बाबा उमाकान्त जी महाराज के कतिपय वचन-
+ यह मनुष्य शरीर जीते-जी प्रभु दर्शन के लिए मिला है। समर्थ गुरु को खोजो, नाम की कमाई करके आत्मा का कल्याण कर लो।
+ मृतक शरीर की मुक्ति तो श्मशान घाट पर हो जाती है परन्तु आत्मा की नहीं इसलिए जन्म-मरण की पीड़ा, नर्क - चौरासी के कष्ट से बचने के लिए वक्त के समर्थ सतगुरु के पास पहुँचकर आदिकाल का पाँच नाम लेकर प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान, भजन करके आत्मा की मुक्ति करानी चाहिए।
+ मनुष्य शरीर मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे की तरह से है। मुर्दा-मांस अंदर डालकर इसे गंदा मत करो।
+ पापी मन व पापी शरीर से की गई पूजा-उपासना, इबादत कभी स्वीकार नहीं होगी, इसलिए जिस्म को गुनहगार मत बनाओ ।
+ सच्चे सन्त के दर्शन, सतसंग और आशीर्वाद से नहीं बनने वाले काम भी बन जाते हैं।
+ पहले के समय में महात्माओं के मार्गदर्शन से लोगों में इतना आत्मबल, आत्मशक्ति थी कि जिस चीज की इच्छा करते वो पूरी हो जाती थी वह आज भी संभव है ।
+ विवेकशील बुद्धिजीवियों को भारत के आध्यात्मवाद की गरिमा जगाते रहना चाहिए। + जीव हत्या करके पैसा कमाने वाला कोई भी देश कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है।
+ अब ऐसा समय आ गया है कि आप सब लोग शाकाहारी, चरित्रवान, नशे से मुक्त, देशप्रेमी, धर्मप्रेमी बनकर कुदरती कहर का मुकाबला करो, नहीं तो अस्तित्व ही मिट जाएगा ।
+ आगे ऐसी परिस्थिति पैदा हो जाएगी कि लोग मांस, मछली, अंडा और नशे की चीजों को मजबूरन छोड़ेंगे। + ध्यान दें ! बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना भारत जैसे धार्मिक देश के लिए खतरनाक होगा।
+ मेहनत इमानदारी की कमाई करो। दिल दुखाकर लाया हुआ, बिना मेहनत का पैसा फलता-फूलता नहीं बल्कि तकलीफ देता है ।
+ आजमाइश करके देख लो, जयगुरुदेव नाम प्रभु का ही है। जब मुसीबत में आदमी, देवी-देवता, फरिश्ते मददगार नहीं होंगे तब यह जयगुरुदेव नाम शाकाहारी, चरित्रवान, नशामुक्त लोगों के लिए मददगार होगा।
" जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव " नाम की ध्वनि रोज एक घंटा लगातार बोलने से तकलीफों में आराम मिलने लगता है।
ANMOL VACHAN
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JAIGURUDEV BABA UMAKANTJI MAHARAJ |
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