जयगुरुदेव
23.05.2023
प्रेस नोट
लखनऊ (उ.प्र.)
*सन्त गति सतलोक तक पहुंचने वाली की ही मानी जाती है*
*सन्त महात्मा महापुरुष मनुष्य शरीर में ही आते हैं*
*सतसंग क्यों सुनाया जाता है*
साधना में काल के हमले से बचने का तरीका अपने सतसंग में बताने वाले, अंतरात्मा की सफाई करने वाले, जिनकी असली पहचान अंतर में होती है, सतलोक तक की गति वाले यानी वहां बराबर आने-जाने वाले, मनुष्य शरीर में आये हुए इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जीमहाराज जी ने 21 फरवरी 2020 प्रातः लखनऊ उत्तर प्रदेश में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया
जैसे ही यह जीवात्मा निकलकर ऊपर जैसे ही बढ़ी, इस जड़ को छोड़ी, गांठ जैसे ही खुली, अंदर के पिंडी दसवां द्वार से जैसे ही निकली तैसे ही सबका हमला शुरू हो जाता है। रिद्धि सिद्धि कामधेनु कल्पवृक्ष अरुणा गरिमा महिमा लघुमा यह सब सिद्धियां आकर ऐसे खड़ी हो जाती है कि रुपैया पैसा धन मान प्रतिष्ठा ले लो, लौट जाओ, मुर्दा को छूओगे तो वह भी जिंदा हो जाएगा। अब जो उसमें फंस गया, ले लिया, वह आगे नहीं बढ़ पाता है। सतसंग इसलिए सुनाया जाता है कि छोटी चीजों में मत फंसो। छोटी चीज मत मांगो, बड़ी चीज चाहो। जो याद रखता है तो बाधाएं हट जाती है। भीम काय शरीर वाला आकर खड़ा हो जाता है, देखते ही डर लगता है, कहता है कहां जा रहे हो?
जैसे ही गुरु को याद करते हो तैसे ही वह हट जाते हैं। गुरु प्रकट होते हैं। गुरु हाड मांस के शरीर का नाम नहीं है, गुरु एक पावर शक्ति होती है। और मालिक के आदेश से इस शरीर में रहती है। जिसको हुकुम होता है वह काम करते हैं और जब शरीर छूटता है तो वह पावर किसी दूसरे को दे जाते हैं लेकिन काम उनसे बराबर कराते रहते हैं। सन्त अपने जानशीन में समा जाते हैं।
*बार-बार अंतरात्मा गंदा करोगे तो बार-बार सफाई कौन करेगा*
महाराज जी ने 30 दिसंबर 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि जब हुजरा साफ रहेगा, अंतरात्मा साफ रहेगी और वहां पर वो बैठे दिखाई पड़ेंगे तब तो आपको विश्वास होगा। तो हुजरे को साफ रखना जरूरी होता है। हुजरा कैसे गंदा होता है? गलत खान-पान से। जो मनुष्य का भोजन नहीं है, अखाद्य वस्तु है, मछली अंडा किसी भी कीड़ा मकोड़ा पशु पक्षी का मांस आपने खा लिया तो हुजरा गंदा हो जाएगा। एक बार मान लो अगर कोई साफ भी कर दे और आप फिर गंदा करते चले जाओ तो बार-बार कौन साफ करेगा?
जैसे लड़का लैट्रिन मल त्याग करता है और किसी ने एक बार साफ कर दिया, बता दिया कि अब ऐसा मत करना, चल तेरी चड्डी मैंने साफ कर दी। अभी तू सुबह उठना और इसमें मत कर देना और वहां लैट्रिन में बैठकर के करना और यदि लड़का नहीं मानता है तो उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता है। कौन बराबर साफ करेगा। बताने पर अगर वैसा कर ले तो गंदा ही क्यों हो? गंदगी अंदर में जमा नहीं होनी चाहिए। खानपान अन्न दोष से जमा होती है।
*सन्त महात्मा महापुरुष मनुष्य शरीर में ही आते हैं*
महाराज जी ने 19 जनवरी 2023 सांय मदुरई तमिलनाडु बताया कि जब भी सन्त महात्मा मनुष्य शरीर में ही आते हैं। जितनी भी अवतारी शक्तियां हुई, जिनको आप भगवान मानते हो, पूजा करते हो सब लोग मनुष्य शरीर में ही रहे। लेकिन उन्होंने लोगों के फायदे का ऐसा काम किया जिससे आज भी लोग उनको याद करते पूजते पूछते हैं। समझो, बाहर से उस समय जल्दी पहचान नहीं होती है लेकिन जब अंतर में उनका रुप दिखाई पड़ जाता है, अंतर में उनकी पहचान हो जाती है तब आदमी यह कहता है हां भाई यह पावरफुल है। रानी इंदुमति कबीर साहब को जब अंतर में देखी कि यही सब कुछ कर रहे हैं, यही चला रहे हैं तब चरणों पर गिर पड़ी।
*सन्त गति सतलोक तक पहुंचने वाली की ही मानी जाती है*
महाराज जी ने 23 अक्टूबर 2018 सायं लखनऊ में बताया कि जब सन्तों का प्रादुर्भाव हुआ तब उन्होंने आगे का रास्ता खोला। 16 सुतों में से एक जोगजीत है तो वो सबसे पहले आए, भेजे गए, जाओ तुम सतलोक का रास्ता तो खोलो। पहले भी महात्मा थे, जो थोड़ी ही रसाई चढ़ाई वाले थे। लोगों ने उन्हीं को सन्त मान लिया। लेकिन सन्त गति सतलोक तक पहुंचने वालों की ही मानी जाती है। तो उन्होंने वहां का भेद खोला। और भेद खोद कर फिर निकल गये, रास्ता जब जारी कर दिया, जब पानी का बहाव चालू कर दिया, जैसे कोई नहर खोद दी गई, पानी उसमें भर दिया गया तो उसी से छोटी-छोटी नहरें लोग निकाल लेते हैं, उसी से अपने खेत की सिंचाई कर लेते हैं।
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Baba umakant ji Maharaj |
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