*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट / दिनांक 01.10.2021*
आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश
*आज विश्व शाकाहार दिवस पर विनती हमारी, मानव बने शाकाहारी*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*
देश-विदेश में शाकाहार, सदाचार और जीव दया की शिक्षा देने वाले,
उज्जैन के पूज्य संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 01 अक्टूबर 2020 को अपने आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश से दिए गए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित संदेश में 'विश्व शाकाहार दिवस' पर देश-दुनिया में फैले अपने भक्तों को बताया कि,
लोगों को बताते - समझाते रहो। आज संयोग की बात ऐसी है ऐसे दिन पर आपको मना किया जा रहा है मांस खाने से, जब शाकाहारी दिवस पूरा विश्व मना रहा है।
गर्व से कहो *मैं शाकाहारी हूँ* तो
*आपके पद-पोस्ट को देखकर बहुत से लोग हो जायेंगे शाकाहारी।*
इसमें 'शाकाहारी' लोग तो बहुत हैं लेकिन अपने को 'शाकाहारी' कहलाना पसंद नहीं करते।
जितने भी 'शाकाहारी' हैं अपनी जगह पर यह कहने लग जाए कि गर्व के साथ कहता हूं कि *मैं शाकाहारी हूं,* तो बहुत से लोग उनके प्रभाव में आकर, उनके पद-पोस्ट को देख कर के 'शाकाहारी' हो जाएंगे।
पूरे विश्व में बहुत सारे अधिकारी, नेता, वैज्ञानिक 'शाकाहारी' हैं लेकिन 'शाकाहारी' का प्रचार नहीं करते। हम आज *विश्व शाकाहारी दिवस* पर यह अपील करेंगे, जितने भी 'शाकाहारी' देश-विदेश में हो, आप सब लोग इसका प्रचार करो।
आप अगर यह संकल्प आज के दिन बनाते हो कि हम पूरे साल तक 'शाकाहारी' रहेंगे। अरे! हम तो कहते हैं कि आप आजीवन शाकाहारी रहो।
*यह प्रचार करो इस बात का कि आजीवन शाकाहारी लोग बन जाए।*
*अगर मांसाहार बंद नहीं हुआ तो इतनी बीमारियां फैलेंगी कि कंट्रोल से बाहर हो जाएगा।*
अगर 'शाकाहारी' नहीं बनेंगे तो आज अधिमास के पूर्णिमा के दिन आपको बता देता हूं कि
इतनी बीमारियां फैलेंगी कि कंट्रोल से बाहर हो जाएगा। यह कोरोना कुछ नहीं है। ऐसी बीमारियां नई-नई आएंगी कि लोग तबाह हो जाएंगे, अल्लाह-तौबा मत जाएगा। एक मिनट में खुदा-भगवान याद आ जाएगा।
*जिसको बिल्कुल भूल चुके हैं, खुदा की याद आ जाएगी, वह समय आ जाएगा।*
*प्रेमियों! संकल्प बनाओ कि हर रविवार को 10 और महीने में 40 आदमियों को 'शाकाहारी' बनायेंगे।*
आप अगर इतवार को छुट्टी रहती है तो मोहल्ले - गांव में चले जाओ। यह निशाना बनाओ कि हम आज दिन भर में 10 आदमियों को 'शाकाहारी' बना करके आएंगे तो एक महीने में 40 आदमियों को 'शाकाहारी' बना सकते हो। आप सोचो यह कैसे कर पाएंगे ?
*कहते-कहते बदल गए। बहुत से लोग मांसाहारी से कहते-कहते सुनते-सुनते 'शाकाहारी' हो गए।*
*बराबर प्रचार प्रेमियों, 'शाकाहार' का होना चाहिए।*
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ
Jaigurudev