ऐसी प्रार्थना करो कि गुरु आपके लिए रास्ता खोल दें

जयगुरुदेव

13.08.2023
प्रेस नोट
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़ )

*ऐसी प्रार्थना करो कि गुरु आपके लिए रास्ता खोल दें*

*सन्त बाबा उमाकान्त जी ने बताया, भगवान कब रीझते हैं, अमीय रस कब मिलता है*

गुरु को प्रभु को खुश करने का तरीका बताने वाले, अन्तर की रूहानी दौलत देने वाले, बाहर के खराब कर्मों और आदतों से सावधान करने वाले, कर्म काटने और लोगों की जान बचाने की प्रेरणा देने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 4 अप्रैल 2023 दोपहर राजनांदगांव (छत्तीसगढ़ ) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

गुरु महाराज जब मौजूद थे, कार्यक्रम का जब मालूम पड़ता था कि भंडारे का, होली, दीपावली आदि संतसग का कार्यक्रम हो रहा है तब कहते थे, गुरु महाराज, हम बड़े झंझट में पड़े हैं, हमें निकाल लो, यह हमारा काम जल्दी से हो जाए तो हम (सतसंग कार्यक्रम में) आ जाएं, इसी तरह से जब प्रार्थना करोगे कि गुरु महाराज इस मृत्युलोक, दु:ख के संसार से हमें निकाल लो, अब यहां हम को आना न पड़े, जब तक हमारा समय है तब तक हम यहां सुख से रह ले लेकिन (अपने असला वतन, घर) आना-जाना मारा शुरू हो जाए, कि जब इस पिंड (शरीर) से हमारी आत्मा निकाली जाए तो हम आपके पास पहुंचने में देर न करें, विघ्न बाधा हमारे लिए कोई न आवे, तो वह रास्ता खोल देंगे, आपको बुला लिया करेंगे, आप को दर्शन देंगे, आपको अपना घर दिखाएंगे, आपको अन्य ऊपरी लोक जैसे देव लोक, सूर्य लोक, चंद्र लोक आदि भ्रमण करा देंगे। विश्वास के साथ आप लोग सुमिरन, ध्यान, भजन में लगो।

*भगवान कब रीझते हैं*

महाराज जी ने 29 मार्च 2023 सांय इंदौर में बताया कि यदि पूछा जाए कि भगवान से मिलना चाहते हो तो सब हाथ उठा दोगे। तो भगवान ऐसे नहीं मिलते हैं। तड़प से जब उनको पुकारते हैं, प्यास लगती है जब उनसे मिलने की, या त्याग करते हैं तो वह दया करते हैं। त्याग को, तड़प देख कर के रीझते हैं।

*अमीय रस कब मिलता है?*

बहुत मेहनत किया गुरु महाराज ने। कहते हैं- तन को जारो, मन को मारो, इंद्रिय सुख भोग विसारो। तब समझो वह अमीय रस पाओ।। जब इन (दुनिया के, इन्द्रियों के) रसों को छोड़ दोगे तब उसका रस मिलता है। रस ही तो मिलता है। जैसे आंख से देखने से कहते हैं बहुत अच्छा लग रहा है देखने में, यह देखो दृश्य, सीन सीनरी, नदी, जानवर, आदमी, बच्चा यह औरत, देखो बहुत अच्छा लगता है। सुनने में रस मिलता है। निंदा, बुराई सुनने से। यह नहीं मालूम है कि निंदा बुराई सुनने से उसके पाप आ जाते हैं। गाना, बजाना सुनने में रस मिलता है। लेकिन यह सब रस भूल करके जब जीव उधर ऊपर ध्यान लगाते हैं तो ऊपर का अमीय रस जब मिलता है तो आदमी मस्त हो जाता है।

*लोगों को सुधारने के लिए समय निकालो*

महाराज जी ने 21 दिसंबर 2022 बावल (हरियाणा ) में बताया कि सब लोग शाकाहारी का प्रचार बराबर करते रहो। लोगों को सुधारने के लिए समय निकालो क्योंकि समय खराब आएगा ही आएगा। अच्छा और खराब, पाप और पुण्य, यह दोनों रहा है। सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग, यह बराबर आते रहे हैं। देखो अगर ठंडी न आवे तो गर्मी का पता न चले, गर्मी न आवे तो ठंडी का पता, अनुभव नहीं होगा। यह प्रकृति का नियम चक्र है जो चलता ही रहता है। जब अत्याचार, पापाचार, दुराचार, मारकाट, हिंसा-हत्या, धोखाधड़ी, बेईमानी, अच्छे काम में बाधा होती हैं, बढ़ता जाता है तब देखो आते हैं कि नहीं आते हैं। 

अवतारी शक्तियां, ऋषि, मुनि, सन्त आए। यह जब बढ़ता है तो परिवर्तन करने वाला आता ही है। लेकिन समझाते, बताते, रास्ते पर चलाते-चलाते ही बहुत से लोग चले जाते हैं। सन्त संभाल करते ही करते हैं। जैसे दवा के खोजते खोजते ही कोरोना रोग में बहुत से लोग दुनिया से चले गए। जैसे पहले टीबी चली थी, रोते थे लोग, फिर अन्य रोग आये। लोग रोते रहे कि दवा नहीं मिल रही, फायदा नहीं कर रही। देखो हमारा लड़का, पत्नी, पति, ससुर मर गए, लोग चिल्लाते रह गए लेकिन जब उसका इलाज खोज लिया गया, लोगों ने उस तरह का संयम-नियम कर लिया कि रोग न हो तो उसको साधारण सर्दी जुकाम की तरह से समझने लगे। इसी तरह से कोरोना भी अब ज्यादा घबराने वाला नहीं रह गया। 

दवाई खोज ली गई। प्रकृति से बहुत सी चीजें जो आपको पहले सतसंग में बताई गई थी, जैसे इन औषधीय पौधों को घर में लगाओ, इनको पीने, इस्तेमाल करने से लोगों को फायदा मिलेगा। बहुत से लोग अभी काढ़ा बनाकर के पी लिया करते हैं जिससे यदि शरीर के अंदर कोई जर्म्स आ गए हो तो उसका कोई असर न हो। लेकिन यह शोध करने में ही, समझाने बताने और जानकारी करने-करवाने में ही बहुत से लोग दुनिया से चले जाते हैं। तो अगर लोगों को बराबर आगाह किया जाए, बराबर नियम बना लिया जाए, अगर बराबर संभाल किया जाए, देखो किस-किस तरह से राजा लोगों ने प्रजा को सुधारा, किस तरह से महात्माओं ने इतिहास सुधारा, अनेक लोगों को सुधार दिया। 

आप तो गुरु महाराज के बंदे हो, आप भी बराबर प्रयास, विश्वास करते रहो कि कुछ हम भी अच्छा काम, परोपकार का भी काम करते रहें क्योंकि मनुष्य ही परोपकार कर सकता है। तो उस परोपकार में भी समय निकालते रहो। इससे आपका और दूसरों का भी उपकार होगा। प्रेमीयों! इन सब चीजों का बराबर ध्यान रखो।





atmdarshan karane wale baba uamakantji maharaj


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