*संकेत में बता रहा हूं, आगे का समय बहुत खराब आ रहा है, बचने का उपाय खोज लो -सन्त बाबा उमाकान्त जी*

जयगुरुदेव

25.09.2023
प्रेस नोट
बावल (हरियाणा)

*कलयुग और सतयुग की लड़ाई का समय आ रहा है, चुटकी बजाने में होगा करोड़ों का वारा-न्यारा*

*संकेत में बता रहा हूं, आगे का समय बहुत खराब आ रहा है, बचने का उपाय खोज लो -सन्त बाबा उमाकान्त जी*

*शाकाहारी बनो, जीवों की हत्या मत करो, पेट को मत बनाओ कब्रिस्तान*



आगामी भारी जन-धन की हानि से चेताने वाले, बचने का उपाय भी समय रहते बताने वाले, इस वक़्त के मसीहा, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने 24 सितम्बर 2023 प्रातः बावल आश्रम, हरियाणा में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि मन अगर अच्छे काम में लग जाए, अच्छे लोग मिल जाएँ, मन को समझा ले जाएं तो मन सुरत का साथ दे दे। नहीं तो यह सुरत का साथ छोड़ कर सुनने, देखने, नभ्या, जिभ्या का स्वाद लेने लगता है। मन भी पापी, कर्मी हो जाता है। इसीलिए सन्तों ने तन मन धन की सेवा का विधान बना दिया। 


*कुदरत के खिलाफ काम करोगे तो चुटकी बजाने में होगा करोड़ों का वारा-न्यारा*

गुरु महाराज बता करके गए कि लोगों को समझाओ बताओ सुधारो कि प्रकृति के, भगवान के खिलाफ काम न करें। इस समय भगवान के नियम के खिलाफ काम करते चले जा रहे हैं। चाहे जान में करते हो या चाहे अनजान में करते हो, वो तो सजा देगा। घर, परिवार, बिरादरी में कोई गलती करता है तो सजा देते हो, देश का नियम तोड़ने पर मार पड़ती है, जेल जाना पड़ता है, ज्यादा गलती कर दिया तो फांसी पर लटकाना पड़ता है। जैसे यहां के नियम हैं ऐसे ही वहां के भी नियम है। वह मौका देता है। अभी तो समझ लो मौका दे रहा है लेकिन एक समय ऐसा आएगा कि ऐसे चुटकी बजाने में करोड़ों का वारा-न्यारा हो जाएगा। कहते हैं- घिरी बदरिया पाप की, बरस रहे अंगार, सन्त न होते जगत में, जल मरता संसार। सन्त हमेशा रहे। इतिहास उठा करके देख लो। इस चीज को कोई नकार नहीं सकता है।


*राम-कृष्ण को भी लेना पड़ा गुरु का सहारा*

यही कारण है कि जितने भी महापुरुष आए चाहे राम रहे हो, चाहे कृष्ण रहे हो लेकिन उनका सहारा लेना पड़ा, उनको गुरु बनाना पड़ा। राम के विद्या गुरु विश्वामित्रजी थे और अध्यात्म गुरु वशिष्ठजी थे। उनकी दया ले लेकर के उन्होंने काम किया। कृष्ण भगवान जिनको कहते हैं, उन्होंने भी दो गुरु बनाये- विद्या गुरु संदीपनीजी और अध्यात्मिक गुरु सुपचजी।


*संकेत में बता रहा हूं, आगे का समय बहुत खराब आ रहा*

यह हमेशा रहते हैं। कभी-कभी एक जगह पर बैठकर के संभाल करते रहते हैं। जब अत्याचार पापाचर दुराचार ज्यादा बढ़ जाता है तब घूम-घूम करके उपदेश करते समझाते बताते हैं। जैसे हमारे गुरु महाराज थे। संभालने का मौका देते हैं और बताते हैं की देखो धुआं जहां हो, तहां समझलो आग है तो होशियार रहो, पता नहीं कब आग लग जाए। इस तरह से संकेत करते हैं। तो मोटी बात समझ लो। भविष्यवाणी मैं नहीं करता हूं लेकिन संकेत में आपको समझा देता हूं। आगे का समय बहुत खराब है। जगह-जगह पर धुआं दिखाई पड़ने लग गया है, कब आग लग जाए और उसमें ध्वस्त हो कर के मर जाएं।


*कलयुग और सतयुग की लड़ाई का समय आ रहा*

जैसे बार्डर पर फौज लगा दी गई और वहां पूरी तैयारी हो गई, कब गोली बारी, लड़ाई शुरू हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता। ऐसे ही कलयुग और सतयुग की लड़ाई का समय आ रहा है। प्रेमियों! संभल कर रहने की जरूरत हैं। लोगों को समझा करके सतयुग दिखाने का समय मौक़ा है। लोगों को बताते, समझाते रहो। हाथ जोड़कर विनय हमारी, तजो नशा बानो शाकाहारी। शाकाहारी बन जाओ। जीवों की हत्या मत करो। पेट को कब्रिस्तान मत बनाओ। अगर मांस, मछली, अंडा खाओगे, दूसरों को तकलीफ दोगे, यह समाज विरोधी, मानव विरोधी काम करोगे तो जितना भी पूजा-उपासना करोगे, कबूल नहीं होगा और तुमको कर्मों की सजा अलग से मिलेगी।




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