जयगुरुदेव
03.03.2023
प्रेस नोट
रेवाड़ी (हरियाणा)
*जो आत्मा, परमात्मा को समझता है वह सब से प्रेम करता है*
*साधक को एक रोटी की भूख रखकर भोजन करना चाहिए*
*इच्छाओं को खत्म करो, लक्ष्य बनाओ, आध्यात्मिक विद्या प्राप्त करो*
सब जीवों को अपना समझने वाले, साधना जल्दी बनने के तरीके बताने वाले, इस दुःख के संसार में दुःख से बचने के उपाय बताने वाले, सफलता प्राप्त करने के जबरदस्त उपाय बताने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने नव वर्ष कार्यक्रम में 31 दिसम्बर 2022 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि-
मेधावी विद्यार्थी, अच्छे बच्चे की चेष्टा/इच्छा काग चेष्टा रहती है। जैसे कौवा अपने निशाने पर रहता है, बैठा देखता रहता है, मौक़ा मिलते ही खाने के लिए चोंच मारता है। बको ध्यानम यानी बगुले की तरह से ध्यान लगाए रहता। स्वान निद्रा, कम सोते, अल्पाहारी यानी कम खाते है कि रात को जग करके और पढ़ाई करें, ज्ञान प्राप्त करें। जैसे साधक के लिए कहा जाता है कि एक रोटी का भूख रख करके खाओ जिससे आलस्य नींद न आवे और आध्यात्मिक विद्या की पढ़ाई जो पढ़ने के लिए बताया गया, उसका ज्ञान प्राप्त कर लो, साधन भजन करके कुछ हासिल कर लो।
*जो आत्मा परमात्मा को समझता है, वह सब से प्रेम करता है*
महाराज जी ने 6 सितंबर 2021 सांय राजसमंद (राजस्थान) में बताया कि (नामदान लेने के लिए) आपको जाति धर्म कुछ नहीं छोड़ना, न अपनी लड़की की शादी दूसरी जाति में करना। समाज की बनी मर्यादा को हम तोड़ नहीं रहे हैं। वह भी बनाए रखना चाहिए। हमारे यहां तो कोई जाति-पाति पूछता ही नहीं है क्योंकि भजनानंदी प्रभु को भजता, सब में देखता है। उस प्रभु की जीवात्मा तो सब में एक ही है। हाड़-मांस, कपड़ा या रंग में लोग फंस जाते हैं। इसी से तिफरका पैदा हो जाता है। लेकिन जो आत्माओं को, प्रभु को समझ लेता है वह सब से प्यार करता है, द्वेष किसी से नहीं करता।
*इच्छाओं को खत्म करो*
महाराज जी ने 25 दिसंबर 2022 दोपहर धारुहेड़ा, रेवाड़ी (हरियाणा) में बताया कि शरीर को चलाने के लिए सब काम करो लेकिन एक का चार की, दस की इच्छा न रखो। यदि 99 में ही काम चल जाता है तो सो हजार लाख की इच्छा क्यों रखते हो? एक-दो कपड़ों में काम चल जाता है तो 10 कपड़े की इच्छा क्यों करते हो? एक मकान में रहना है, हर किसी का अपने हाथ से साढ़े तीन हाथ का शरीर होता है, उतनी ही जगह सोने के लिए चाहिए तो आपको 10 कमरे की जरूरत क्या है? तो इन इच्छाओ को कम करो, खत्म करो। उनसे आप परेशान हो जाओगे।
बहुत से लोग सुख शांति के लिए कारोबार बढ़ाते चले जाते हैं, प्रमोशन नौकरी के लिए सब करते जाते हैं, लोगों के झांसे में आ जाते हैं, घर का रुपया पैसा भी दे देते हैं, टेंशन पैदा हो जाता है। जब घर में डांट पड़ती है, सब्जी नहीं है, यह नहीं है तो परेशान हो जाते हैं, बहुत से लोगों को नींद नहीं आती है। धंधे में घाटा हो गया, नौकरी में नोटिस मिल गया। आप सोच रहे थे कि ज्यादा कमा कर लाएंगे तो ज्यादा सुख मिल जाएगा। पकड़े गए, कहीं गलती पा गये, कहीं गलती हो गई तो जेल चले गए। आदमी सुख के लिए करता है लेकिन वही दुःख में बदल जाता है।
*लक्ष्य बनाना चाहिए*
महाराज जी ने 5 अक्टूबर 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि बच्चों के समझ में जब आ जाता है कि हमको पढ़ना है तो वह लगन के साथ पढ़ते हैं। तेज बुद्धि तेज दिमाग वाले बच्चे जल्दी पकड़ लेते हैं, जल्दी सीख जाते हैं। तो लक्ष्य बनाना चाहिए। चाहे कम बुद्धि वाले ही क्यों न हो, तेज बुद्धि न भी हो लेकिन लक्ष्य जब बनाता है तब उसको सीखता है। समय जरूर लगता है लेकिन सीख जाता है। तो लक्ष्य बनाना चाहिए और लक्ष्य के प्रति इच्छा भी रखनी चाहिए जानने की, समझने की, आगे बढ़ने की।
*जयगुरुदेवमय संसार हो जाएगा*
महाराज जी ने 2 अक्टूबर 2021 प्रातः इंदौर में बताया कि आप यह समझो एक बार तो तकलीफ बढ़ेगी फिर जब अच्छा समय आ जाएगा तब अंड लोक की इतनी जीवात्मायें यहां उतार दी जाएगी कि एकदम भजनानंदीयों का माहौल हो जाएगा, जिसको कहते हैं जयगुरुदेवमय संसार हो जाएगा। ऐसा समय आएगा, आज बता कर जा रहा हूं। लेकिन बीच का समय बड़ा ही तकलीफदेह होगा। इसमें जो बच जाएगा, वह अच्छे समय को देख लेगा।
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Antar sadhna me darshan dene wale baba umakantji maharaj |
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