जयगुरुदेव आध्यात्मिक संदेश
परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-
1699. समर्थ गुरु का आदेश फायदेमंद होता है।
1700. प्राण खिसकने से स्थान सुन्न होने लगते हैं।
1701. भगवान मिलेगा तो इसी मनुष्य रूपी मंदिर में ही मिलेगा।
1702. धरती के अलग-अलग राजाओं की तरह अण्ड लोक में भी राजा हैं।
शराबी कहीं कामयाब नहीं हो सकता है।
देश को बर्बाद करेगी शराब-मान्स से पैसा कमाने वाली गवर्नमेंट की पॉलिसी।
1703. सन्त-महात्मा किसे कहते हैं ?
1704. किसका आत्मधन छिन जाता है और किसका आत्मधन कम नहीं होता है ?
1705. आध्यात्मिक दौलत कौन बांटता है ?
1706. सार शब्द पकड़े बिना जीवात्मा की सफाई हो ही नहीं सकती है।
गुलाबी वस्त्र की महिमा।
घबराहट तो बहुत होती थी कि ये दया खत्म न हो जाय।
1707. घबराहट तो बहुत होती थी कि ये दया खत्म न हो जाय।
1708. आवाज ही पर ये दुनिया टिकी हुई है।
1709. सार शब्द अन्दर के कान से सुनाई पड़ता है।
1710. भजन करने के लिए रात में दो से चार बजे के बीच में उठने के लिए क्या करना चाहिए ?
1711. जयगुरुदेव नाम बुद्धि, समाज, देश में विकास करने वाला नाम हो जाएगा।
1712. बहुत से पुराने सतसंगियों को मालूम ही नहीं है कि सुमिरन, ध्यान कैसे किया जाता है ?
1713. नामदान लेने के बाद किसी भी पशु-पक्षी का मांस, मछली, अंडा मत खाना।
1714. नामदान लेने के बाद मदहोश करने वाले नशे का सेवन भूलकर भी मत करना।
1715. दूसरा नाम आएगा।
1716. जीवात्मा पर चढ़ी मैल अपने आप कटेगी।
1717.भजन करने के लिए रात में दो से चार बजे के बीच में उठने के लिए क्या करना चाहिए ?
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1718. धर्म की बेल अभी कोई खत्म नहीं कर सकता है।
1719. अंदर में राम का चरित कभी बंद नहीं होता है।
1720. किया हुआ अच्छा कर्म मदद करता है और आत्मा का कर्म प्रभु के पास पहुंचा देता है।
1721. बेईमानई का पैसा ज्यादा दिन तक नहीं रुकता है।
1722. ऐसे ही भटकते राह जाओगे।
1723. पूरे सन्त जहां भी जाते हैं वहां जीवों का फायदा ही होता है, कुछ न कुछ लाभ जीवों को मिलता ही मिलता है।
1724. साधना के लिए बैठो तो कुछ दिखाई-सुनाई देना चाहिए।
1725. मन कंट्रोल में कैसे रहेगा ?
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