Meeting Massage, Baba JaiGuruDev Ashram Ujjain.
जयगुरुदेव
दिनांक 28.10.2019 को उज्जैन आश्रम पर हुई राष्ट्रीय गोष्ठी में लिये गये निर्णय-
जन- जन को जयगुरुदेव नाम की महिमा व इसके जाप से होने वाले लाभ के बारे में बताया जाए।
सभी संगत सुनिश्चित करें कि प्रत्येक नये पुराने सतसंगी के यहां नामधुनी हुई हैं या नहीं। जहां नही हो पाई है वहां करा दी जाए, और जहां हो गई है वहां सतसंगी यह नियम बना लें कि महीने में एक दो बार नामधुनी उनके यहां भी हो जाए।
प्रत्येक सतसंगी के यहां खाना परोसने से पहले कम से कम 10-15 मिनट नामधुनी अवश्य बोली जाए।
जिम्मेदार भाई संगतों में बता दें कि भोजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों ना हो लेकिन वह प्रसाद तभी बनेगा जब खाने से पहले परम पूज्य स्वामी जी महाराज व परम पूज्य महाराज जी के स्वरूप के सामने सपरिवार बैठकर प्रेम से 10-15 मिनट नामधुनी बोलेंगे।
नए नाम दानियों को नामध्वनि करने- कराने जिस घर में नामध्वनि हो उस घर पर नया झंडा लगा कर, प्रार्थना पाठ के बाद नाम ध्वनि का शुभारंभ करने की जिम्मेदारी दी जाए।
उनके सहयोग से पुराने अनुभवी सेवादार भी मार्गदर्शन के लिए रहें।
नए नामदानियों का भण्डारा चलाने, भोजन कराने व अन्य सेवाओं में सक्रिय सहयोग लिया जाए।
सतसंग की रहनी गहनी व वक्त के आदेशों की निरंतर जानकारियों के लिए नई-नई जगहों पर साप्ताहिक सतसंग केंन्द्र शुरु किये जाएं। बन्द या शिथिल पड़े केन्दों को सक्रिय किया जाए।
सभी सतसंगियों को स्पष्ट रूप से गुलाबी की मर्यादा बनाए रखने की हिदायत दी जाए। यह फकीरी आदेश से पहना हुआ वरदानी कपड़ा है सभी सतसंगी इसकी मर्यादा को समझें यह बात सबको बताने की जरूरत है।
घर, वाहन, टाँयलेट, बाल्टी आदि को गुलाबी रंग करके इसकी मर्यादा को खण्डित न करें।
प्रत्येक जिला से एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के जानकार चिकित्सक तैयार किए जाएं।
युवाओं को उज्जैन आश्रम पर होने वाले एक्युप्रेशर प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और ऐसे प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा अपने जिला के जिम्मेदारों के सहयोग व निर्देशानुसार अपने- अपने जिलों में एक्युप्रेशर चिकित्सा शिविर लगाकर गुरु महाराज के मिशन को आगे बढ़ाया जाए।
- साभार, बाबा जयगुरुदेव आश्रम उज्जैन
दिनांक 28.10.2019 को उज्जैन आश्रम पर हुई राष्ट्रीय गोष्ठी में लिये गये निर्णय-
सभी संगत सुनिश्चित करें कि प्रत्येक नये पुराने सतसंगी के यहां नामधुनी हुई हैं या नहीं। जहां नही हो पाई है वहां करा दी जाए, और जहां हो गई है वहां सतसंगी यह नियम बना लें कि महीने में एक दो बार नामधुनी उनके यहां भी हो जाए।
प्रत्येक सतसंगी के यहां खाना परोसने से पहले कम से कम 10-15 मिनट नामधुनी अवश्य बोली जाए।
जिम्मेदार भाई संगतों में बता दें कि भोजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों ना हो लेकिन वह प्रसाद तभी बनेगा जब खाने से पहले परम पूज्य स्वामी जी महाराज व परम पूज्य महाराज जी के स्वरूप के सामने सपरिवार बैठकर प्रेम से 10-15 मिनट नामधुनी बोलेंगे।
नए नाम दानियों को नामध्वनि करने- कराने जिस घर में नामध्वनि हो उस घर पर नया झंडा लगा कर, प्रार्थना पाठ के बाद नाम ध्वनि का शुभारंभ करने की जिम्मेदारी दी जाए।
उनके सहयोग से पुराने अनुभवी सेवादार भी मार्गदर्शन के लिए रहें।
नए नामदानियों का भण्डारा चलाने, भोजन कराने व अन्य सेवाओं में सक्रिय सहयोग लिया जाए।
सतसंग की रहनी गहनी व वक्त के आदेशों की निरंतर जानकारियों के लिए नई-नई जगहों पर साप्ताहिक सतसंग केंन्द्र शुरु किये जाएं। बन्द या शिथिल पड़े केन्दों को सक्रिय किया जाए।
सभी सतसंगियों को स्पष्ट रूप से गुलाबी की मर्यादा बनाए रखने की हिदायत दी जाए। यह फकीरी आदेश से पहना हुआ वरदानी कपड़ा है सभी सतसंगी इसकी मर्यादा को समझें यह बात सबको बताने की जरूरत है।
घर, वाहन, टाँयलेट, बाल्टी आदि को गुलाबी रंग करके इसकी मर्यादा को खण्डित न करें।
प्रत्येक जिला से एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति के जानकार चिकित्सक तैयार किए जाएं।
युवाओं को उज्जैन आश्रम पर होने वाले एक्युप्रेशर प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और ऐसे प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा अपने जिला के जिम्मेदारों के सहयोग व निर्देशानुसार अपने- अपने जिलों में एक्युप्रेशर चिकित्सा शिविर लगाकर गुरु महाराज के मिशन को आगे बढ़ाया जाए।
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