जयगुरुदेव
01.06.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)
*ऐसे कृष्ण भक्त पहले नहीं थे जो गोपाल को माने, जन्माष्टमी मनाये और गऊ का मांस खाए*
*आगे वृक्षों, नदियों के पानी की जरूरत पड़ेगी, प्रकृति पर्यावरण बचाओ*
*अजमेर और लखनऊ में सन्त उमाकान्त जी के सतसंग, नामदान व लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह कार्यक्रम*
गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने और गौ हत्या पर फांसी की सजा का प्रावधान बनाने की प्रार्थना करने वाले, गौ सेवक, गाय ही नहीं सभी पशु-पक्षियों की हत्या को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 12 अगस्त 2020 सांय उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि
हमेशा गाय रही हैं। देखो कृष्ण भगवान ने गाय चराया। गौ की सेवा किया। गौ पालते थे। गौपालक इनको कहां गया, गोपाल इनका नाम पड़ा। आज जैसे कृष्ण भक्त पहले नहीं थे। ये कृष्ण की पूजा भी करते हैं, कृष्ण को मानते भी हैं, जन्माष्टमी भी मनाते हैं और गौ का मांस खाते हैं। राम नाम पर मरने-मिटने के लिए भी तैयार हो जाते हैं लेकिन एक बार गऊ का मांस जब टेस्ट में आ जाता है तब कहते हैं वही लाओ, वही बीफ लाओ। ऐसे लोग पहले नहीं थे।
*रिद्धि कामधेनू कल्पवृक्ष एक सिद्धि है*
महाराज जी ने 8 जुलाई 2017 प्रात: जयपुर में बताया कि रिद्धि एक सिद्धि है। यह गणेश जी की पत्नी है और गणेश जी की सेवा करती रहती है। रिद्धि की सिद्धि जब हो जाती है तो- जो इच्छा किन्ही मन माहि, हरि प्रताप कछु दुर्लभ नाहीं। जिस चीज की इच्छा करो, वह चीज हाजिर हो जाती है। बड़ा भंडार रहता है। कामधेनू कल्पवृक्ष भी सिद्धि है। कामधेनु- कामना जिस चीज की करो कि यह चीज मेरे पास हो जाये तो वह चीज हो जाती है।
कहीं से भी हो जाता है, कोई भी कारण बनकर दे देता है, पहुंचा देता है, किसी भी तरह से वह चीज मिल जाती है। कल्प वृक्ष भी एक सिद्धि है। जो कल्पना करो वो सामने दिखाई पड़ता है लेकिन उसका उपयोग उपभोग आप नहीं कर सकते हो। इसी तरह से और भी सिद्धियाँ है। लोगों को बड़ी मेहनत से प्राप्त करनी पड़ती हैं लेकिन यहां बताई गयी बहुत सरल आसान सुरत शब्द योग साधना से ये सब सिद्धियाँ अपने आप मिल जाती हैं, मेहनत नहीं करनी पड़ती, कोई रात 12 बजे मजार कब्रिस्तान पर नहीं जाना पड़ता, ये तो बहुत आसान रास्ता है।
*नदियों के पानी की जरूरत पड़ेगी*
महाराज जी ने 27 अप्रैल 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि नदियों को साफ सुथरा रखो। आगे चल करके नदियों के पानी की जरूरत पड़ेगी। यही नदियों का पानी जीवन दान देने का सहारा बनेगा। मतलब नदीयों का पानी बहुत से लोगों को पीना पड़ेगा। शहर के पानी का कोई ठिकाना नहीं। मिले न मिले। पता नहीं कब बंद हो जाए। बिजली अगर पूरे देश में बंद हो जाए तो समझ लो सारी अर्थव्यवस्था अभी खत्म हो जाए। पेड़ लगाने की बजाय उनको काट दे रहे हो। उसी पेड़ की आपको जरूरत पड़ेगी। एक दो चार पेड़ जब लगा दिए, जब ऐसी पंखा नहीं चलेगा तो उसके नीचे बैठ करके आराम तो कर लोगे। जंगलों को काटना ठीक नहीं है बल्कि वृक्षों को लगाना है। प्रकृति को हरा-भरा करना है ताकि आगे चलकर वह हमारे बच्चों के काम आ जाए।
*सन्त उमाकान्त जी के आगामी प्रस्तावित सतसंग नामदान और लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह कार्यक्रम*
मैला मैदान के पास (स्टेडियम में) तीर्थ गुरु राज, पुष्कर, अजमेर, राजस्थान में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर 3 जून सायं 4 बजे से व 4 जून प्रात: 5 बजे से सतसंग व नामदान। 3 जून प्रात 10 बजे से साधु महंत समाज व सायं 8:30 से बुद्धिजीवी, पत्रकार व अधिकारीयों का सम्मान समारोह, 7877961262, 9929884923.सेक्टर 09 अवध विहार योजना, निकट अवध शिल्पग्राम, शहीद पथ, लखनऊ, उ.प्र. में 10 जून प्रात: 5 व सायं 4 बजे से तथा 11 जून प्रात 5 बजे से सतसंग व नामदान। 10 जून प्रातः 10 बजे से गोष्ठी व 11 जून प्रात: 10 बजे से प्रांतीय लोकतंत्र सेनानी कार्यक्रम व सम्मान समारोह 9236633331, 9575600700.
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