महाराज जी के सत्संग वचनों के वीडियो क्लिप (मात्र 60 सेकंड में कुछ नया सुनें) 46.

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन:-

1036. ये सेंतमेत में मिलने वाली चीज नहीं है, पसीना बहाना पड़ता है।

1037. जो भी सेवा मिले उसको अगर कर लिया जाए तो उससे कर्म कटते हैं।

1038. शिव धनुष तोड़ना किसे कहते हैं ?

1039. धन की सेवा से क्या होता है?


1040. दुःख, तकलीफ रहेगी तो भगवान भी अच्छे नहीं लगेंगे।

1041. नाम की कमाई समझने के लिए वक्त के सतगुरु के पास जाना पड़ेगा।

1042. आप ऊपरी लोकों में जा सकते हो और आ सकते हो।
https://www.youtube.com/clip/UgkxdHuUaBVYqG0jI7ig5Ev0MgfLUkpB03KG

1043. अच्छे काम का संकल्प हमेशा पूरा होता है।

1044. अरे सफल हो जाओगे गुरु की दया से।

1045. सुरक्षा पर सबको ध्यान रखने की जरूरत है।

1046. आत्मज्ञान कौन कर सकता है?

1047. समर्थ गुरु की पूजा में सबकी पूजा।

1048. जहां ये दुनिया की सारी विद्या खत्म हो जाती है वहां से आध्यात्मिक विद्या की शुरुआत होती है।

1049. यहां प्रैक्टिकल क्यों कराया जाता है।

1050. महात्माओं के यहां कोई भेदभाव नहीं होता है।

1051. कर्म किससे कटते हैं?

1052. दस तरह के सुन्न हैं।

1053. वक्त के समर्थ सन्त दोनों बंधनों से मुक्त करा देते हैं।

1054. कर्मों को तो भोगना ही पड़ता है।

1055. ये कर्मों का चक्कर सतगुरु कटवा देते हैं।


1056. गंगा की धाराएं किसे कहते हैं?

1057. वही लोग काम कर सकते हैं।

1058. ध्यान, भजन में मन जल्दी कैसे रुकेगा ?

1059. सबसे बड़ी दक्षिणा।

1060. दिल दुखाकर लाया हुआ धन फायदेमंद नहीं होता है।

1061. बच्चों की शादी तय करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें।

1062. इन चीजों को हमेशा याद रखना है।



 विश्वास दिलाने वाले 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ