*मरने के बाद भगवान नहीं मिलता है*

जयगुरुदेव

27.09.2024
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)


*ये वही बाबाजी हैं जिनके सतसंग, दर्शन व भक्ति से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक तकलीफें दूर और इसी मनुष्य रुपी मंदिर में प्रभु का दर्शन होता है*


इंसान इस समय पर सुख, समृद्धि और शान्ति की कोशिश तो करता है लेकिन सच्चे सन्त व उनके सतसंग न मिलने के कारण सफलता नहीं मिल पा रही है। ये वही बाबा उमाकान्त जी महाराज है जिनके सतसंग व दर्शन से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तकलीफें तो दूर होती है तथा इनके बताए हुए रास्ते पर चलने से इसी मनुष्य रुपी मंदिर में प्रभु का दर्शन भी होता है। आप सभी लोगों से विनती है कि समय से सपरिवार पधारकर अवसर का लाभ प्राप्त कर लीजिए। जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव इस तरह से शाकाहारी नशामुक्त होकर नाम ध्वनि बोलेगो तो कुछ समय में फायदा दिखने लगेगा।

*मरने के बाद भगवान नहीं मिलता है*

गुरुजी ने सुल्तानपुर में दिए अपने सन्देश में बताया कि जीवों पर दया करो। इस मानव मंदिर को गंदा मत करो। यह भगवान की पूजा उपासना इबादत के लिए मिला है और इसी में भगवान मिलता है। आज तक जिसको मिला, इसी में मिला। मरने के बाद न तो भगवान मिला है न किसी को मिलेगा। और जिसको-जिसको मिला, सब लोगों ने कहा इसी में दर्शन होता है। यह घट भीतर सात समुंदर, यही मल मल नहाओ। 

इसी के अंदर सब कुछ है। ज्यों तिल माही तेल है, ज्यो चकमक में आग, तेरा साई तुझमें, जान सके जो जान। मीरा ने भी जब प्रभु का दर्शन अंतर में किया तब कहा- घट घट मेरा साइयां, सूनी सेज न कोय, बलिहारी वा घट का, जा घट प्रगट होए। मीरा ने भी कहा। तभी तो इसको मानव मंदिर कहा गया। जो पूरे फकीर मुर्शिद कामिल कहलाए उन्होंने भी कहा, यह जिस्मानी मस्जिद है, इबादत की जगह है। 

इसी में खुदा का नूर देखा जा सकता है। इसी में वह प्रकाश रोशनी है। ईसामसीह ने कहा If thine eye be single, thy body shall be full of light. इसी को कहा, यह टेंपल ऑफ लिविंग गॉड है। कहा कि समझो कि ये जिस्मानी मस्जिद मानव मंदिर है। तो लोगों ने इसी में देखा, इसी में मिलता है वो। तो इसको बचाओ और इसको (अशुद्ध आहार, तेज नशा आदि से) गंदा मत करो।




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