मार्ग दर्शक भंडारा 2023 की कुछ रोचक बातें (6.)

✩ जयगुरुदेव 

जो काम आप करोगे प्रेमियों वो लोगों के लिए फलदाई होगा

जो बीज गुरु महाराज (बाबा जयगुरुदेव जी महाराज) डालकर गए अब वो पेड़ का रूप ले रहा है। फल आने का समय अब आ रहा है। अभी तो समझो वृक्ष बना है, पेड़ बना है, उसके बाद यही बगीचा जो गुरु महाराज लगाकर गए, यह लोगों को फल देने लगेगा। 

देखो! बगीचा कोई लगाता है लेकिन फल बहुत लोग खाते है । यह लाखों लोगों की जो संगत आप देख रहे हो, यह किसके नाम पर आई है, यह गुरु के नाम पर आई है। यह प्रेमी बच्चे और बच्चियां, माताएं और बुड्ढे, यह किसके नाम पर आएं हैं, यह जयगुरुदेव बाबा के नाम पर आए हैं, उनके भंडारे के नाम पर आए हैं। तो यह उन्होंने बीज डाला था, संस्कार डाला था, नाम अंदर में पहुंचाया था, अब वो अंदर में जगह बना रहा है। यह लोग जब निकलेंगे, यह संगत जब काम करेगी, तब देखना । 
जो काम आप करोगे प्रेमियों! वो लोगों के लिए फलदाई होगा। सबको उसका फल मिलेगा और लोग जब फल खाएंगे तो तृप्त हो जाएंगे, उनका पेट भर जाएगा ।


17 मई को प्रातः काल की बेला में परम पूज्य बाबा जी महाराज ने सतसंग सुनाते हुए कहा कि-

पूरे विश्व में मांसाहार बंद हो जाएगा

इस समय पर लोगों को समझाना, बताना है कि सतयुग के लायक लोग हो जाएँ । सतयुग में कोई भी मांस, मछली, अंडा, शराब की दुकान होगी ही नहीं । कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की बात तो छोड़ो, जब पूर्ण सतयुग इस धरती पर अपना प्रभाव डालेगा तो पूरे विश्व में मांसाहार बंद हो जाएगा ।


मालिक प्रेम और तड़प से रीझता है

एक माँ ने अपने लड़के को दूध पिला करके सुला दिया और भोजन बनाने लगी । लड़के ने सपना देखा और गिर गया तो रोया । माँ दौड़कर आई, उठाई, चूमा-पाटा, मिठाई खिलाया, खीर बना रही थी तो खीर खिलाया। उसके बाद वह खेलने लगा। दूसरे दिन सोचा कि लाओ आज भी उसी तरह से चिल्लाएं जिससे मीठा खाने को मिल जाए और माँ प्यार कर दूसरे दिन धीरे से लुढ़क गया नीचे चारपाई पर से और चिल्लाया। 

उस दिन में  माँ बर्तन धो रही थी घूम कर देखा भी नहीं। फिर चिल्लाया, मर गया में. तू देख नहीं रही, आ नहीं रही है मेरे पास माँ कुछ नहीं बोली। बच्चे को समझ में आ गया कि आएगी नहीं तो गया धीरे-धीरे माँ की पीठ के ऊपर पेट रख कर के कान के पास बोला कल तो तू मेरी एक ही आवाज पर दौड़कर चली आई थी और आज तो मैं इतनी देर तक चिल्लाता रहा, आई क्यों नहीं? तब माँ धीरे से बोली कल वाली आवाज आज नहीं थी। आज की तो आवाज बेटा तेरी बनावटी थी.

तो बनावटी आवाज से वो मालिक नहीं रीझता है। वो तो तड़प की आवाज से रीझता है, प्रेम भरी आवाज से रीझता है तो जब तड़प के साथ आवाज लगाते हैं तो मालिक सुन लेता है।


बच्चों के लिए संदेश

बच्चों ! पढ़ाई करने के बाद खाली मत बैठो। खाली दिमाग शैतान का चर होता है। ऐसा भी होता है कि गलत बच्चे मिल गए, ब्रेन वॉश करके जाति बदल देते हैं, धर्म बदल देते हैं, शरीफ से आतंकवादी, माओवादी, नक्सलवादी, देशद्रोही बना देते हैं। जब पकड़े जाते हैं और इतिहास का पता लगाया जाता है तो पता चलता है कि बहुत शरीफ घर का लड़का था. पढ़ने में बहुत ब्रिलियंट था, बड़े तेज दिमाग का था लेकिन संग दोष लग गया। 

तो ऐसे संग दोष से बचने के लिए विभाग को खाली मत रखो। कुछ न कुछ दिमाग कहीं लगाते रहो। जहाँ नौकरी मिल जाए वहीं नौकरी कर लो, जब अच्छी नौकरी मिल जाए तब उसमें चले जाओ । प्रतियोगी परीक्षा में बैठने के लिए तैयारी करते रहो, जब प्रतियोगी परीक्षा में आ जाओ तब उसमें चले जाओ । बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको नौकरी मिल गई, मास्टरी कर रहे क्लकी कर रहे, कहीं न कहीं पढ़ा रहे और प्रतियोगी परीक्षा में बैठे और आ गए। कलेक्टर कमिश्नर बन गए। तो यह हम नहीं कहते कि न करो, प्रयास जारी रखो पर खाली बैठने की आदत मत डालो आलसी मत बनो।


जयगुरुदेव नाम मुसीबत में मददगार है।

वार्षिक भंडारा कार्यक्रम के अवसर पर दिए सतसंग में बाबाजी महाराज ने बताया कि ये 'जयगुरुदेव' नाम भगवान, प्रभु का जगाया हुआ इस समय पूरी ताकत वाला नाम है। दुःख तकलीफ, बीमारी-संकट में जयगुरुदेव बोलने से आपकी मदद होगी। आप ये सभी को बता दो।

निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के 11वें वार्षिक मार्गदर्शक भंडारा कार्यक्रम के अंतिम दिन 17 मई 2023 प्रातः कालीन बेला में बाबा जयगुरुदेव आश्रम पर छोटे सिंहस्थ जैसी भीड़ में बाबा उमाकांत जी महाराज ने सतसंग में बताया कि पिछले जन्मों में आप कहीं थे। अच्छे बुरे दोनों कर्म किये। अच्छे ज्यादा किये इसलिए मनुष्य शरीर मिला। 
अब दुबारा जल्दी यह मिलने वाला नहीं है। पूरे गुरु नहीं मिलने पर बहुत से लोग बाहरी क्रियाओं में ही अपना अमूल्य जीवन खत्म कर दे रहे है और आत्मा का कल्याण नहीं हो पा रहा। इस तरह के सत्संग कार्यक्रमों में कर्म हल्के होते है, कर्म काटे जाते हैं। जैसे ज्यादा गंदे कपड़े को साफ करने के लिए ज्यादा सोडा या स्पेशल साबुन बार-बार लगा कर रगड़ करनी पड़ती है ऐसे ही पुराने कर्मों को तन-मन-धन से सेवा करके काटा जाता है। जिससे मनुष्य शरीर में प्रभु के दर्शन पाने में आसानी होती है ।


गुलाबी हुआ उज्जैन

बाबा उमाकान्त जी महाराज के लाखों भक्तों के आगमन से उज्जैन का नजारा सिंहस्य जैसा हो गया है जहाँ हर तरफ गुलाबी वस्त्र, गुलाबी टोपी, गुलाबी दुपट्टा नजर आ रहा था। आश्रम में जिधर नजर घुमाओ बस गुलाबी ही गुलाबी नजर आ रहा था जिसने उज्जैन को जयगुरुदेव नगर का रूप दे दिया।


कहने से नहीं, करने से होता है।

भारत को विश्व गुरु बनाने का काम करने पर ही तो होगा। सबको मिलकर देश का नाम बढ़ाना है। उकसाने पर हड़ताल तोड़फोड़, आगजनी, हत्या में देश का, जनता का ही नुक्सान होता है। ये अधिकारी कर्मचारी पुलिस वाले आपके हमारे ही बच्चे तो हैं। तो सबमें अपनत्व की भावना भरने की जरूरत है। हम तो सेवक हैं। सभी अच्छे कामों में हम हमारी संस्था और हमारे प्रेमियों का सहयोग सेवा रहेगी। सबसे ये प्रार्थना है। कि जिन भी देवी-देवता को आप मानते हो, उन्हें रोज सुबह-शाम याद करो, एक दिन इस मनुष्य शरीर को खत्म हो जाना है।


गुरु दक्षिणा में आप अपनी बुराइयों को वहीं छोड़ जाओ 

आश्रम पर उमड़े जनसैलाब को सतसंग एवं नामदान देते हुए पूज्य उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि गुरु दक्षिणा देना भारत की परम्परा  है। उसे निभाते हुए आप भी आज नाम दान के बदले गुरु दक्षिणा दे सकते हो। गुरु दक्षिणा में आप अपनी बुराइयों को यही छोड जाओ अब तक जो आपने मांस मछली अंडा खाया, शराब और शराब जैसे बुद्धि नाशक नशे का सेवन किया, जीव हत्या की दूसरी महिला के साथ बुरा कर्म किया, वो अब मत करना। उसे बंद करो और जीव हत्या वाला भोजन नहीं करने का संकल्प बनाओ। 

अंडा बेहद गंदी चीज है, न खाना न बच्चों को खिलाना। शराब में एक हजार बुराई है। इसे पीने के बाद इंसान होश में नहीं रहता। तो ऐसे नशे का सेवन मत करो जिसे पीने के बाद बुद्धि काम न करें और होश में न रह जाओ ।


मेहनत ईमानदारी, पद और प्रतिष्ठा का आभूषण 

महाराज जी ने कहा जैसे प्रकृति जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश लोगों की सेवा करती है, वैसी भावना आप भी जागृत करें। मेहनत ईमानदारी, पद और प्रतिष्ठा मनुष्य का आभूषण है । पद, पैसा और परनारी आदमी को गिराती है। इसलिए चरित्र का उत्थान करना चाहिए ।



अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है शराब-मांस

बाबाजी ने नशे और मांसाहार के दुष्प्रभावों को समझाते हुए कहा कि. लोग असली पूजा और असली खानपान को भूल कर नकल में मांसाहारी हो गए। मांसाहार से खून बेमेल हो जाता है, शरीर में क्रोध बढ़ जाता है। अपराध और भ्रष्टाचार की जननी हैं शराब और मांस। तो आप इससे बचें और जनता कोबचाएं ।


दया, दुआ और बरकत का प्रसाद लेकर बाबा के भक्तों का प्रस्थान

तीन दिन तक जयगुरुदेव उद्घोष और गुलाबी वस्त्र धारण कर पूरे उज्जैन को जयगुरुदेव नगर बनाने वाले बाबा के भक्त कार्यक्रम के अंतिम दिन अपने हाथों से प्रसाद रूपी अपने गुरु की दया ग्रहण कर अपने-अपने गंतव्य को रवाना हो गए। विशेष बात ये थी कि इतनी गर्मी में भी भक्तों के उत्साह और भक्ति में लेशमात्र कमी नहीं थी। 119 भंडारे चले, जिसमें चीन, श्रीलंका, दुबई, अमेरिका, हांगकांग, मारिशस समेत अनेक देशों से आये भक्त पधारे।


हाथ जोड़कर विनय हमारी तजो नशा बनो शाकाहारी 

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, बोहरा आदि अनेक धर्मो समाजों के प्रमुखों से बाबा उमाकान्त जी ने प्रार्थना करी की आज उस ईश्वर खुदा को भूलने के कारण मानव का खान-पान, चाल-चलन खराब होता जा रहा है। 

शराब और नशे की गोलियां युवाओं के चरित्र को गिरा रही हैं। लोग प्रकृति के नियमों के खिलाफ काम कर रहे हैं जिससे समय पर जाड़ा गर्मी बरसात नहीं हो रही हिंसा हत्या और मांसाहार के कारण लोग अपने देव दुर्लभ मनुष्य मंदिर, जिस्मानी मस्जिद को गंदा कर दे रहे हैं। इससे उनकी पूजा, इबादत को वो परमेश्वर ख़ुदा स्वीकार नहीं कर रहा है। 

इसलिए सभी प्रमुखों धर्म को चाहिए कि मतभेद भूलकर एक विचार भावना बनाकर ईश्वरवादी खुदापरस्त  बनें व लोगों को बनाये। बाबाजी महाराज ने शहर काजी समेत धार्मिक लोगों से आह्वान किया कि सबसे पहले हम सबको मिलकर लोगों को अपने-अपने तौर तरीके से ही सही, उस परमेश्वर खुदा गोड को सुबह-शाम याद करते रहने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।


भारत आध्यात्मिक गुरु हो जाए. इसके लिए हमको आपको मिलकर काम करना है

हमको आपको जनहित का काम करना चाहिए। जनता को सुख शांति मिले, समय पर जाड़ा हो, समय पर बरसात हो, समय पर गर्मी हो, लोग खुशहाल हो जाएँ, सतयुग जैसा वातावरण हो जाए। सतयुग योगी सब विज्ञानी करि हरि ध्यान तरहीं भव प्रानी ।।

ऐसा हो जाए कि जन्म-मरण से छुटकारा मिल जाए, चौरासी से छुटकारा मिल जाए, ऐसा हो जाए कि जन-जन के अंदर वो शक्ति आ जाए। राम जैसी शक्ति आ जाए, कृष्ण जैसी शक्ति, कबीर गोस्वामी पलटू नानक दादू जैसी शक्ति, यह काम हम आपको मिल जुलकर के योजना बना करके अब इस समय पर करने की आवश्यकता है। 

देखो करने से होता है, कहने से नहीं होता है। बहुत कहा जाए और हो न तो उससे फायदा नहीं होता है। भारत विश्व गुरु था पहले, आज भी विश्व गुरु बनाने की बात हो रही है. लेकिन विश्व गुरु बनाने का जबतक काम नहीं किया जाएगा, तबतक विश्व गुरु कैसे बन पाएगा ? विश्व गुरु हो जाए, भारत आध्यात्मिक गुरु हो जाए, आध्यात्मिक देश हो जाए, इसके लिए हमको आपको मिलके देश का नाम बढ़ाने के लिए, देश की ख्याति को बढ़ाने के लिए काम करना है।

✩ जयगुरुदेव ✩ 

साभार, (पुस्तक) मार्गदर्शक वार्षिक भंडारा 2023 
Margdarshak-bhandara-2023
Baba Jaigurudev Satsang Ujjain MP


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