जयगुरुदेव
शाकाहारी प्रचार अभियान, सत्संग, रैली आदि में
जन जागरण हेतु बोले जाने वाली-
Anand k lute khajane
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आनंद के लुटे ख़ज़ाने,
मेरे सतगुरु के दरबार में।
सतगुरु के दरबार में,
भई संतो के दरबार में ।।
धन में सुख ढूंडन वाले,
तुम धनवालो से पूछ लो।
उन्हें चैन नहीं मिलता है,
पल भर भी व्यापार में।।
कोठी बंगले कारो की,
भाई कमी नहीं उनके पास में।
वो भी यूं केहरा से,
हम बहुत दुखी संसार में।।
चाचा ताऊ कुटुंब कबीला,
बहुत बड़ा परिवार है।
वो देखे रोज़ कचेहरी,
आपस की तकरार में।।
न सुख है इस संसार में भई,
न सुख बन के जान में।
जय गुरु देव समझावे,
सुख है तो अगम विचार में।।
Mam fula fula fire
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मन फूला-फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे।
भाता कहें यह पुत्र है मेरा बहिन कहे यह वीर मेरा ।
भाई कहै यह भुजा है मेरी, नारी कहे नर मेरा रे।।
मन फूला-फूला....
पेट पकड़ कर माता रोए, बाँह पकड़ के भाई।
लपटि-झपटि के तिरिया रोवे, हंस अकेला जाई रे ।।
मन फूला-फूला....
जब लग जीवे माता रोवे, बहन रोवे दस मासा रे।
तेरह दिन तक तिरिया रोवे, फेरि करे घर वासा रे ।।
मन फूला-फूला....
चार गजी चर गजी मँगाई, चढ़ा काठ की घोड़ी।
चारौ कौने आग लगाई, फूँक दई जस होरी रे ।।
मन फूला-फूला....
हाड़ जले जैसे लकड़ी, केश जले जैसे घासा ।
सोने जैसी काया जल गई, कोई न आयो पासा रे ।।
मन फूला-फूला....
घर को तिरिया देखन लागी, ढूंढ़ि फिरे चहुं देशा ।
कहे कबीर सुनो भाई साधो, छोड़ो जगकी आशा रे ।।
Ari maya chhod de mera sath
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अरी माया छोड़ दे अब मेरा साथ, सतगुरु से मिलने जाने दे।।
तूने तो रोके सारे रास्ते,
अरी दुश्मन, मेरा तो दिल घबराये । सतगुरु से...
सतगुरु तो पाये बड़े भाग से,
अरी बैरन हर तू रहे मेरे साथ । सतगुरु ....
झूला तो डालूँ जाके सुन्न में,
अरी ठगनी फिर नहीं आऊँ तेरे हाथ । सतगुरु..
सूना तो मन्दिर मेरा गुरु बिना,
अरी बहना तड़प रही हूँ दिन रात। सतगुरु ...
हृदय कटारी लागी प्रेम की,
अरी बहना रहना तो चाहूँ उनके साथ । सतगुरु...
चरणों में शीश नवाऊँ सतगुरु के,
अरी बहना अब तो न छोहूँ उनका साथ,
सतगुरु से मिलने जाने दे।।
Udja re panchi
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उड़ जा रे पंछी ये अपना देश नहीं बेगाना ।। टेक ।।
इत उत सदा घूमता डोला, करता मेरा तेरा,
बुहत डार पर किया बसेरा, बीते शाम सवेरा ।
शान्ति न तिल भर अब लौ पाये, लगा-न ठीक ठिकाना।।
समझ रहा है जिसको अपने, होगे वही पराये,
तुमसे सगरे घृणा करेंगे, पास न कोई आये।
तन मन शक्ति हीन परबस, कर मीज मीज पछताना ।। उड़ जा...
जिस नगरी में करे बसेरा, तेरी नहीं पराई,
इसका मालिक इक दिन तुमको, सोंटन मार भगाई ।
उस दिन रक्षक कोई न होगा, फिर रो रोकर यह कहना।। उड़ जा...
कृपा किया गुरुदेव ने तुम पर, दे दिया राह रकाना,
अब भी चेतो चढ़ो अधर में सच्चा जहाँ ठिकाना।
जय गुरु देव बचन मानो अब, नहिं पीछे पछिताना ।। उड़ जा..
देख सामने श्वेत बिन्दु में, सतगुरु दियो निशाना,
वही राह है प्रभू मिलन की-पंख बिना उड़ जाना।
निश्चय एक दिन पहुँच जायगा-अपने घर सच माना।। उड़ जा...
Mere satguru ki mahima apaar
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मेरे सतगुरु की महिमा अपार, जिभ्या क्या वर्णन करे ।।
जग तारण कारण प्रभु मोरे, आन लिया अवतार ।।
काट दिये सब मोह बन्धन, बख्शा है चरणों का प्यार ।।
नौ दर छोड़ दसवां दर पाया, सत्खण्ड सत दरबार ।।
परम प्रकाश सतनाम प्रभु का, दिखा दिया भक्ति का द्वार ।।
सुन्दर तख्त बिछा कर बैठे, सतगुरु पूरे संत दरबार ।।
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Jaigurudev