जयगुरुदेव
04.04.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)
*मैं आसन लगाकर बैठने, चुपचाप बैठकर रोटी खाने वाला बाबा नहीं हूं - बाबा उमाकान्त जी*
*लाख टके की बात को पकड़ लेना चाहिए*
*ज्यादातर लोग सतगुरु को उनके जाने के बाद ही समझ पाते हैं*
निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, दिन-रात इसी उधेड़बुन में लगे रहने वाले की कैसे कलयुग जाने और सतयुग आने यानी आगामी युग परिवर्तन के समय ज्यादा से ज्यादा जीवों को कुदरत के, कर्मों के भयंकर प्रकोप से बचाया जाय सके, इसके लिए एक पल भी आराम से न बैठने वाले, बीमारी, कमजोरी में भी अपने गुरु के आदेश पालना में निरंतर लगे रहने वाले, जिन्हें लोग अभी पहचान नहीं पा रहे हैं लेकिन जाने के बाद असली कीमत समझेंगे फिर भी बराबर उन्ही लोगों की भलाई में लगे हुए, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 8 फरवरी 2020 दोपहर बावल आश्रम, रेवाड़ी (हरियाणा) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि
मैं भी भजन करता हूं, आपके साथ मैं भी रहता हूं, मैं अलग नहीं होता हूं। आपने जो मेहनत किया, दिन-रात आपने देखा होगा, मैं भी आपके साथ लगा रहा। नहीं कुछ रहा तो जैसे कृष्ण ने गोवर्धन को उठाया तो गोपी ग्वालों ने लकड़ी ही लगा दिया। ऐसे ही हम भी लगाए रहे। हम ऐसे आसन/गद्दी लगाकर बैठने वाले बाबा नहीं है, कर्मनिष्ठ हैं। गुरु महाराज ने हमको यही सिखाया। हमने गुरु महाराज की दया से हर तरह की सेवा सीखा तब आपके पास कुछ कहने-बताने के लायक बन पाए हैं। गुरु महाराज के पास जब आया था तब कुछ नहीं पता था, कोई तौर-तरीका मुझे नहीं मालूम था। उस समय पर मैं पढ़ाई करता था। खाना कैसे मिल जाये और (पढ़ाई में) पास कैसे हो जाओ- बस दो ही निशाने थे। लेकिन संस्कार अच्छे थे, गुरु महाराज की दया थी कि उन्होंने खींच लिया और सब सिखा दिया।
*चुपचाप बैठकर रोटी खाने वाला नहीं हूं*
बाबा उमाकान्त जी ने 8 जून 2021 सांय उज्जैन आश्रम में बताया कि सुबह मैंने कहा था, मेरी तबीयत कुछ खराब हो गई थी। कमजोरी अभी है। ज्यादा बोलता हूं तो तकलीफ होती है इसीलिए आज ज्यादा नहीं बोलूंगा। आपको खूब (सतसंग) सुनाए गए हैं। गुरु महाराज की दया रही, मैं स्वस्थ हो गया तो मैं बैठने वाला नहीं हूं। मैं चुपचाप बैठकर रोटी खाने वाला नहीं हूं। और आपका जो खाऊंगा वह अदा करूंगा। तो नये लोग जो आप आए हो, आप इस बात को समझो कि यह मनुष्य शरीर आपको फिर दुबारा जल्दी मिलने वाला नहीं है।
*लाख टके की बात को पकड़ लेना चाहिए*
बाबा उमाकान्त जी ने 8 जून 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि पुराने लोगों ने गुरु महाराज का खूब सतसंग सुना। और गुरु महाराज गए तब से बराबर आपको सुनाया जा रहा है। उधर ध्यान दो। गुरु महाराज कहते थे कि सतसंग को ध्यान से सुनो, धुनो, मनन करो और उसके अनुसार चलो। बातों को सुनते रहो। एक दिन यह बातें मौके पर याद आएगी, तुम्हारे काम आ जाएंगी। अपना अनुभव बताता हूं। गुरु महाराज चलते रहते थे और ऐसे कुछ बोल देते थे। कान तो हमारा उधर ही रहता था। लेकिन मैं मतलब की बात को पकड़ता था।
अब मतलब की कोई बात गुरु महाराज बोल दिए और मेरी तरफ पीछे देखें। वो समझ जाते थे कि (मैं) ध्यान नहीं दे रहा है तो कहते थे सुना? अब ध्यान चला गया, हां सुना स्वामी जी। सुना? हां स्वामी जी सुना। अब वह बात याद रहती थी। आज भी वही बात याद आ रही है। कुछ बातें ऐसी भी गुरु महाराज बोल देते थे, कह देते थे कि मैं समझता था कि मेरे मतलब की नहीं है, लेकिन वह आज याद आती है। मैं यह नहीं समझता था कि गुरु महाराज हमारे लिए ही कह रहे हैं और हमसे यह काम (नयों को नामदान देने और पुरानों की संभाल का) करवाएंगे लेकिन वह बातें आज काम दे रही हैं। प्रेमियों! समझो! लाख टके की बातें को पकड़ लेना चाहिए। कहा गया है लाख टके के आदमी से दोस्ती करनी चाहिए। दो कौड़ी के पीछे नहीं दौड़ना चाहिए, दो कौड़ी के आदमी का साथ नहीं करना चाहिए। (विशेष)
*ज्यादातर लोग सतगुरु को जाने के बाद ही समझ पाते हैं*
बाबा उमाकान्त जी ने 4 जनवरी 2023 दोपहर थाने, मुंबई में बताया कि सन्तमत में गुरु का स्थान ऊंचा, सर्वोपरि होता है। ज्यादातर ऐसा हुआ है कि जाने के बाद ही लोग उनको समझ पाते हैं। तो जो उनकी जगह पर काम करते हैं, वह उनके नाम, काम को आगे बढ़ाते हैं। नाम काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। फोटो लगाना इसलिए जरूरी है कि ध्यान के समय गुरु का चेहरा याद नहीं रहता है और जब चेहरा देख कर ध्यान लगाओ तो ध्यान लग जाता है, दृष्टि टिक जाती है। वैसे तो सच पूछो तो यह (फोटो) भी जड़ है। जड़ किसको कहते हैं? जो एक जगह से दूसरी जगह पर आ-जा ना सके। जड़ चेतन नहीं हो सकता है लेकिन चेतना अपने शरीर के अंदर है। उस चेतना से चेतन मिल सकता है। गुरु उसमें मदद कर सकते हैं, जब गुरु का ध्यान लगाया जाता है तब।
*बाबा उमाकान्त जी महाराज के आगामी सतसंग व नामदान कार्यक्रम*
4 अप्रैल 2023 शाम 4 बजे से व 5 अप्रैल सुबह 7 बजे से ग्राम- उरईडबरी, डोंगरगढ़, राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ में, 6अप्रैल शाम 3:30 बजे से खेल मैदान, नव दुर्गा मंदिर के पास, कांदूल बोरिया, रायपुर, छत्तीसगढ़ में, 7 अप्रैल प्रातः 9 बजे से बड़े कोनी अवतार मंगलम भवन, ITI कॉलेज के सामने, बिलासपुर, छत्तीसगढ़, 8 अप्रैल प्रातः 11 बजे से नारायणी परिसर, अंबिकापुर (सरगुजा), छत्तीसगढ़ में समय परिस्थिति अनुकूल रहने पर होगा।
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