16.) Maharajji ke Satsang ki short video clip

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-

215. दुखी जीवों को देखकर मालिक स्वयं आता है।

216. सबके सिरजनहार सतपुरुष समय-समय पर धरती पर सतगुरु के रूप में आते रहे हैं।

217.  जिनको आदेश होता है उनको पावर अलग से मिलता है।

218.  गुरु बिन मेलो मन को धोई।

219. नामदान देने, सम्हाल करने वाले के रूप को याद (ध्यान) करना चाहिए।

220. समरथ गुरु जरूरत पर सब कुछ देते हैं।

221.  सतगुरु साफ बात करते हैं।

222. भजन भाव भक्ति दो मिनट में खत्म हो जाती है।

223.  दुनिया का प्रेम दुख भरा होता है।

224.  भक्ति में अहंकार होना ही नहीं चाहिए।

225. बगैर मेहनत के खाने पर पुण्य कर्म, सिद्धियां कम होती जाती हैं।

226. यही हाल रहा तो पैसे की भारी कमी हो जाएगी।

Baba umakantji maharaj ujjan


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