जयगुरुदेव
27.05.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)
*पशु पक्षियों की भी उम्र है, उन्हें अपनी मौत मरने दो*
*शराबबंदी कर दी जाए तो सब व्यवस्था ठीक हो जाए*
*जो गऊ की पूछ पकड़ ले तो उसी की चुनावी वैतरणी पार हो जाएगी*
शाकाहार नशामुक्ति के कट्टर समर्थक, देशव्यापी शराबबंदी के पक्षधर, जिनके एक इशारे पर लाखों-करोड़ों भक्त एकजुट होकर सारे समीकरण बदल सकते हैं, व्यवस्था को तुरंत ठीक करने का उपाय बताने वाले, गौ सेवक, सबमें दया भाव भरने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 19 जनवरी 2023 सांय मदुरई (तमिलनाडु) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि
मांस खाने वालों की वजह से हिंसा हत्या होती है, यह खुद भले ही न करें, भले ही कोई मांसाहारी कहे कि हम (हिंसा नहीं करते, केवल) पैसा देकर के खरीद करके लाते, खाते हैं लेकिन उसकी (उनके मांसाहार की) वजह से यह जानवर काटे जाते हैं। यही जीवात्मा जब सभी के अंदर में है तो आपको उसके ऊपर दया करनी चाहिए। मुसीबत आने पर आप भगवान को याद करते हो। उनके अंदर भी खून, हड्डी, खाल, जीव है। आप उनको बना नहीं सकते हो तो उनको काटने के अधिकारी भी नहीं हो। उनका भी समय (उम्र) है, उनको भी अपनी मौत मरने दो। प्रकृति द्वारा इस तरह के जानवरों को खाने के लिए दूसरे जानवर (सिस्टम) बना दिए गए हैं जिससे गंदगी न हो।
*शराबबंदी कर दी जाए तो सब व्यवस्था ठीक हो जाए*
महाराज जी ने 19 मार्च 2019 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि सबसे बुरी बला है शराब। शराब की बंदी अगर कर दी जाए तो अभी सब व्यवस्था सही हो जाए। जहां शराब फैला है, हर तरह की गंदगी वहीं पर है। वहीं चरित्र का हनन, बदनियती, रुपया पैसा में घपला, सारी बीमारीयां सामाजिक कुरीतियां आदि सब वहीं पर है। अभी म.प्र. सरकार ने देसी दुकान पर अंग्रेजी (शराब भी) बेचने का परमिट दे दिया। क्यों? पैसा मिलेगा, (सरकार को) आमदनी होगी लेकिन उससे नुकसान कितना होगा, यह तो सोचना चाहिए।
कितने मरेंगे, कितने जीयेंगे, कितनी एंबुलेंस में ढोओगे, कितने रात में डॉक्टर को जगा कर उनका इलाज करवाओगे? एक्सीडेंट, मारकाट, दंगा बवाल होगा, पुलिस वालों को रात भर दौड़ना पड़ेगा, बड़े-बड़े अधिकारियों की नींद हराम हो जाएगी, यह सब तो तुमने सोचा नहीं। हम तो यही प्रार्थना करते हैं मध्य प्रदेश की सरकार से कि आप शराब को बंद ही कर दीजिए। आप ऐसा काम क्यों करते हो? कुछ प्रदेश में लोगों ने हिम्मत किया और (शराब) बंद कर दिया। कुछ नहीं, कर दिया। रोना पीटना चिल्लाना नाटक बाजी तो हुई लेकिन कुछ नहीं।
अपनी जगह जैसे मजबूती से बिहार में उसने कर दिया। गुजरात में बंदी हो गई, ऐसे यहां भी इनको बंदी कर देना चाहिए। हम तो प्रार्थना ही कर सकते हैं। जब तक शराब की बंदी नहीं होगी तब तक व्यवस्था सही नहीं हो सकती है। प्रेमियों आप (शराब) बंद तो नहीं कर सकते हो, लेकिन बंद करा सकते हो, किससे कह कर के? जैसे मैं इनसे प्रार्थना कर रहा हूं, वैसे ही आप भी कर सकते हो। आपको कहने लिखने पढ़ने की जरूरत नहीं है।
आप उस मालिक तक आवाज लगा सकते हो, उससे कह कर के आप बंद करा सकते हो। मालिक की जब मौज हो जाएगी तो देर नहीं लगती, चुटकी में काम हो जाता है। तो आप लोगों को कह समझा करके बंदी करवा सकते हो। अभी शराब पीना लोग बंद कर दे तो यह लोग चाहे कितना भी आर्डर करते रहे कि घर-घर में शराब बेचो, साग-सब्जी की दुकान पर शराब बेचो, जब पीने वाले ही नहीं रहेंगे तो कोई बेचेगा?
अब तो आप एक दो नहीं रह गए, अब तो आप करोड़ों की संख्या में हिंदुस्तान में हो गए। तो आप इस बात का प्रचार तो कर ही सकते हो कि शराब पीना बंद कर दो। एक-एक सतसंगी एक-एक दिन में एक शराबी के पीछे पड़ कर समझा बता करके हाथ-पैर जोड़कर अगर शराब छुड़ा दे तो अभी बहुत जल्दी लोगों की शराब छूट जाएगी। आप जो अभी नये लोग आए हो तो आप संकल्प बनाओ कि आप शराब नहीं पियेंगे, अंडा मांस नहीं खायेंगे।
*जो गऊ की पूछ पकड़ ले तो उसी की चुनावी वैतरणी पार हो जाएगी*
महाराज जी ने 4 मार्च 2019 प्रातः लखनऊ में बताया कि भारत देश में गौ हत्या लोगों के लिए एक अभिशाप है। तो कहते हैं गऊ का पूंछ पकड़ लो तो वैतरणी पार हो जाएगी। ऐसे चुनाव की वैतरणी सब पार करना चाहते हैं। मैं तो कहता हूं जो गऊ का पूंछ पकड़ ले, उसी की वैतरणी पार हो जाएगी। आगे चलकर के गौ हत्या बंद हो जाएगी और गौ हत्या ही नहीं, किसी भी पशु-पक्षी की हत्या नहीं होगी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुवाहाटी से चौपाटी तक कोई मांस मछली अंडे शराब की दुकान नहीं होगी, कोई भी औरत रात के 12 बजे देश के किसी भी सड़क पर घूमेगी, देख कर के किसी की भी नीयत खराब नहीं होगी।
*लोगों के अंदर दया भाव आ जाए तो हिंसा हत्या हो नहीं*
महाराज जी ने 12 अगस्त 2020 सायं उज्जैन आश्रम में बताया कि अंग विहीन लोग जैसे जिनका पैर हाथ आंख नहीं काम करता, असहाय होते हैं। तो अंधा अगर कुछ बोल भी दे तो भी लोग बर्दाश्त कर जाते हैं की अंधे को कौन मारे? देखो भिखारी को कोई नहीं मारता है। यह असहाय है। पहले लोगों के अंदर दया भाव बहुत रहता था। अब दया भाव नहीं रह गया। दया भाव अगर भर दिया जाए तो हिंसा हत्या होगी ही नहीं। जानवर जो काटे जा रहे हैं, अगर लोगों के अंदर दया आ जाए और इस बात को समझ जाए कि हमको जब कोई मरता काटता जब दर्द होता है, यही जीवात्मा उनके शरीर के अंदर भी है। उनको मारेंगे काटेंगे तो दर्द होगा। जब दया को लोग समझ जाए तो हिंसा हत्या खत्म हो जाएगी।
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बाबा उमाकान्त जी महाराज |
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