जयगुरुदेव स्वामी जी व महाराज जी का आदेश- प्रार्थना रोज होनी चाहिए (post no.2)
शान्ति नहीं मिल सकती है मन में।
खोज फिरा संसार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
तब पावे प्रकाश की धारा।
आकर तेरे द्वार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
मिले न जब तक चरण सहारा।
हो न सकें भव पार, सतगुरु एक तुम्ही आधार।।
हमें बचाते भव कूपों से।
ऐसा परम् उदार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
सब दुःख दूर करो दुखहारे।
जयगुरुदेव दयाल सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
अब तक किए जो पाप उन्हें माफ कीजिये।
दुनिया है छल फरेब की मिलती नहीं डगर।
किस्मत से आप मिल ही गये, उद्धार कीजिए।।
जाना है खाली हाथ संग जाएगा कुछ नहीं।
कामादि दुश्मनों को स्वामी मार दीजिए।।
मन काबू में है नहीं मेरे धोखा दे रहा।
चाहूं दया तुम्हारी, मुझे पार कीजिए।।
अब तक किए जो पाप उन्हें माफ कीजिये।।
*[प्रार्थना 8.]*
हम अनाथों का कोई सहारा नहीं।।
यह जख्मी जिगर को किसे मैं दिखाऊं ।
या तो मिल जा मुझे या बुला ले मुझे,
याद तेरी सताती बड़ी है मुझे।।
देख ले जो तू आ करके बस एक नजर,
मेरा जीवन यह पल में संवर जाएगा।।
अब ना जाना कहीं छोड़कर के मुझे,
वरना यह दाना दाना बिखर जाएगा ।।
क्यों बीती वह ऐसी मुबारक घड़ी।
देखो दाता मेरे मैं वहीं पर खड़ी,
अब लगा दो वह अपनी प्रेम झड़ी।।
लगी दर्शन की है प्यास बड़ी....
कोई और रंग अब ना चढ़े।
मेरा प्रेम तुझसे यूं ही बड़े।।
हम अनाथों का कोई सहारा नहीं।।
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सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ।।
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ।।
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ।।
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ।।
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ।।
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ।।
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1 टिप्पणियाँ
आपकी पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी, एवं ऐसी पोस्ट को पब्लिश करना बहुत जरूरी है लोगों के लिए यह बहुत ही हेल्प करेगी। ऐसे लेखक को बहुत-बहुत धन्यवाद Very good informationJai Guru Dev
जवाब देंहटाएंJaigurudev