जय गुरु देवप्रेस नोट:08.02.2021नागपुर(महाराष्ट्र)

जय गुरु देव
प्रेस नोट:
08.02.2021
नागपुर(महाराष्ट्र)

*सतयुग का प्रादुर्भाव सबसे पहले भारत मे होगा फिर दुनियां में फैलेगा -बाबा उमाकान्त जी महाराज*

शाकाहार, सदाचार और नशामुक्ति के द्वारा मानव कल्याण की राह दिखाने वाले उज्जैन के पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 8 फ़रवरी 2021 को नागपुर, महाराष्ट्र में मानव कल्याण का सन्देश देते हुए बताया कि हमारे गुरु महाराज बाबा जय गुरु देव जी महाराज का मिशन था कि धरती पर सतयुग आ जाये, लोग सुखी हो जाये तो प्रेमियों! हम सब को मिलकर गुरु के मिशन को पूरा करना है।
महाराज जी ने कहा कि प्रेमियों देखो! अगर बाप कोई मकान बनाता है, कोई बिल्डिंग बनाता है, अधूरे में छोड़ कर चला जाता है तो बेटा पूरा करता है कि नहीं? ऐसे ही गुरु महाराज का मिशन था इस धरा पर ही सतयुग उतर आये जिसे पूरा करना है।


*सतयुग आने के संकेत अन्य ग्रंथों में भी मिलते हैं*
महाराज जी ने बताया कि सतयुग आने का संकेत लिंग पुराण के 40 वें अध्याय में भी है, जगन्नाथ पुरिया किताब में भी है, सूरसागर में भी हैं, अन्य ग्रंथों में भी है। गुरु महाराज भी बराबर कहते रहे कि कलयुग में कलयुग जाएगा, कलयुग में सतयुग आएगा। सतयुग अगर आ जाए तो खाने-पहनने-रहने की किसी को कोई दिक्कत नहीं रहेगी। कम मेहनत में ज्यादा ही मिलेगा।

*सतयुग में एक बार किसान खेत बो करके चले आते थे फिर 27 बार काटते थे*


 पहले सतयुग में ऐसा ही था एक बार खेत बो कर चले आते थे फिर 27 बार काटते थे। बस निमित्त मात्र के लिए बो करके चले आते थे। जब जरूरत पड़ती थी बादल आकर बरस जाते थे। फिर जरूरत पड़ी, फिर बादल आकर बरस गये। जब फसल तैयार हो जाती थी, तो मालूम रहता था कि यह फसल पकने में 90 दिन की है, यह 100 दिन की है, यह 60 दिन की है। तब लोग खेत पर चले जाते थे और काट कर ले आते थे। फिर उधर जाना ही नहीं पड़ता था। यह धरती धन-धान से पूर्ण थी।

 *पहले घर में 1 कमाता था, 10 खाते तो और अब 10 के 10 कमाते हैं फिर भी पूरा नही पड़ता*

महाराज जी बताया कि अब लोगों की नीयत खराब हो गई । इस धरती पर पाप होने लगा, खून बहने लग गया। पानी के बजाय खून से इसकी सिंचाई होने लगी तभी तो धरती हिलने लग गई। और अब मेहनत ज्यादा करते हैं, पैदावार कम होती है। पहले ऐसा नहीं था। समय पर गर्मी, समय पर जाड़ा, समय पर बरसात होती थी। एक कमाता था, 10 लोग खाते थे। अब 10 कमाते हैं फिर भी पूरा नहीं पड़ता है। 

  *पहले लोगों की नीयत अच्छी थी लेकिन अब लोगों की नीयत ख़राब हो गई*

महाराज जी कहा कि कारण यही है कि लोगों की नीयत खराब हो गई। पहले लोग दूसरे के धन को जहर से जहर समझते थे, दूसरे की मां-बहन को अपनी मां-बहन समझते थे। तब की नीयत में अब की नीयत में अंतर आप देख लो। पुरुष भी यही थे और औरतें भी यही थी। लेकिन इनकी भावनाएं खराब नहीं थी, भावनाएं अच्छी थी। भावनाओं की ही तो बात होती है। जवान भाई, जवान बहन एक ही चारपाई पर सोए रहते हैं, उनकी भावना अलग रहती है और पति-पत्नी की भावना अलग रहती है। पहले लोगों की भावनाएं अच्छी थी। बाकी बताया गया कि गर्मी, कामवासना आदमी से ज्यादा औरतों में होती है। ऐसे ही जब पहले मन में रहता था उनके कि हमारे यह भाई हैं, यह हमारे पिता तुल्य हैं। जब यह समझते थे ये हमारी बेटी है तब भाव अच्छे रहते थे। सतयुग में ऐसा ही था। 
अब ऐसा ही वातावरण हो जाए तो आदमी को परेशान होने की जरूरत नहीं रहेगी।

*सतयुग योगी सब विज्ञानी।।
 कर हरि ध्यान तरहि भव प्राणी।।*

सतयुग में सब योगी-विज्ञानी थे। सब योगी-विज्ञानी हो जाएं, सब भगवान को भजने लग जाएं, याद करने लग जाएं। यह काम आप लोग नहीं कर सकते हो लेकिन इस काम में आप लोग मदद कर सकते हो। गुरु महाराज जो मिशन छोड़कर के प्रेमियों गए उसमें आप मदद तो कर ही सकते हो।

*सतयुग में कोई मांसाहारी, शराबी, व्यभिचारी नहीं होगा*

महाराज जी ने कहा कि जब सतयुग आएगा तो सतयुग में कोई भी मांस, मछली, अंडा, शराब का सेवन करने वाला मिलेगा ही नहीं। सतयुग तो भारत देश में पहले आएगा। भारत देश में ही सतयुग का प्रादुर्भाव सबसे पहले होगा। उसके बाद तो पूरे विश्व में हो जाएगा।


*कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कोई भी शराब, मांस की दुकान नहीं होगी*

महाराज जी ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक जब सतयुग का प्रादुर्भाव हो जाएगा तो जितनी भी मांस, मछली, अंडा, शराब की जो दुकानें हैं, सब बंद हो जाएंगी। कोई भी शराबी-कबाबी नहीं होगा। कोई भी सटोरिया, जुआरी नहीं होगा, कोई भी व्यभिचार करने वाला नहीं होगा। जैसी जिसकी आदत यह करने की बन गई है वह सतयुग में रहेंगे बाकी का सफाया हो जाएगा। कलयुग जब जाएगा तो रगड़ता हुआ ले जाएगा। 



*युग परिवर्तन तो वक्त के जो महात्मा रहते हैं, उनके हाथ में रहता है*
जो ये युग परिवर्तन हैं यह तो महापुरुषों के हाथ में है,…



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