(मात्र 60 सेकंड में कुछ नया सुनें) बाबा उमाकान्त जी महाराज के कुछ महत्वपूर्ण वचन 29.

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-

443.  सन्त अपने जानशीन(आध्यात्मिक उत्तराधिकारी) को तैयार करके रखते हैं।

444.  सन्तों की महिमा अनंत।

445. सन्तों की दुनियावी इच्छाएं खत्म हो जाती हैं।

446.  जिसको जैसा जितना आदेश होता है उतना काम करते हैं।

447.  गुरु की असली पहचान क्या है ?

448. लिखा समझ नहीं पाते हो लिखकर के गए उसे मानते नहीं हो।

449.  जिस आंख से शिव दिखाई पड़ते हैं वह शिव नेत्र कहलाता है।




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