संविधान में संशोधन और देशभक्ति, त्याग भावना से ही न्याय-सुरक्षा और रोजी-रोटी मिलेगी।

जयगुरुदेव प्रेस नोट/14 जुलाई 2021
बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम, उज्जैन, मप्र.

संविधान में संशोधन और देशभक्ति, त्याग भावना से ही न्याय-सुरक्षा और रोजी-रोटी मिलेगी।

घर-परिवार, समाज और राष्ट्र में सुख, सम्पन्नता लाने का सरल व व्यवहारिक रास्ता बताने वाले उज्जैन के पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 22 नवंबर 2017 को अपने दुःख निवारण काफिले के समापन पड़ाव ग्वालियर, मप्र. में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम (jaigurudevukm) पर प्रसारित सतसंग में देश की सरकारों और कर्णधारों से प्रार्थना कि की संविधान में परिवर्तन कर दिया जाए क्योंकि जब यह संविधान बना था उस समय की परिस्थितियां अलग थी और आज की परिस्थिति अलग हो गई।

बहुत से नियम-कानून ऐसे हैं जिनका पालन लोग कर नहीं पा रहे हैं। न्याय इसलिए लोगों को नहीं मिल पा रहा, मुकदमें पेंडिंग में पड़े हुए हैं, 50 साल-60 साल के मुकदमे चल रहे हैं। सुरक्षा देने वाले परेशान; सुरक्षा दे नहीं पा रहे हैं, सुरक्षा मिल नहीं पा रही, रोटी-रोजी की समस्याएं लोगों की बढ़ती चली जा रही हैं।

आज की विषम परिस्थितियों का कारण क्या है?

इसका क्या कारण है? संविधान जो बनाया गया उसके अनुसार इस समय की परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं। इसलिए विद्वानों, विशेषज्ञों को बैठाकर के उस में आमूलचूल परिवर्तन किया जाए तो न्याय-सुरक्षा ही नहीं, लोगों की रोजी-रोटी की भी समस्या खत्म हो जाएगी।

नैतिकता, सदाचार, त्याग, सेवा, देशभक्ति की भावना की जरूरत है।

जब तक नैतिकता, सदाचार, त्याग, सेवा, देशभक्ति की भावना नहीं आएगी तब तक कितना भी अच्छा कानून बना हुआ हो, उसका पालन लोग कर नहीं पाएंगे, उसका लाभ नहीं ले पाएंगे। इसलिए नैतिक शिक्षा, नैतिकता, देशभक्ति जरूरी है। यह सब चीजें तब होंगी जब उस तरह का नियम-कानून बनेगा और संविधान में संशोधन होगा।

राजनैतिक व्यवस्था में ये सुधार होने से देश अच्छा चलेगा।

देखो! जितनी राजनैतिक पार्टियां देश में बढ़ती चली जा रही हैं, व्यवस्थाएं उतनी ही गड़बड़ होती चली जा रही हैं। बनाते तो हैं अच्छे उद्देश्य के लिए लेकिन जब उसमें खराब लोग पहुंच जाते हैं तो बनी हुई व्यवस्था को बिगाड़ने में लग जाते हैं।
इसलिए राजनैतिक पार्टियां जैसे सब खत्म हो जाए और देशभक्त शाकाहारी सदाचारी लोग हर पार्टी में हैं उनको निकाल लिया जाए, उनको ट्रेनिंग दी जाए, एक आचार संहिता बना दिया जाए। उनमें कुछ को पक्ष में और कुछ को विपक्ष में बैठा दिया जाए और ऐसे देश को चलाया जाये तो बहुत अच्छा चलेगा, बहुत ही अच्छा चलेगा।

आप कर लो वरना कुदरत कर देगी, भारत विश्व गुरु बनेगा।

आप जो मीडिया के लोग हो या कोई राजनेता हो या अन्य, आप इस प्रस्ताव को उन तक पहुंचाइये। यह करते हैं तो ठीक है नहीं तो....।
यह प्रयास तो बहुत कर रहे हैं लेकिन इनका प्रयास पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पा रहा है। सफलता इसमें मिल जाएगी, समय तो ऐसा आएगा, परिस्थिति ऐसी बनेगी। जो आदमी नहीं कर पाएगा तो कुदरत उस हिसाब से कर देगी कि जिससे लोग खुशहाल हो जाएंगे।
भारत एक अध्यात्मिक देश बनकर के पूरे विश्व में उभरेगा। विज्ञान सीखने के लिए विदेशों से लोग आएंगे। भारत का अध्यात्म सीखने के लिए लोग आएंगे। भारत आध्यात्मिक गुरु होगा।

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