*महापुरुषों की बात नहीं होती गलत*

 जयगुरुदेव

24.09.2023
प्रेस नोट
पाली (राजस्थान)


*कर्मो की सजा मिलने वाली है, अगर लोग शाकाहारी नशा नशामुक्त नहीं बने तो नहीं देख पाएंगे सतयुग*

*आज की तारीख तक आपने तकलीफों को नहीं देखा, आगे आ रही हैं, कर्म अगर अच्छे बन गए तो देख लेंगे अच्छा समय*


शरीर से जान-अनजान में बन चुके गलत कर्मों की, भगवान के टूट गए नियमों की आगे मिलने वाली भारी सजा से बचने का तरीका बताने वाले, कर्म करने की स्वतंत्रता लेकिन फल भोगने की परतंत्रता को रेखांकित करने वाले, जिनके वचन अकाट्य हैं, ऐसे इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 19 सितम्बर 2023 प्रात: पाली (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

सेवा में जब लगेंगे तब कर्म कटेंगे। ध्यान भजन में मन न लगे, प्रभु याद न आवे तो देखो मन कहां, किस तरफ जा रहा है? समझ लो इन्हीं अंगों से पाप कर्म बन गए हैं। अब उनको कैसे काटोगे? कैसे क्षमा होगा? सेवा के द्वारा। शरीर में बहुत तरह के अंग हैं और बहुत तरह से पाप बनता है। हाथ से छूने से, पैर से चलने से, देखने, सुनने से पाप का नशा चढ़ जाता है। सारा शरीर अगर सेवा में लगा दिया जाए तो सब कर्म कटेंगे, सब पाप क्षमा होंगे या नहीं? कटेंगे, क्षमा होंगे। आप कहोगे रोज बाबा जी का कार्यक्रम तो होगा नहीं, रोज तो भंडारा चलेगा नहीं, रोज टेंट लगाना नहीं रहेगा, सफाई करनी नहीं रहेगी। तो रोज का काम तो रहता ही है। क्या? कहते हैं, भटके हुए को रास्ता बताना पुण्य का काम होता है।


*जैसे घर परिवार सरकार का नियम है, वैसे ही है कुदरत का नियम*

देखो प्रेमियों जैसे घर का, परिवार का नियम होता है। उसके खिलाफ अगर कोई गलत काम करता है तो सजा देते हो कि नहीं देते हो? सरकार का नियम है, चोरी चकारी, व्यभिचार, नियम तोड़ना, जलाना, मारकाट करना आदि (वर्जित) काम अगर करते हो तो सरकार सजा देती है। ऐसे ही भगवान का नियम है। जो भगवान के नियम को तोड़ता है, उसे उसकी सजा मिलती ही मिलती है।



*कर्म करने के लिए आजाद हो सजा भोगने के लिए नहीं*

अगर आप पढ़े-लिखे, दिल-दिमाग के हो तो यह भी सवाल कर सकते हो कि अभी ये तो बहुत अनीति अत्याचार कर रहे हैं, उनके यहां किसी चीज की कमी नहीं हो रही है। वह तो (उनका पूर्व का) पुण्य कर्म था, उसको भोगने के लिए (फल) आया था। जैसे ही पुण्य कर्म खत्म होंगे, वैसे ही पाप कर्म चढ़ बैठेगा, सिर पर सवार हो जायेगा तब उस (अपने किये गलत) कर्म की सजा मिलेगी। ऐसे ही उस (प्रभु) ने (जीवों को) हाथ, पैर, कान, नाक देने के बाद आजाद कर दिया लेकिन कर्म भोगने के लिए आजाद नहीं रखा है। कर्मों की सजा लोगों को मिलने वाली है।


*महापुरुषों की बात नहीं होती गलत*

आज की तारीख तक आपने तकलीफों को नहीं देखा है। तकलीफें तो अभी आगे आएँगी। लोगों के यही कर्म अगर अच्छे बन जाए तो अच्छा समय देख लेंगे क्योंकि यह परिवर्तनशील संसार है। यहां बदलाव होता रहता है। देखो दिन है फिर रात आ जाएगी। सुबह के बाद दोपहर होगा, फिर शाम होगी। यहां तारीख, महीना, क्षण-क्षण बदलाव होता रहता है। ऐसे ही यह सतयुग, त्रेता, द्वापर युग आते रहते हैं। कलयुग में सतयुग आने की बात है। गुरु महाराज बराबर कहा करते थे, कलयुग में कलयुग जाएगा, कलयुग में सतयुग आएगा। 

महापुरुष की, महात्मा की बात गलत नहीं हो सकती। यह सत्य है। लेकिन (आने वाले सतयुग को) देखेगा कौन? जो सतयुग के लायक बन जाएगा, जो शाकाहारी नशा मुक्त होगा, वह देखेगा। ब्रह्म में विचरण करने वाला (यानी ब्रह्मचारी) सतयुग को देखेगा। इसीलिए प्रचार करो, शाकाहारी नशा मुक्त बनाओ। हाथ जोड़कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी। छोड़ो व्यभिचार, बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी।


*लोगों को समझाओ मांस मनुष्य का भोजन नहीं*

लोगों को बताओ, समझाओ कि मांसाहार मनुष्य का भोजन नहीं है। प्रकृति भगवान ने अलग-अलग जीवों को बनाया है। देखो कुछ जानवर ऐसे होते हैं जो मांस नहीं खाते हैं। मैं तो कई देशों में गया, नाम दान देकर के आया। विदेशों में भी मैंने देखा, गाय, बैल, भैंस घोड़ा सब वहां है लेकिन उनके सामने भी मांस का टुकड़ा डाल दो तो सूंघकर के छोड़ देंगे। एक इंसान ही है जो सूंघता नहीं है, सब खाता दबाता चला जाता है। जानवर अपने नियम और कर्तव्य का पालन करते हैं, जो बताया गया वही करते हैं। सेवा करो। आप सेवा करोगे, कर्म कटेंगे, जब भजन में लगोगे तो आपका काम हो जाएगा। यह बात तो संभाल वाली बात है, जो गुरु महाराज ने कही थी।


48 मिनट से

sant mahiima 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ