*सत्यवादी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, सत्य की हमेशा होती है विजय*

जयगुरुदेव 

02.10.2024
प्रेस नोट - 2
सावेर (इंदौर)

*आज गांधीजी के मिशन सत्य, अहिंसा को लागू करना होगा उनकी सच्ची श्रद्धांजलि*

*सत्यवादी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, सत्य की हमेशा होती है विजय*


इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

भारत जैसे धर्म परायण देश में ऋषि मुनि योगी योगेश्वर सन्त महात्माओं का प्रादुर्भाव हुआ है। यहीं से धर्म की बेल पूरे विश्व में फैली है। भारत देश में व्यापार करने के लिए अंग्रेज आए थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि इन पर हुकूमत करके इनको अपना मुरीद, गुलाम बनाया जा सकता है तब उन्होंने तरह-तरह का उपाय सोचा और करने लग गए। 

*अंग्रेजों की हुकूमत और भारतीय संस्कृति*

शाकाहार भोजन बुद्धि को सही रखता है। जब लोग शाकाहारी थे और नशे का सेवन नहीं करते थे तो लोगों की विचार भावनाएं अच्छी रहती थी। अपने अपने-अपने तौर तरीके से ही सही सभी लोग उस मलिक को याद करते थे, तब दया मिलती थी। याद करने से दया मिलती है। लोगों के अंदर एक आत्म शक्ति, आत्म बल रहता था। इस चीज को अंग्रेज समझते नहीं थे। 

जहां कहीं भी हो अपना चलाने की कोशिश करें, वहीं पर जब अध्यात्म शक्ति दिखाई पड़े तब उनका बल फेल हो जाता, कामयाब नहीं होते थे। उस समय पर कुछ ऐसे भी रहे जिनके ऊपर अंग्रेजों का असर बिल्कुल नहीं पड़ा क्योंकि वह सिद्धांत वादी, अपने वसूल पर चलते थे। खान-पान, पूजा-पाठ (बाकी लोगों के) वैसा ही था, उन पर तो असर नहीं हुआ। 

लेकिन जो बीच वाले छोटे लोग इस चीज को नहीं समझ पाए कि मनुष्य शरीर का कर्तव्य फर्ज क्या होता है, क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए, अच्छे-बुरे का ज्ञान जिनको ठीक से नहीं हो पाया, अंग्रेजों ने सोचा इनको ही पहले गुलाम क्यों न बनाया जाए। तो उनके खान-पान को बिगाड़ा। ऐसा खाने-पीने लग गए, दिखावा करने लग गए, लोगों को बुला-बुला करके खिलाने-पिलाने लग गए कि लोगों को जुबान को स्वाद मिल गया।


*अंग्रेज ही लोगों को अंडा मछली मांस शराब जैसी बुरी लत लगा करके गए*

अंडा मछली मांस शराब का प्रचलन आजादी के पहले ज्यादा नहीं था। अंग्रेज आए, (इन ऐबों को) उसको बढ़ाया। देश जब आजाद हुआ, वही आदतें इन (सत्ताधारी) लोगों की बन गई थी। वो देश के लिए कुर्बानी, त्याग करने वाले, लंगोटी लगाने वालों की बातों को भी भूल गए। डंके की चोट पर गांधी जी कहा करते थे कि स्वराज आने के बाद शराब पूरे देश में बंद हो जाएगा। 

एक कहावत है कि शेर शिकार करता है और खाते हैं गीदड़। लंगोटी उन्होंने लगाया, थप्पड़ लाठी गांधी जी खाए और जब देश आजाद हो गया, अंग्रेज जो भारतीय संस्कृति को मिटा देना चाहते थे, भारत को हमेशा के लिए गुलाम बना लेना चाहते थे, जब वह चले गए, उनकी जगह दूसरे लोग आए, उनकी जो (खराब) आदतें बनी, आज भी जनता उसका फल भोग रही है। कानून बनाने वाले, खेत की रखवाली करने वाले, जब वही लोग नहीं समझ पाएंगे कि रखवाली कैसे की जाती है, कानून कैसे बनाया जाता है, देश की जनता को कैसे खुशहाल किया जा सकता है, तब आप सोचो, जनता का, देश का क्या हाल होगा। 


*आजादी के बाद की चुनौतियां*

जब गांधी जी महात्मा नहीं थे, एक वकील थे, उन्होंने इस चीज को सोचा, पर प्रभु को उन्होंने याद किया। प्रभु की दया उन पर हुई। उन्हें अकल बुद्धि आई कि मुहिम चलाना चाहिए। संघे शक्ति कलयुगे। कलयुग में संघ में शक्ति है तब उन्होंने वैचारिक आंदोलन शुरू किया। तीर-तलवार नहीं उठाया। अहिंसा के पुजारी थे। हिंसा वादी नहीं थे। तब उन्होंने विचारों में परिवर्तन लाना शुरू किया और देश को आजाद करने के लिए आगे बढ़े। इसके बदले में उनको तकलीफें झेलनी पड़ी। 

टाई कोट लिबास की बजाय लंगोटी लगा करके निकले, अच्छा काम किया, देश को आजाद कराया, स्वतंत्र किया। अब भले ही लोग परतंत्र होते चले जा रहे हैं लेकिन अपनी तरफ से उन्होंने पूरी स्वतंत्रता लाने की कोशिश की। उस वक्त पर अंग्रेज देश छोड़कर के चले गए थे तब उनको लोग महात्मा कहने लग गए थे क्योंकि महात्मा का एक तरह से बाना पहन करके, महात्मा के विचारों को ग्रहण करके उन्होंने सत्य और अहिंसा का पाठ अपनाया इसीलिए उनको लोग महात्मा गांधी कहने लग गए थे।


*सत्य और अहिंसा मनुष्य का आभूषण है*

सत्यवादी का कोई कुछ नहीं कर सकता है। सत्य की हमेशा विजय होती है। जो जीवों पर दया करता है, उसकी भी विजय होती है क्योंकि उस पर दया कृपा उस कृपानिधान की होती है, जिसको रहमान, दया सिंधु रघुवीर कहा गया। जो दया धर्म अपनाता है, उसकी रक्षा वह प्रभु करता है। गांधी जी के हाथों में जो (सत्य, अहिंसा, दया का) शस्त्र, अस्त्र, एक हथियार था, वही उनको विजय दिलाया। आज गांधी जी के जन्मदिन के अवसर पर इसे भारत के सब लोगों, जनता, राजा सबको इस चीज को याद रखने की आवश्यकता है।





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