युग महापुरुष बाबा जयगुरुदेव जी महाराज (3)

➦ दो-नाटकों की पोल खुलेगी  


 ▶ गुजरात में जगह जगह लाखों नर नारियों एवं बच्चों की उपस्थिति में बाबा जयगुरुदेव ने बताया कि ये मानव शरीर बड़े भाग्य से मिला है। काल भगवान ने आपको हर तरह से स्वाधीन और स्वतंत्र रहने का अधिकार दिया और वह भगवान कोई प्रेरणा नहीं देता है कि आप अच्छा करो या बुरा करो। उसने आपको पूरी छूट दी है, किन्तु परिणाम भोगने में आप परतंत्र हैं। 


 ▶ बुद्धि जैसी अमोल वस्तु आपको सोचने और समझने को मिली। इतना ऊंचा मनुष्य रूपी मकान दिया। सभी को परमात्मा की प्राप्ति का जन्मजात अधिकार मिला और उसको पाने में सभी स्वतंत्र हैं। इसी शरीर में दोनों आंखों के ऊपर जीवात्मा को बैठाया है और इसी शरीर में परमात्मा को पाने का रास्ता है। आप उस दरवाजें को न पाएं तों आप उसके जिम्मेदार हैं इसमें उसका या महात्मा को कोई दोष नहीं मिलेगा। नर्कों और चैरासी में युगों युगों तक भटकते रहोगे और नाना यातनायें सहनी पड़ेंगी। त्राहि त्राहि करके चिल्लाओगे किन्तु कोई सुनने वाला नहीं रहेगा।


 ▶ यह अपना देश नहीं पराया देश है और यहां रहना अच्छा नहीं है। हमने अपना काम पूरा कर लिया लेकिन आप अपना काम नहीं कर पाये। हममें आपमें यही अन्तर है वैसे तो आप पांच तत्वों के शरीर में हैं और मैं भी उसी शरीर में हूं। जिसने अपना काम कर लिया उसका नर तन सफल हो गया वर्ना व्यर्थ नरतन चला गया। 


 ▶ मैं तुम्हारे कर्मों की गन्दगी को, जीवात्मा को साफ करने वाला धोबी हूं मेरे पास आ जाओ मैं रास्ता बता दूंगा तो तुम अपना काम पूरा कर लेना। मैं जयगुरुदेव नाम की बड़ी जहाज लेकर आया हूं तुम इस पर चढ़ चलो और भव सागर से पार हो जाओगे। यदि काम नहीं किया तो नर्को में तड़पते रह जाओगे। हीरे जवाहरात और दुनिया का कोई भी सामान इसका मूल्य नहीं चुका सकता है। परमात्मा का दर्शन अन्तर में होता है। आप भी कर लो वर्ना मौका नहीं मिलेगा। मैं आपको रास्ता दे देता हूं आप में शक्ति है बल है तो आप घर में बैठकर कर लो वर्ना मुझे कर लेने दो।


 ▶ जब आंख खुल जायेगी, रास्ता मिल जायेगा तो सूर्य लोक गन्धर्व लोक, चन्द्रलोक, स्वर्ग बैकुण्ठ सभी यहीं से बैठै बैठै नित्य जाओ और चले आओ इसमें कोई बाधा नहीं है। दुनिया मरने के बाद शरीर छोड़ती है तुम्हें ऐसा रास्ता दे दूं कि जिन्दे में ही नित्य शरीर को नित्य छोड़कर ऊपर के लोकों में चले जाओ और चले आओ। ऐसा सीधा सरल रास्ता कोई नहीं लेकिन कोई महात्मा ऐसा मिलना चाहिए तभी काम पूरा होगा। 


 ▶ अन्दर वह रौशनी है कि भूत, भविष्य, वर्तमान सब का ज्ञान हो जाता है। कृष्ण भगवान ने गोपिकाओं को समझाया और अन्तर में दर्शन दिया। गोपिकाओं से कहा कि तुम्हारी बाहरी आंखों से तो मैं दूर रहूंगा परन्तु अन्तर की आंखों से देखो मैं सदा तुम्हारे पास हूं। गोपिकाओं ने आंखें बन्द की तो सब ने देखा कि अन्तर में कृष्ण खड़े हैं फिर सबको विश्वास हो गया। ऊधव कृष्ण के परम मित्र जीवन भर साथ रहे। किन्तु कृष्ण के धाम को न जा सके और कृष्ण ने कहा कि बद्रिका आश्रम में जाकर योग करो। कृष्ण ने कहा मुझे मोक्ष देने का अधिकार नहीं केवल सन्तों को मोक्ष देने का अधिकार है।


 ▶ बाबा जी ने नर नारियों से कहा कि कृष्ण यदि उस समय मोक्ष नहीं दे सकते तो अब तो कृष्ण हैं भी नहीं फिर कैसे मोक्ष मिलेगा? उस समय भंगी जाति के संत सुपच महाराज मोक्ष दे सकते थे। महात्मा जब आपको मिल जायंगे तो काम बन जायेगा। भारत वर्ष महान आत्माओं की तपोभूमि है। इस पर जीवों की रक्त हिंसा का साम्राज्य कभी भी स्थायी नहीं रहेगा। मांसाहारी और दुराचारियों का सफाया हो जायेगा।


 ▶ मैं तो आपका सब तरह से साथ देने को तैयार हूं। आपके ऊपर दुखों व कष्टो का पहाड़ गिर पड़ा है। आज भगवान की बात कोई सुनना नहीं चाहता सब रोटी और कपड़ा मकान मांग रहे हैं। आपको तो चाहिए कि यह सब उनसे मांगे जिन्हें आपने अपना बुद्धिदान पांच वर्ष के लिए दे दिया उनका नाम एमपी, एम एल ए है जिन्होंने यह महंगाई बढ़ा रखी है टैक्स लगा रखा है। 


 ▶ वैसी मेरी बातों को मान लो तो मैं आपको रोजी रोटी और मकान भी दे सकता हूं और भगवान भी दू सकता हूं। भगवान मिल जाने पर क्या नहीं मिल जाता परन्तु आप भगवान नहीं चाहते, धर्म कर्म नहीं चाहते तो आगे का समय खराब आ रहा है। 10 रु. किलो अभी अनाज बिकेगा 10 रुपये के बाद 20 रुपये किलो शक्कर बिकेगी। 300 रु. बोरी खाद उसमें भी 6 किलो कम, 50 रु. बोरी सीमेन्ट 6 किलो कम मिलेगी। 100 रु. जोड़ी की धोती 300 रु. जोड़ी बिकेगी। कपास 40 रु. बिकेगी। 10 रु. के बाद 15 रु. लीटर पेट्रोल और डीजल बिकेगा। बाद में पैसा देने पर भी नहीं मिलेगा।

जयगुरुदेव |
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yug masiha baba jaigurudev ji maharaj

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