Baba umakantji maharaj ke satsang ki Short Video clip (23.)

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-

341. नक कटा संप्रदाय तैयार हो गया।

342 . इंद्रलोक लोक का कपड़ा।

343. भाग मांगे भूंगड़ा, गाजा मांगे घी, दारु मांगे खूसड़ा।

344. सरकार की दुहाई हम रामदास हलवाई।

345.भांग मांगे भूंगड़ा, गांजा मांगे घी, दारु मांगे खूसड़ा।पार्ट 2 

346. आटो में घाटो नहीं, नहीं दाल का दर्शन, दूध घी की बात न करना, पड़े रहो चाहे वर्षन।

347. चतुर चंट चालाक ठग कैसे होते हैं ? 

348. हरे हरे हरा, श्री श्री सिर,राम राम रम।

349. हनुमान जी का पुजारी खजूर के पेड़ पर चढ़ गया। 

350. झूठ को सच करने वाले अपनी टीम बना लेते हैं। 


351. आत्म कल्याण ध्वनात्मक (निर्मायक) 5 नाम से ही होगा।

352. आलसी आदमी कभी कामयाब नहीं होता है। 

353. साधकों की चढ़ाई हो रही है उनके अंदर में खजाना भरा हुआ है।

354. अंदर में भी बाधा आती है इसलिए अच्छे अच्छे लोग साधना में गिर गए। 

355. तप के चूके राज मिलत है, राज के चूके नरका। 

356. तीसरी आंख पर माया का पर्दा कब पड़ता है और कब हटता है ?

357. हिसाब के टाइम पर कर्मों का पर्दा हट जाता है।



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