जो लोग अक्ल का लठ लिये सच्चे महात्माओं से पंगा लेते हैं, वो बचने के लिये कुछ ऐसा बहाना सोचेंगे- (कहानी संख्या 43.)

 जो लोग अक्ल का लठ लिये सच्चे महात्माओं से पंगा लेते हैं,  
वो बचने के लिये कुछ ऐसा बहाना सोचेंगे-
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एक सास- बहू में लड़ाई हो गयी । बहू ने कहा ले मैं जाती हूँ कभी लौटके नही आऊंगी, और गली मोहल्ले में छुप गयी। 
शाम होने को हुई अब वो पछताई क्या करुं...? घर वापस कैसे जाऊं। 
 
उधर से उसकी बकरी चर के आ रही थी,  झट से बहू ने उसके गले मे हाथ डाल दिया और कहने लगी  "अरे तू मत ले जा!  मैं घर नही जाने वाली"  बकरी घर की तरफ खीचती,  बहू थोड़ा बहाना मार देती ।
 
सास भी दरवाजे पर खड़ी इन्तजार कर रही थी।
बहू को देख कर घर में बुला लिया गल्ती माफ।
 
 सभी गुरुभाई बहनों को सादर सप्रेम जयगुरुदेव...


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🌻 जयगुरुदेव 🌻



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