महाराज जी के सत्संग वचनों के वीडियो क्लिप (मात्र 60 सेकंड में कुछ नया सुनें) 51.

परम पूज्य परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-

1182. मालिक को पाने के लिए सभी आत्माओं से प्रेम करना पड़ेगा।

1183. ध्यान में दूर देखने के लिए क्यों कहा जाता है?

1184. साप्ताहिक सतसंगों में गुरु महाराज के संदेशों को बताते रहो।

1185. सेवा करने से भजन में मन लगता है।

1186. सतसंग में क्या बताया जाता है ?

1187. मितव्यई, कंजूस किसे कहते हैं ?

1188. कंज गुरु।

1189. भगवान कब अच्छे नहीं लगते हैं ?

1190. जब तक दवा खोजेंगे तब तक बहुत से लोगों का राम नाम सत्य हो जाएगा।

1191.भजन में मन न लगने और मन न रुकने के क्या कारण हैं ?

1192. मुसीबत,तकलीफ में जयगुरुदेव नाम की परीक्षा लेकर देख सकते हो।

1193. जो सच्चे महात्मा होते हैं....

1194. दुनिया का भूत कब सवार होता है ?

1195. मैं तो सेवक कहता हूं अपने को।

1196. ध्यान कैसे करना होता है ?

1197. महात्मा के यहां नौकर बनकर सेवा और भजन करना चाहिए।

1198. जीवन का टाइम टेबल बनाने से मन एक ही कार्य में लगने लगता है।

1199. अनहद किसे कहते हैं ? 


1200. सन्तमत सबसे ऊंचा मत है।

1201. सुमिरन से कर्म कैसे कटेंगे ?

1202. लोग अपना कर्तव्य भूल जाते हैं।

1203. गृहस्थ आश्रम में रहो लेकिन फंसे मत रहो।

1204. शरीर को पाक साफ रखते हुए लगातार सुमिरन ध्यान भजन करोगे तो साधना के सभी अनुभव होंगे।

1205. जीवात्मा प्रभु के गोद में कैसे बैठ पाएगी ?

1206. बिना अलार्म के सुबह जल्दी कैसे उठें।

1207. अभ्यास करते रहने से जीवात्मा के कान का पर्दा हट जाता है।

1208. रात की यात्रा बहुत अच्छी नहीं होती है।

1209. अच्छा महसूस ना हो तो क्या करना चाहिए ?

1210. भक्ति पकेगी तो गुरु आपसे दूर नहीं रहेंगे।

1211. सतसंगियों को भी वही सजा मिलेगी।

1212. गृहस्थी कैसे सुलझती है ?

1213. गुरु सम्हाल करेंगे।

1214. मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपको गुरु का नाम-कार्य बढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

1215. गुरु महाराज आपके लिए कार्य छोड़कर गए हैं।

साधना टीवी चैनल
TV Episode -1020 | कर्मों के अनुसार अंत समय में जीव के साथ कैसा व्यवहार होता है |

परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के परमार्थी वचन 

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