*"शाकाहारी समाज, जाति, सम्प्रदाय के निर्माण के लिए पूरे देश में आयोजित करो - शाकाहारी सम्मेलन"*

*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/ दिनांक 20.10.2021*

*सतसंग स्थलः शरद् पूर्णिमा पर्व, लखनऊ, उत्तर प्रदेश / दिनांक: 20.अक्टूबर.2021*

*"शाकाहारी समाज, जाति, सम्प्रदाय के निर्माण के लिए पूरे देश में आयोजित करो - शाकाहारी सम्मेलन"*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

देश और दुनिया को प्रेम, दया और शाकाहार की शिक्षा देने वाले उज्जैन के पूज्य संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने शरद पूर्णिमा पर्व के अवसर पर 20 अक्टूबर 2021 को अवध शिल्प ग्राम, शहीद पथ, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित संदेश में भक्तों के लिए गाँव से लेकर राष्ट्र स्तर पर शाकाहार सम्मेलन के आयोजन का राष्ट्रव्यापी आदेश जारी किया।
*जहाँ-जहाँ संगत हैं, वो अपने स्थान पर लोगों को समझाने और बताने के लिए शाकाहार सम्मेलन, शाकाहारी मेला का आयोजन करो जिसमें शाकाहारी लोगों को बुलाओ।*
कमेटी के जिम्मेदारों को ट्रेनिंग दे दो। गांव, ब्लॉक, तहसील, जिला फिर प्रान्त स्तर पर करो। जिन गांवो में कमेटियां बन गई है, उन गांव में आप गांव स्तर का या चार छः गांव इकट्ठा करके, अपनी सुविधानुसार शाकाहारी सम्मेलन करो, शाकाहारी मेला लगाओ। *जिससे शाकाहारी समाज, जाति, सम्प्रदाय तैयार हो जाये।*

*शाकाहारी मेला का क्या मतलब होता है?*
शाकाहारी मेला का क्या मतलब होता है? *मेले में मिलाप होता है, विचारों का आदान-प्रदान होता है।*
अभी देखो! जब मेला होता है तो तरह-तरह के गाने - कीर्तन - भजन गाने वाले तरह-तरह के लोग आते हैं, मिलते जुलते हैं, अपने विचारधारा के लोगों से और अपनी बात को लोगों तक पहुंचाते हैं।
बहुत से लोग मेला देखने के लिए जाते हैं, वह भी बैठ जाते हैं कि क्या सुना रहे हैं? कीर्तन-प्रवचन क्या हो रहा है?
*ऐसे ही मेला का मतलब होता है मेल-मिलाप, तो आप मेला करो, सम्मेलन करो।*

*शाकाहारी सम्मेलन कैसे करना है?*
अब आप शाकाहारी लोगों को इकट्ठा करो और शाकाहार के बारे में लोगों को बताओ। कमेटी के लोगों को ट्रेनिंग दे दो।
उन्हें शाकाहार, परमार्थ, *जयगुरुदेव* नाम, नाम ध्वनि बोलने से क्या फायदा होगा? मनुष्य शरीर के अंदर की आत्मा परमात्मा से मुलाकात कैसे करती है? शरीर किसलिए मिला है? आदि को बताने के लिए आप ट्रेनिंग दे दो और उन लोगों से शाकाहारी सम्मेलन कराओ।
मान लो! जिला-प्रांत स्तर के जो भी पांच दस आदमी हो, आप सब जगह गांव में नहीं पहुंच सकते हो तो आप जिला स्तर के लोगों को ट्रेनिंग दे दो।
जिला वाले तहसील, तहसील वाले ब्लाक स्तर के लोगों को समझा बता दें *और यह सम्मेलन जल्दी से जल्दी आप पूरा कर लो।*
चार भागों में आप बांट दो। जहां संगत ज्यादा है, ज्यादा प्रचार हो गया है, वहां आप चार भागों में बाँट कर के और जगह-जगह पर ब्लॉक, तहसील स्तर पर चार भागों में बाँट करके सम्मेलन कर लो।
फिर प्रांत स्तर का सम्मेलन चार भागों में बाँट कर के चार स्थानों पर कर लो। *नए लोगों को भी उसमें बुलाओ।*

*शाकाहारी सम्मेलन से शाकाहारियों को भी प्रेरणा मिलेगी, गर्व का भाव जागेगा।*
जब प्रांत, जिला स्तर का बड़ा सम्मेलन हो जाएगा और जब उनके अंदर प्रेरणा उठेगी कि *भाई! हमको भी अपना समाज बनाना चाहिए।*
जैसे बुरे लोग भी अपना समाज बना लेते हैं तो हम अच्छे आदमी हैं, शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्त हैं, हमको भी अपना समाज बना लेना चाहिए।
*हमको एक शाकाहारी जाति बना लेना चाहिए जो इस समय जाति-पांति का झगड़ा, भाव लोगों के अंदर भरा जा रहा है तो उसकी जगह शाकाहारी जाति, शाकाहारी सम्प्रदाय हमारा तैयार हो जाए।*




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