➤ स्वामी जी ने कहा
➣ गुरु और सच्चे चेले का मिलाप बड़े भाग्य से होता है। गुरु और चेले का असली मतलब क्या होता है इसे कोई नहीं जानता। सच्चा चेला वही है जब उसकी सुरत का शब्द के साथ मिलाप हो जाय। सुरत चेतन है और शब्द भी चेतन है और दोनों का मिलाप जब होता है तब सुरत होश में आती है।
➣ महात्मा किसको, कब, कैसे और क्या दे दें इस बात को कोई नहीं जानता। उन्होने नाम की कमाई करने के लिए भेद दे दिया। अब जो मेहनत और ईमानदारी से काम कमाई करेगा उसको गुरु का आशीर्वाद मिलेगा.
जो हुक्म मानेगा वहीं गुरु का प्यारा होगा। जो मेहनत नहीं करते वो जीव ऐसे ही रह जाते हैं।
➣ मन में कोई शंका मत आने दो वर्ना उसी का विचार करते रहोगे और फिर अपना नुकसान कर लोगे।
➣ महात्माओं के पास कोई दवाखाना या अस्पताल नहीं होता। जैसा वो कहें वैसा करो, जो दवा बताएं उसे ले लो। दवा के साथ उनकी दुआ काम करती है। वो कहते हैं कि डॉक्टर से दवा ले लो तो तुम कहते हो कि मैंने दवा खाई पर फायदा नहीं हुआ। क्या उन्हें मालूम नहीं कि तुमने दवा खाई है पर तुम उनकी बात काट देते हो। तुम्हें सोचना चाहिए कि दुआ काम करती है।
➣ तुम सत्संग में बैठे रहते हो और गुनावन करते रहते हो और जब उठते हो तो तुम्हें कुछ याद नहीं रहता। केवल गुनावन वाली बातें ही याद रहती हैं। सत्संग ध्यान से सुनोगे तभी तुम अपनी बातों को पकड़ सकोगे। सबके प्रश्नों का उत्तर सत्संग में दिया जाता है।
➣ लोग चिटिठयां लिखते हैं कि आप हमारे माता पिता गुरु हैं। हम आपके सहारे हैं। हमारा प्रेम आपसे हो चुका है, हमें कुछ अच्छा नहीं लगता, हमारी सुरत आकाश में चढ़ा दीजिए, हमें दर्शन दीजिए बड़ी बैचेनी होती है। चिट्ठियां लिखकर और उत्तर मांगकर महापुरुषों को परेशान करते हैं। जो रास्ता दया करके दो घण्टे साधन का बताया है उसमें उनका मन दस मिनट भी नहीं लगता है और बैठते भी नहीं हैं। जब नामदान मिल गया तो भजन ध्यान सुमिरन करना चाहिए। दया का परिचय घाट पर मिलेगा और अनुभव होगा। फिर आनन्द भी ऊपर से उतरने लगेगा। इन्द्रियों के द्वार पर दया नही पहुंचायी जा सकती है।
➣ कलयुग का समय बहुत अच्छा है। ऐसे समय में जल्दी से जल्दी भगवान की प्राप्ति हो जाती है और जीवात्मा काल के जाल से जन्म मरण के चक्कर से सदा के लिए मुक्त हो जाती है। इसीलिए कहता हूं कि भजन करलो। मन को रोककर भजन पर बैठोगे तो दया अवश्य मिलेगी।
➣ वर्ष खराब है। मैं देख रहा हूं कि आग लगी हुई है। बचने का एक ही तरीका है कि भजन में अधिक से अधिक समय दो। माया और माया के सामानों की तरफ से मन को समेटो तभी आग की गर्मी से बच पाओगे।
➣ जयगुरुदेव नाम किसी आदमी का नहीं बल्कि उस भगवान का है, अल्लाह का, गॉड का है। महात्मा सब जगह नहीं पैदा होते । वो कहीं कहीं पर पैदा होते हैं। जिनकी दिव्य आंख खुली हो और परमात्मा को प्राप्त कर लिया हो उन्हीं को महात्मा कहते हैं। ऐसे महात्माओं के पास अपार शक्ति होती है।
-- पत्रिका 14 फरवरी से 20 फरवरी 2002
➤ विश्व के लोगों को इन्टरनेट पर ई-मेल द्वारा बाबा जयगुरुदेव जी का सन्देश प्रेषित
प्रभु को याद करो। शरीर किराये का मकान है। कुछ भी करो मौत तुम्हारा पीछा कर रही है, जीवात्मा को निकाल देगी मकान खाली पड़ा रहेगा। हिन्सा मत करो। पशु पक्षी मछली का मांस मत खाओ। कर्म का फल काल देगा। तुम्हारे खून में पशु पक्षी मछली के खून की मिलावट हो जाएगी तब दवा काम नहीं करेगी।
वर्तमान समय में विश्व के राज्यों को सावधानी से बोलना है। कुदरत से लड़ो नहीं। वह सबको लिए जा रही है और सबको ले जाकर आग के समुद्र में ढकेल देगी। मनुष्य बनकर रहो। शराब मत पीओ। शराब मनुष्य को बेअकल बनाती है। धर्म के सन्देश से मुहब्बत प्यार पैदा होता है। बचो, बचो, बचो कुदरत यानि प्रकृति से ।
बाबा जयगुरुदेव नाम के प्रचारक आपको सन्देश पहुंचा रहे हैं। विश्व में हाहाकार मचने जा रहा है। बचो और बचाओ।
-- 31 जनवरी 2002
shakahari patrika 14 far. to 20 far. 2002
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Yug purush baba jaigurudevji maharaj |
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Jaigurudev