देश के व्यापार संबंधित बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन

⌾ जय गुरु देव ⌾

महाराज जी ने कहा- देश में कारखाने लगाने व अन्य निवेश के लिए जो कम्पनियां आ रही हैं यदि कम मूल्य पर वे सामान बेचने लगीं तो भारत के उद्योग ठप होंगे और भारत के उद्योग धंधे बंद हो जायेंगे तो फिर वे अपने सामान का दाम बढ़ा देंगे फिर मजबूरी में लोगों को ऊंचे भाव में खरीदना पड़ेगा। अब जब उनका रहन-सहन घुसपैठ यहां के लालची अधिकारी, कर्मचारियों के बीच में हो जायेगा। की- पाॅइंट पर बैठै हुये लोग उनके वश में हो जायेंगे तो कानून व्यवस्था उन्हीं के हाथ में चली जायेगी और अगर देश के धर्म गुरुओं को धन व पद का लालच देकर अपने वश में कर लिया तो भारतीय संस्कृति ही खत्म हो जायेगी।

यद्यपि देश चलाने वाले अधिकारी, नेता अच्छे भाव, अच्छी सोच रख करके देश के विकास के लिये उनको बुला रहे हैं लेकिन आगे चलकर ये कम्पनियां लोगों के लिये दुखदाई बन सकती हैं, जब ज्यादा विदेशियों का रहना, खाना, उठना, बैठना, सोना हो जायेगा। ये बहुसंख्यक हो जायेंगे। तो देश की सुरक्षा, समृद्धि की गारंटी नहीं रह जायेगी जैसा कि कुछ समय पहले व्यापार करने आने वाले अंग्रेजों ने कब्जा जमा लिया था।

मेरा सुझाव तो ये है देश के होनहार बच्चों को बाहर भेजकर कुछ दिन काम सिखाकर वापस बुला लिया जाये और व्यापार नीति में परिवर्तन करके सेठ, साहूकारों को छूट देकर के कल-कारखाने जगह -जगह खुलवा दिये जायें और ट्रेनिंग किये हुये बच्चों को सुविधा देकर लगा दिये जायें। छोटे-छोटे लोगों को भी उद्योग लगाने का अवसर मिल जायेगा। बेरोजगारी तो दूर होगी ही सरकार का भी राजस्व बढ़ जायेगा। 

baba umakantji maharaj, ujjain mp

परम् पूज्य महाराज जी 




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