*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/ दिनांक 15.08.2021*
आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश
*भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जितने भी देश हैं,* *सबको युद्ध से बचना चाहिए।*
परिवार-समाज-देश ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के सच्चे हितैषी, आगामी संकटों से सबको आगाह कर बचने की अपील करने वाले,
समय के संत सतगुरु उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 01अक्टूबर 2020 को उज्जैन आश्रम से यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम चैनल *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित संदेश में कहा कि,
*मैं बराबर कहता रहता हूँ - युद्ध से बचें। पूरा देश और भारत ही नहीं विश्व के जितने भी देश हैं, सबको युद्ध टालना चाहिए। युद्ध के लड़ाई से, जंग से बचना चाहिए।*
*युद्ध के समय कई अधिकार खत्म हो जाते हैं।*
आप यह समझो अगर कहीं लड़ाई हो गई तो सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी। आपका सारा अधिकार खत्म हो जाएगा।
आपकी जो स्वतंत्रता है, सब खत्म हो जाएगी। जिस कानून के अंतर्गत जिस सड़क पर आप चलते हो, आप को सड़क पर चलने का अधिकार नहीं रहेगा। कह दिया जाये कि सड़क खाली कर दो, सड़क पर कोई जाएगा नहीं, इसमें सिर्फ फौज जाएंगी तो आपको कोई चलने देगा? रोक दिए जाओगे।
*ब्लैक-आउट हुआ तो बिजली-पानी की समस्याएं होंगी।*
आप यह समझो कि कितना भी लाइट लगवा लो, कितना भी आप अपने कोठी-मकान पर सजावट करवा लो, लेकिन अगर ब्लैक-आउट का आदेश हो गया, कोई लाइट नहीं जलाएगा तो अंधेरे में ही आपको रहना पड़ेगा।
यदि बिजली काट दी गई या फेल हो गई या लाइन टूट गई तो पानी पी नहीं पाओगे। कुएं और तालाब तो अब रहे नहीं। अब तो कुओं और तालाबों को लोगों ने बंद करवा दिया तो कोई ध्यान नहीं है कि पानी कहां से मिलेगा?
अस्सी नब्बे सौ से ज्यादा मंजिल के मकान बने हुए हैं। कोई सीढ़ी से आ-जा सकता है? जो जहां है वहीं लटका रह जाएगा। जैसे रास्ते में बिजली के तारों से पक्षी लटके रह जाते हैं, ऐसे ही लटके रह जाओगे।
*जब अन्न नहीं मिलेगा तो कितने दिन तक आदमी जिंदा रहेगा? वहीं खत्म हो जाएगा।*
जब अन्न नहीं मिलेगा तो आदमी कितने दिन तक जिंदा रह सकता है? बगैर पानी-अन्न के शरीर तो कमजोर होगा ही। उतरते-उतरते सीढ़ी पर ही गिर जाएगा, वही खत्म हो जाएगा।
कहीं अगर बम गिर गया, धरती फट गई, रास्ता बंद हो गया तो सामने ऐसे दिखाई पड़ेगा कि गांव है आबादी है। हम शहर की तरफ आए थे और हमको अपने गांव जाना है, लेकिन जा नहीं पाओगे। गांव के जो लोग हैं वो शहर आ नहीं पाएंगे।
जितनी भी रुपया पैसा संपत्ति है, जिसको अपना कहते हो। जिसके लिए दूसरे को धोखा दे देते हो, चोरी बेईमानी कर लेते हो। पैसा कमाने के लिए आप अपने ईमान को खत्म कर देते हो, बेच देते हो, पाप कर डालते हो वो पैसा रूपया भी बैंक का इमरजेंसी जब लगती है, मिलने की गारंटी नहीं रहती है।
*लड़ाई झगड़ा दंगा फसाद इन सब चीजों से बचने की जरूरत है।*
इसलिए कहा जाता है कि भाई बुरा कर्म मत करो। जिसकी वजह से सजा भोगना पड़े, लड़ाई झगड़ा दंगा फसाद यह क्या है?
*ये है कर्मों की सजा ही है। इन सब चीजों से बचने की जरूरत है। धरती की जो चीजें हैं, मनुष्य की अपनी कुछ नहीं, कुछ नहीं है।*
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Guru-mere-parmata |
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