☀ हैं हम एम.पी. एम.एल.ए. ☀
न गफलत में रहो यारों गरीबी दूर कर देंगे। पिला मीठा जहर तुमको नशे में चूर कर देंगे।।1
हमारा ख्याल दुनिया से खतम इन्सानियत कर दो।
मिटा शर्मोहया सबकी खुली हैवानियत कर दो।
सुला न दो नींद ऐसी ये न समझे क्या हकूक इनका,
दिलों में खौंफ भर मुर्दा, रूहानियत कर दो।।
सिफारिश झूठ,रिश्वत, कत्ल को बदस्तूर कर देंगे। पिला मीठा जहर तुमको नशे में चूर कर देंगे।।2
हैं हम एम.पी., एम.एल.ए. मत मेरी ताकत से टकराना।
नजीरें हैं मेरे जुल्मों की, गुजराती बिहाराना।
हैं हम आईन के मालिक, सभी कानून हैं हमसे,
ये सब हैं मिलिकयत अपनी, तुम्हारा टैक्स नजराना।
गरीबी, टैक्स, महंगाई, बढ़ा भरपूर कर देंगे। मीठा जहर तुमको नषे में चूर कर देंगे।।3
है जब तक मुल्क धोखें में नहीं खैफो खतर कोई।
सिनेमा कैमरे बोतल में, है ये कौमियत खोई।
हमें अब सिर्फ जयगुरुदेव से लगने लगा है डर,
कि सुन जिनकी सदा जगने लगी है ताकतें सोई।
है लगता वे हमें कुर्सी से जल्दी दूर कर देंगे। मीठा जहर तुमकोनशे में चूर कर देंगे।।4
⌾ 4. कुदरत बौखला गई है ⌾
जब पृथ्वी पर पाप बढ़ जाता है तब ईश्वर की पार्लियामेंट में अधर्मियों के विनाश की और अच्छे लोगों की रक्षा की एक रील तैयार की जाती है। इसी रील के अनुसार कुदरत अपना काम करती है। इसके पहले इस भूमण्डल पर जो सन्त रहते हैं उनसे उस रील को पास कराना आवश्यक होता है। संत सतपुरुष के रूप में होते हैं और सर्वसमरथ होते हैं।
बिना उनकी मर्जी के यह काम नहीं हो सकता है। अतः वे जीवों पर दया करके उनको एक लक्ष्मण रेखा के अन्तर्गत लेना चाहते हैं जिससे उनकी रक्षा हो सके। जो जीव उनकी बातों को मान लेते हैं वो बच जाते हैं और बाकी लोग समाप्त हो जाते हैें।
वर्तमान में भी ठीक ऐसा ही कार्य हो रहा है। जब तक बाबा जयगुरुदेव अपना प्रचार जीवों के कल्याण के लिए कर रहे हैं तब तक काल की शक्तियां रुकी हुई हैं और जब वो अपनी आवाज लगा लेंगे फिर कुदरत का डंडा पड़ेगा। कुदरत के एक डंडे में करोड़ों का सफाया हो जायेगा। कुदरत बौखला गई है और बाबा जी से प्रार्थना करती है कि ये समझाने से नहीं मानेंगे। आप हमको मौका दीजिए। एक डंडे में इनकी अकल ठिकाने कर दूंगी।
✔ 5. यही सत्य है ✔
यह बात बिल्कुल सत्य है कि बच्चा हमेशा मां का सहारा लेता है, पत्नि हमेशा पति का सहारा लेती है, विद्यार्थी अध्यापक का, प्रजा राजा का, शिष्य जो आत्मकल्याण चाहता है, गुरु का सहारा लेता है। माता-पिता और पुत्र का प्यार रहा तो जीवन सुखमय होगा, विद्यार्थी और अध्यापक में प्यार रहा तो भौतिक शिक्षा प्राप्त की जा सकती है, राजा और प्रजा में प्यार रहा तो देश और समाज में सुख का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा, गुरु और शिष्य में सच्चा प्रेम और प्रतीति रही तो भगवान मिलेगा। सबसे सर्वोपरि गुरु का प्यार निःस्वार्थ प्यार होता है।
सभी जीवात्मायें वास्तविकता चाहती हैं। जन्म-मरण से छूटना चाहती हैं। इसका बोध हो या ना हो, पर गुरु का निःस्वार्थ प्यार मिल जाये तो वे सुखी होती हैं। भौतिक वस्तुओं में कोई चीज स्थायी नहीं है। इसलिए हर कहीं उदासीनता हो जाती है, निराशा हो जाती है। सभी प्राणी वास्तविकता चाहते हैं। इसका असली रूप यह है कि सब अपनी वास्तविकता को समझें।
⍟ 27 वर्षों के लोकतंत्र में क्या हुआ ? ⍟
✔ यह लोकतंत्र नहीं गड़बड़ तंत्र और लुटेरा तंत्र है।
इसमें गरीबों को और चूसा गया। इनको दाने-दाने को मोहताज किया।
✔ आन्दोलन, हड़ताल, तोड़फोड़, हिंसा, रिश्वत, अन्याय, अत्याचार, पापाचार और चरित्र पतन के बाजार गर्म करा दिए गये।
✔ 27 वर्षों में जितनी हत्यायें हुई उतनी मुसलमानों और अंग्रेजों के इतिहास में भी नहीं हुईं।
✔ परिवार नियोजन जैसा घृणित और चरित्र को बर्बाद करने वाला काम अब तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ।
✔ अखबार और रेडियो को इस लोकतंत्र ने अपनी मुट्ठी में बन्द करके जनता को धोखे में डाल दिया। अखबार, रेडियो जन सेवक न होकर हिन्सा, आन्दोलन, राग-द्वेष, नफरत हीनता के विज्ञापन फैलाने के माध्यम बना दिए गए।
✔जनहित के, सदाचार और प्रेम लाने के, धर्म कर्म के उत्थान के देश में हो रहे बड़े बड़े कार्यक्रमों को अखबार और रेडियो पर न देकर जनता के अधिकारों पर कुठारघात किया गया।
☀ बाबा जी की अपील ☀
इसलिए बाबा जी की अपील है कि सभी लोग एकसाथ मिलकर ऐसे गड़बड़ तंत्र को खत्म कर देने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हो जायं। आगामी लोक सभा के चुनाव में सभी लोग अपने मतदान का प्रयोग करें। सब लोग मिलकर एक आवाज लगायें कि चुनाव राष्ट्रपति शासन होने पर ही हो। वोटों की गिनती मतदान केन्द्रों पर ही हो। सब लोग अपना मतदान 20 से 35 वर्ष के नवयुवकों को जो शाकाहारी सदाचारी हों दें।
☀ 7. बाबा जयगुरुदेव के खिलाफ कोई आरोप नहीं ☀
उप महानिरीक्षक पुलिस आगरा रेंज, मथुरा जनपद के निरीक्षण दौरे पर मथुरा पधारे। अपने वरिष्ठ नागरिकों से भेंट के सिलसिले में जनपद के पत्रकारों से भी हुई भेंट के समय पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट किया जयगुरुदेव बाबा के कानपुर सुभाष जयन्ती समारोह के सम्बन्ध में फरार, गिरफ्तार वारण्ट सम्बन्धी अखबारों में छपे समाचारों के अनुसार कोई जानकारी हमारे यहा नही है। उनके भाषणों में कोई आपत्तिजनक बात नहीं होती है।
वह तोड़फोड़ हिन्सा आन्दोलन को देश का अहित समझते तथा सत्य, सदाचार, चरित्र उत्थान के लिये आध्यात्मिक विचार प्रकट करते हैं जो किसी प्रकार भी आपत्ति जनक नहीं कहे जा सकते ।
☀ 8. भगवान की प्रार्थना ☀
एक बार प्रेमियों की गोष्ठीं में स्वामी जी ने बताया कि मैंने तो काल भगवान (ईश्वर, खुदा, गाड) से पहले कहा था कि अगर आप मृत्युलोक मंडल में आज चले जाये तो दुनिया के लोग पूजा करने को कौन कहे आपको मारने को दौड़ पड़ेंगे और कहेेंगे कि बड़ा भगवान बन के आया है।
काल भगवान ने उत्तर दिया कि महाराज आप ठीक कहते हैं मेरी सृष्टि में आज लोग मुझको ही भूल चुके हैं। आप परिवर्तन कर दीजिए, सुधार कर दीजिए। कुदरत आपके किसी भी काम में बाधा नहीं डालेगी, यह मेरा उसको आदेश है। जो लोग आपकी बातों को मान लेंगे उनका तो में कुछ नहीं बिगाड़ सकता किन्तु जो लोग अपने बुरे कर्मों को नहीं छोड़ेंगे और आपके प्रचार में रोड़ा बनेंगे उसका मैं सफाया कर दूंगा।
जयगुरुदेव |
शेष क्रमशः पोस्ट न. 6 में पढ़ें 👇🏽
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sabhar,
Yug mahapurush baba jaigurudev ji maharaj bhag 5
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बाबा जयगुरुदेव जी महाराज |
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