जयगुरुदेव
27.01.2024
प्रेस नोट
इंदौर (मध्य प्रदेश)
*शराब और जानवरों के कटने का रुपया टैक्स के रूप में आता है इसलिए सरकारी धन पाप का धन है और उपयोग के लायक नहीं है*
*सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने समझाया- गुरु से क्या मांगना चाहिए*
कर्मों के गहन विधान जिससे अवतारी शक्तियां भी नहीं बच पाई, जिसकी वजह से अनजान में मनुष्य पाप का भागी बनता जा रहा है और फिर बुरा फल भोगना पड़ता है, उसे सरल शब्दों में समझा-बता कर पाप और उसकी सजा से बचाने वाले इस समय के जीवित पूरे समरथ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 30 मार्च 2022 को प्रातःकालीन बेला में इंदौर आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि सरकारी धन अच्छा नहीं होता है। बकरा, भैंसा, मुर्गा, गऊ, बैल आदि काटने का, शराब का रुपया टैक्स के रूप में आता है सरकार के पास। ये उसको खर्च करते हैं। वो टैक्स का धन पाप का धन होता है। पाप का धन नहीं खाना चाहिए।
*मांगना है तो सतगुरु से मांगो, जो सारे संसार को देते हैं, जिनसे देने वाला भी इस समय मांगता है*
जो लालच करते हो, यह हमको सरकारी अनुदान या छूट दिला देंगे या हमारा घर बनवा देंगे, यह-वह कर देंगे लेकिन वह अच्छा पैसा नहीं होता है। इसलिए मांगना ही है तो उससे मांगो जो सबको देता है। जिससे देने वाला भी इस समय मांगता है, उसी से मांगो, गुरु से मांगो, वह आपको देंगे प्रेमियों।
*सरकार के पैसे से धर्म की बेल नहीं बढ़ सकती -बाबा उमाकान्त जी*
महाराज जी ने 1 जनवरी 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि प्रेमियों! सरकार से कुछ मत लेना। सरकार से एक पैसे (प्राप्त करने) की इच्छा न रखो। सरकार के पैसे से धर्म का काम नहीं हो सकता है, धर्म की बेल नहीं बढ़ सकती है क्योंकि राजकोष का पैसा मुर्गा गाय भैंसा आदि कटने का, हिंसा हत्या जो लोग करते हैं, उनके टैक्स का पैसा, वही सब होता है। तो वह आपके लिए अच्छा नहीं रहेगा। आप अपनी मेहनत ईमानदारी की कमाई का साफ सुथरा पैसा जहां लगाओगे, वहां आपको कामयाबी मिलेगी। अगर पैसे से धर्म का काम होने को होता तो सारा देश आज क्रिश्चियन हो गया होता। कहीं कुछ हो रहा है? उस पैसे का कोई कहीं असर नहीं हो रहा है। आप मेहनत की कमाई का अपना लगाना। और मेहनत करके एक-दुसरे का जो कई जन्मों का लेना-देना है, उसे काट लो।
*सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने समझाया- गुरु से क्या मांगना चाहिए*
महाराज जी ने 4 दिसंबर 2022 प्रातः बावल रेवाड़ी (हरियाणा) में बताया कि गुरु जी हमको तो आप चाहिए। हम तो आपको चाहते हैं। आप हमेशा हमारे सिर पर सवार रहो। गुरु माथे पर राखिए, चलिए आज्ञा माहि, कहत कबीर ता दास को, तीन लोक भय नाहि। जो गुरु को मस्तक पर सवार रख करके चलता है, तीन लोक में उसके लिए कोई भय, डर नहीं हुआ करता है। लेकिन इस समय बगैर गुरु की दया के, गुरु को मस्तक पर कोई रख नहीं सकता है। इसलिए गुरु भक्तों को संकल्प बनाना चाहिए, गुरु से ही प्रार्थना करनी चाहिए कि गुरु जी! दया करो। आप मेरे मस्तक पर हमेशा सवार रहो। आपका ही यह मन, तन और धन दिया हुआ है, इससे जो चाहो, आप करा लो।
आप हमारे हृदय में बसे रहो। आप हमेशा साथ रहो, हमारा साथ मत छोड़ो। यही मांगना चाहिए। तो उसने यही मांगा। कहा, आप बस हमारे साथ, हमारे मस्तक पर सवार रहो, आप न उतरो। आप उतर जाओगे तो शुरू से ही हमको काल और माया बहुत भरमा रहे हैं लेकिन आप मिल गए तब से मेरा भ्रम और भूल धीरे-धीरे खत्म हो गया। और जब आपने अंतर में मुझे अपना रूप दिखा दिया, अपना लिया तो आप पर मुझको पक्का विश्वास हो गया। मैं समझ गया कि आप साधारण पुरुष नहीं हैं। आप हमेशा हमारे साथ रहो।
लेकिन आप जब कह रहे हो कि मांग ले तो यह आपकी दया मांग रहा हूं। लेकिन दुनियादारी की चीजें समझ कर के अपने दिमाग से मांगे तो आपसे यह मांग रहा हूं कि कलयुग में ऐसी परीक्षा किसी की मत लेना। कलयुग के जीव जल्दी परीक्षा में पास नहीं हो पाएंगे। प्रेमियों! आजकल तो कोई परीक्षा ही नहीं ले रहे हैं गुरु जी। गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी ने कोई परीक्षा नहीं लिया। बहुत से लोग पहुंचे गुरु महाराज के पास। एक ही बार में नामदान दे दिया। समझ भी नहीं पाए थे। पुराने लोगों ने आपको समझाया की भाई अनमोल चीज आपको मिली है जो रुपया, पैसा, धन-दौलत से खरीदी नहीं जा सकती है।
तो तुम आत्म धन प्राप्त कर लो, जिस धन से सारे धन आपके पास आ जाएंगे। दुनिया का धन जहाँ खत्म हो जाता है वहां से अध्यात्म धन की शुरुआत होती है। वह चीज तुमको मिल गई है। फिर आप सुमिरन, ध्यान भजन करने लग गए। समझो आपको फ्री में कोई चीज जब मिल गई है तो अब इसकी कीमत आपको लगाना चाहिए। गुरु महाराज ने नाम दान देते समय गुरु भक्ति की परीक्षा भी नहीं लिया। कोई लोटा, धोती, लंगोटी, अनाज, बिस्तर आदि कोई सामान भी नहीं मांगा। देखन में छोटा लगे, घाव करे गंभीर।
लेकिन यह तो कहने का नाम दान है लेकिन नाम में बड़ी कीमत होती है। नाम में बड़ा प्रभाव होता है। नाम का बड़ा असर, बड़ी ताकत होती है। यह जो नाम गुरु महाराज ने दिया, बराबर नाम की कमाई करते रहने की जरूरत है।
*पुरानी पद्धति छोड़ने की वजह से गृहस्थी की गाडी अब डिसबैलेंस होने लग गयी*
मनचले लोगों ने पुरुष और औरत का सब बैरियर मर्यादा तोड़ दिया तो गाड़ी किधर भी जाए, कोई रोक-टोक नहीं। और जब गाड़ी इधर-उधर चली जाएगी, टकरा जाएगी तो एक्सीडेंट हो जाएगा। यदि बैरियर (संयम, मर्यादा, नियम) नहीं रहेगा तो गाडी तेजी से इधर-उधर चली जाएगी, भटक जाएगी, टूट जाएगी। तो इस समय पर बहुत से लोगों ने पुरानी पद्धति, पुरानी चीजों को जो छोड़ दिया है उससे अब गृहस्थी की गाड़ी डिसबैलेंस होने लग गई। ये तीज त्योंहार यही याद दिलाते हैं।
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गहरे ज्ञान की बात बताने समझाने वाले Baba umakantji maharaj |
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