*"संतों की दया अगर इस धरती पर न रहे तो देवता प्रकोप जताने लग जाएँगे..."*

जयगुरुदेव आध्यात्मिक सन्देश
*दिनांक 20.11.2021*

*सतसंग स्थलः सुरति शब्द योग साधना धाम, ठीकरिया, जयपुर, राजस्थान*
*सतसंग दिनांक: 19.नवम्बर.2021*

*"संतों की दया अगर इस धरती पर न रहे तो देवता प्रकोप जताने लग जाएँगे..."*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

जब-जब धरती पर पापाचार, अत्याचार बढ़ता है तब कोई न कोई शक्ति वह मालिक धरती पर भेजा करता है। इस कलयुग में मनुष्यों के कर्म बहुत गंदे हो गये हैं। जब कर्मों की सजा नरकों में मिलने लगी तब उस मालिक को दया आ गयी तब संतों को धरती पर भेजा।

इस समय उज्जैन के प्रकट संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 19 नवंबर 2021 को गुरुनानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गुलाबी नगरी जयपुर के निर्माणाधीन सुरति शब्द योग साधना धाम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित सन्देश में बताया कि,
पूरा पावर लेकर संत इस धरती पर आते हैं। पवन, पानी सबसे काम ले लेते हैं। संतों की दया अगर इस धरती पर न रहे तो समझो यह अभी सारा प्रकोप जताने लग जाएंगे।
अगर लोगों ने बातों को नहीं माना, शाकाहारी, सदाचारी, नशामुक्त, ईश्वरवादी, भजनानंदी नहीं बनें तो एक साथ दो-दो देवता कहर ढहायेंगे। *यह भी आज आपको बताएं देता हूं।*

*अगर नहीं समझे तो कुदरत समझा देगी फिर आपके शहर का चेहरा बिगड़ जायेगा।*
जैसे आग लग गई, पवन देवता ने तूल दे दिया। अब आग कहां तक जाएगी, कितना नुकसान करेगी, कुछ पता है?
समुद्र देवता नाराज होकर के फेंक दिए पानी को, तूफान को और हवा ने तेजी ला दी, उसमें तो उड़ीसा से तूफान को आने में देर नहीं लगेगी। एक-दो दिन में भले नहीं आए लेकिन हफ्ता भर में तो आ ही जाएगा। उसको कोई रोक नहीं सकता है?
चेहरा बिगड़ जाएगा जयपुर का। जो देख रहे हैं सोलह मंजिल के मकान, ऐशो आराम सबमें बालू -पानी भर जाएगा। नजीर है इसकी जब तूफान आता है। चले जाओ उड़ीसा। वहां देख लो हालत क्या होती है।
ऐसे ही चेहरा बिगड़ेगा, आदमी का, मकान का, इसका-उसका। इसलिए प्रार्थना, निवेदन, विनती की जा रही है कि मान जाओ, संभल जाओ, *नहीं समझोगे तो कुदरत समझा देगी।*

*जब बचने का कोई विकल्प न रहे तो सच्चे हृदय, सच्चे भाव से "जयगुरुदेव" नाम बोलना, रक्षा होगी।*
इसीलिए तो कहता हूं कि जब कोई विकल्प न रह जाए बचने का, जान-माल की रक्षा का तो यह *"जय गुरु देव"* नाम इस समय का जो जीता-जागता नाम है, इसको बोलो।
*सच्चे भाव, सच्चे हृदय से बोलोगे तो "जय गुरु देव" नाम रक्षा करेगा।*

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