महाराज जी के सत्संग वचनों के वीडियो क्लिप (मात्र 60 सेकंड में कुछ नया सुनें) 49.

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन:-

1120. दूसरे औरत से संबंध रखने वाले 
का मुक्ति मोक्ष नहीं होता है।

1121. कोई पूछता है किसके तेल में ये बना है।

1122. नशे की सभी चीजें खराब होती हैं।

1123. गुटखा से दूर रहो।

1124. 50% अपराध इसी से बंद हो जाएगा।

1125. नए वर्ष का संकल्प।

1126. भजन,ध्यान में मन न लगे तो क्या करना चाहिए ?

1127. सच्चे सन्त के हाथ के इशारे से भी दया होती है।

1128. स्कूल, कोचिंग क्लास की जरूरत क्यों होती है ?

1129. सबके लिए हमारी शुभकामनाएं हैं।

1130. पाठ पूजा से आपका अंतर का आंख कान खुला कि नहीं खुला?

1131. जब समझ में आ जाता है तो आदमी पांच नाम की साधना में लग जाता है।

1132. गुरु महाराज की मौज से ही ये गुलाबी कपड़ा पहनाया गया है।

1133.आगे का समय बड़ा खराब आ रहा है।

1134. साधना वही कर पता है जो शाकाहारी नशा मुक्ति होता है।

1135. पेड़, पौधे, जानवर, पत्थर, भगवान नहीं हो सकते।

1136. जयगुरुदेव नाम की ताकत का पता कैसे चलेगा ?

1137. मन काबू में कब आता है ?

1138. बाबा जयगुरुदेव जी महाराज धरती के पूर्ण सन्त थे। 

1139. ज्यादा लोभ-लालच पतन का कारण होता है।

1140. दरवाजे पर बैठो, घर में मत घुसो, बहन,बहू,बेटियों के बीच में मत जाओ।

1141. गुलाबी कपड़ा आपकी बचत करेगा।

1142. तीन लोक नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोय।

1143. मनुष्य का असला काम जीवात्मा को घर पहुंचना है।

1144. जो भक्ति करता वही महापुरुषों का प्यारा होता है।

1145. विद्वान लोग परे की विद्या अर्जित नहीं कर पाए।

1146. राम भी नाम की महिमा के बारे में नहीं जान सकते हैं।

1147. गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज पूरे (पूर्ण)सन्त थे।

1148. जब समझ करके करोगे तो गुरु की दया मिलेगी।

1149. सबसे ज्यादा ताकत जयगुरुदेव नाम में है।

1150. साधना में अंतर में दिखने वाले नजारे।

1151. दिव्य दृष्टि खुलने पर कैसा लगता है ?

1152. आध्यात्म विद्या ( पराविद्या ) का ज्ञाता होने से भारत विश्व गुरु कहलाता था।

1153. मेहनत, ईमानदारी से बरकत मिलती है और तरक्की होती है।

1154. जीव हत्या को बचाने की जरूरत है।

1155. लोगों को समझाते रहो ताकि लोग मानव मंदिर को गन्दा न करें।

1156. गृहस्थ आश्रम के साधकों के लिए दिशा-निर्देश 

1157. हमारे यहां एक मानव जाति है।


हनुमान जी वोही ध्यान भजन करते थे प्रेमियों जो आपको करने के लिए बताया गया है:


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