*इस राष्ट्रीय पर्व पर संकल्प लो कि भजन-ध्यान-सुमिरन करके प्रभु के पास पहुंचें और दुबारा इस दुःख के संसार में न आवें।*

*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/ दिनांक 16.08.2021*
सीकर, राजस्थान

*इस राष्ट्रीय पर्व पर संकल्प लो कि भजन-ध्यान-सुमिरन करके प्रभु के पास पहुंचें और दुबारा इस दुःख के संसार में न आवें।*

हर तरह से मानव को उसके मनुष्य जीवन का सच्चा उद्देश्य बतला कर, पूरे संत सतगुरु की खोज कर और जीते जी मुक्ति-मोक्ष प्राप्त करने की समझ पैदा करने वाले,
समय के पूरे संत सतगुरु उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 15 अगस्त 2021 को *भारत के राष्ट्रीय पर्व स्वाधीनता दिवस* पर यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर लाइव प्रसारित सतसंग में बताया की,

*पर्व और त्यौहार इसलिए मनाये जाते हैं कि बुराईयों को छोड़ें और अच्छाईयों को ग्रहण किया जाए। आज तो सभी जाति, मजहब, धर्म का त्यौहार है।*

*आप न जानने की वजह से इस काल-माया के पराये देश के नियम जाने-अनजाने में तोड़ते हो और अब दुःख पा रहे हो।*

जिसके पास धन पुत्र नहीं है, वो दुखी हैं और जिनके पास खूब रुपया-पैसा है, भरा-पूरा परिवार है वो और ज्यादा दुखी हैं।
यह दुखों का संसार है, कोई सुखी है ही नहीं। क्योंकि यह पराया देश है। आप उस काल भगवान् की व्यवस्था को नहीं समझ पाए तो अब सजा मिल रही है।
इस भारत देश के नियम-कानून तो आपको मालूम हो गए कि भारत में सडक पर बायीं तरफ चलते हो। लेकिन दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां पर दायीं तरफ चलते हैं। अब वहां जाने पर या तो वहां का नियम सीखो या चपेट में आ जाओ, गलती कर बैठे तो सजा मिल जाएगी।
ऐसे ही ये अपना देश नहीं है। ये काल और माया का देश है। आप यहाँ के सभी नियम कानूनों को नहीं जानते हो। गलती जान-अनजान में करते हो तो अब सजा भुगत रहे हो। 

*आपका देश तो अलग हैं।*
*रास्ता बताने वाले को खोजो और अपने असली घर सतलोक पहुँचो।*

अब वहां कैसे पहुंचोगे?
*ये रास्ता देंगे समय के संत सतगुरु।*
इसलिए आप सभी खोज करो। उस मालिक से प्रार्थना करो कि हमें भी वो पूरे संत मिल जाएं, उनका सतसंग मिल जाए।
*उनसे हम रास्ता यानि नामदान लेकर अपने घर, अपने वतन पहुँच जाएं और दुबारा इस दुःख के संसार में न आना पड़े।*

Daya-sagar


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