संतो ने स्वस्थ रहने के लिये तमाम तरह के उपचार बताये। उन बातों को पकड़ करके प्रकृति से खोज करके कई लोग वैद-हकीम हो गये -बाबा उमाकान्त जी महाराज

जयगुरुदेव
प्रेस नोट-उज्जैन मध्य प्रदेश

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कलयुग का जीता जागता प्रभु का जय गुरु देव नाम का प्रचार करने वाले वर्तमान के पूरे सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 23 अप्रैल 2021 को अपने उज्जैन आश्रम से यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम के माध्यम से ऑनलाइन सतसंग देते हुए बताया कि इस शरीर की रचना कैसे हुई, इसके बारे में भी संतों ने बताया। ऋषि-मुनि जो हुए उन लोगों ने इस शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तमाम तरह की बातें बताई। उन बातों को पकड़ करके और प्रकृति से खोज करके जड़ी बूटियों से इलाज तैयार किया कि अगर कोई तत्वों में कमी आ जाए, रक्त में विकार आ जाए, खाने-पीने की बदपरहेजी से कोई रोग हो जाए तो उसको दूर करने के लिए दवा बना ली जाए तो उनको वैद-हकीम कहा गया। काम एक ही है, दवा एक ही चीजों का बनाया गया लेकिन नाम लोगों ने अलग-अलग रख दिया।
इन्हीं जड़ी-बूटियों और इन्हीं चीजों से अंग्रेजों ने अंग्रेजी दवा बनाया जिनको डॉक्टर कहा गया। इसी की पढ़ाई जगह-जगह पर कराई जा रही है, इस समय पर लोगों को बताया जा रहा है।

*कर्मों की सजा मिलती है। कर्म को सही रखो। आपकी वजह से किसी भी जीव की जान न जाने पावे*

महाराज जी ने बताया कि जब संत आए, संतों का प्रादुर्भाव जब हुआ, उन्होंने कहा कि भाई कर्मों की सजा मिलती है। कर्म को भी भोगना पड़ता है। इसलिए कर्म सही रखो। जीवों पर दया करो। आपकी वजह से आपके शरीर के सुख के लिए किसी की जान न जाए, किसी का दिल न दुखे। इस चीज का भी ध्यान रखो।

*सन्तों और ऋषि-मुनियों ने बताया सयंम-नियम का पालन करना*

महाराज जी ने बताया कि संयम और नियम ऋषि-मुनियों ने, गुरु ने बताया कि इस तरह का संयम रखो, इस तरह का नियम बना लो। खानपान समय से करो और पूरे संयम नियम का पालन करो। जब इन चीजों में कमी आ जाती है, कहीं से भी कमी आ जाती है तब रोग हो जाता है। तत्वों के बदलाव में, मौसम के बदलाव में, ठंडी गर्मी के असर से यह तकलीफ हो जाती हैं। अब यह जरूर है कि कम उम्र के बच्चों पर, जवानों पर इनका असर कम पड़ता है। बुड्ढों पर इन चीजों का असर ज्यादा होता है और शरीर जब कमजोर हो जाता है, एक अंग में तकलीफ है, उसका उपचार दवा सही से नहीं हो पाया और उसका असर दूसरे अंग पर गया। उसको कमजोर किया, इसका इलाज हुआ तो तीसरा कमजोर हुआ। तो फिर चल फिर पाना या स्वस्थ हो पाना यह बड़ा मुश्किल हुआ करता है।

*जितने भी लोग थोड़ा बहुत जो जय गुरु देव नाम से प्रेम रखते हो, अपने-अपने क्षेत्र-गांव में अपनी बचत रखते हुये लोगों को बताओ-समझाओ*

महाराज जी ने कहा कि मुख्य रूप से आपको यह बताना है कि यह जो कोरोना रोग है, यह किसी को छोड़ेगा नहीं। प्रभावित करेगा ज्यादा से ज्यादा लोगों को।
यह सरकारी नियम जो है ,जो शोध किया वैज्ञानिकों ने जैसे मास्क लगाना, एक दूसरे की बीच की दूरी रखना, हाथ धोना या इस तरह का जो भी निर्देश सरकार की तरफ से, वैज्ञानिकों की तरफ से जारी हुआ है, उसका आप सब लोग पालन करो।
जितने भी लोग आप थोड़ा बहुत भी प्रेम जय गुरु देव नाम से रखते हो, आप लोगों से कहना है कि आप लोग इन गरीब लोगों को, गांव के लोगों को जहां तक लोग पहुंच नहीं पाते हैं, रोग फैलाने वाले तो बहुत जाते हैं लेकिन बताने वाले नहीं पहुंच पाते हैं, वहां तक भी आप अपने-अपने एरिया में, क्षेत्र में अपनी बचत रखते हुए उनको बताओ और समझाओ, नियम का पालन करो।

*प्रेमियों! इस बात का प्रचार होना चाहिये कि जो दवा बताई जाती है वह शाकाहारी लोगों को ज्यादा फायदा करती है*

महाराज जी कहा कि देखो प्रेमियों! अब इस बात का प्रचार होना चाहिए। बाकी तो आप लोगों को शाकाहारी रहने का, नशा मुक्त रहने का, आपने लोगों को सिखाया-बताया, प्रचार किया। यह भी इस समय ज्यादा जरूरी है क्योंकि जो भी दवा बताई जाती है, शाकाहारी लोगों को ज्यादा फायदा कर रही है। इसलिए शाकाहारी रहना, नशामुक्त रहना। यह तो हर संदेश के साथ आपका रहेगा लेकिन कोरोना से बचने का उपाय जो आपको बताना है, वह आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने स्तर से अपनी जान की हिफाजत करते हुए कि आपको भी न लग जाए बीमारी, इस तरह से ध्यान रखते हुए लोगों में इस बात को आप प्रेमियों बताओ।

।।जयगुरुदेव।।

- परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम उज्जैन (म.प्र)भारत

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