Kavya Gunjan...


काव्य गुंजन
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कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ- सौ बार फिसलती है।

मन का विश्वास रगों मे साहस भरता है,
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है।

आखिर उसकी मेहतन बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाते हैं,
जा -जाकर गहरे पानी में खाली लौट आते है।

मिलते न मोती सहज ही गहरे पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में।

मुटठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो,
कहां कमी रह गयी देखो और सुधार करो।

जब तक सफल न हो नींद चैन की त्यागों तुम,
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भाग तुम।

कुछ किये बिना जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

धन्यवाद ।



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