराज जी से यही प्रार्थना कर रहा था कि हुजूर कि दया से पिता जी की जल्दी रिकवरी हो जाए और (परम् पूज्य महाराज जी) ने इतनी अपार दया की कि सिर्फ 3 दिन में ही मेरे पिताजी खुद अपने पैरों से चलकर हॉस्पिटल के बाहर आ गए और डॉक्टर्स भी हैरान थे। जिस डॉक्टर ने ऑपरेशन किया था। उनके यह शब्द थे की मैं हैरान हूं की इतने गहरे जख्म होने के बावजूद आपकी रिकवरी इतनी जल्दी कैसे हो गई।
तो सभी परिवार के लोगों को उम्मीद से कहीं ज्यादा महाराज की दया का अनुभव हुआ कि कैसे परम् पूज्य महाराज जी ने मेरे पिताजी को मृत्यु के मुंह से निकल कर जीवन दान दिया।
भाइयों और बहनों यह पू्ज्य महाराज जी की दया और जय गुरु देव नाम की ध्वनि का जीता जागता प्रमाण आपके सामने प्रस्तुत किया।
मैं आप सभी से यही प्रार्थना करना चाहता हूं की यह जय गुरू देव नाम इस समय का जीता जागता भगवान, खुदा, God का नाम है। कोई भी शाकाहारी सदाचारी, नशा मुक्ति व्यक्ति मुसीबत के समय जय गुरु देव नाम बोल कर के मदद लें सकता है।
शेष क्रमशः पोस्ट न. 10 में पढ़ें 👇🏽
जय गुरु देव
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