जयगुरुदेव
23.02.2023
प्रेस नोट
जोधपुर (राजस्थान)
*अंडा खाओगे तो रोग ठीक होने वाला नहीं है*
*बच्चों को बिगड़ने से बचाने के लिए उन पर निगरानी रखें*
*बच्चे दिव्यांग क्यों पैदा होते हैं*
शिवरात्रि कार्यक्रम में 18 फरवरी 23 को केवल सुबह सतसंग होगा, ये घोषणा करने वाले, आदेश पालन करने वाले भक्तों की, उनकी गृहस्थी की, उनके बच्चों की पूरी संभाल करने वाले, सामाजिक जीवन के गहरे सूत्र मर्यादा में रहकर समझा बता देने वाले, आधुनिकता के चक्कर में फैली ग़लतफ़हमीयों को दूर करने वाले, गुरु के मिशन में लगने की प्रेरणा देने वाले ताकि भक्त को उसके पुराने कर्मों की सजा से बचाया जा सके, ऐसे दुःखहर्ता, त्रिकालदर्शी, अन्तर्यामी, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 1 सितंबर 2021 जोधपुर आश्रम (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आजकल के लड़के नशीली गोलियां बच्चों को खिलाना सिखाते हैं। तारीफ खूब करते हैं कि बड़ी मस्ती, आनंद आता है, पढ़ने में भी दिमाग तेज रहता है और सीधे-साधे बच्चे बेचारे, उस नशे की आदत के गुलाम हो जाते हैं फिर उसी के चक्कर में गलत से गलत काम करने लगते हैं। इसीलिए कहा जाता है बच्चों पर निगरानी रखो। उसकी आंखों हाथ पैर चाल को देखते रहो कि उसका पहले के जैसा स्वभाव, बोली वाणी, गतिविधि (एक्टिविटी) है या बदल रही है, यह देखते रहना चाहिए।
*बच्चे दिव्यांग क्यों होते हैं*
महाराज जी ने 8 सितंबर 2021 प्रातः भीलवाड़ा (राजस्थान) में बताया कि बुजुर्गों के पास बैठना चाहिए। ये माताओं को अनुभव होता है, वो सेवा करके दिल जीतने वाली बहू को सब बताती है कि देख तेरे पेट में बच्चा (आ गया) है। यह गर्म चीजें हैं, इसको तू खाएगी तो बच्चे को तकलीफ होगी। बच्चे का बनना बंद हो जाएगा। उसके ऊपर (गलत) असर पड़ेगा। देख अब तू पति से दूर रहना, नहीं तो यह बच्चे खंडित हो जाएंगे, इन पर असर पड़ेगा। देखो किसी-किसी (बच्चे) की एक ही आंख, उंगली छोटी, पैर छोटा, लूला लंगड़ा, अंधा काणा आदि कहते हो, वह पैदा हो जाते हैं। कारण क्या है? मां-बाप की गलती की वजह से ऐसे पैदा हो जाते हैं। तो उनको मातायें यह समझाती बताती रहती है कि इन चीजों को मत खाओ, कुछ समय के लिए ऐसा आचरण व्यवहार करना अब बंद कर दो तो सब बताती हैं।
*अंडा खाओगे तो रोग ठीक होने वाला नहीं है*
महाराज जी ने 16 सितंबर 2021 सायं सूरत (गुजरात) में बताया कि माताएं जब मासिक धर्म होती है, खराब खून इकट्ठा हो जाता है, बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, उनका मल मूत्र जब इकट्ठा हो जाता है तो उसीका अंडा बनता है। अंडा मत खाना, न बच्चों को खिलाना। यदि खाओगी, बच्चों को खिलाओगी तो रोग ठीक होने वाला नहीं है। इसीलिए कितना भी डॉक्टर कहता रहे कि बच्चा तंदुरुस्त स्वस्थ हो जाएगा, विश्वास मत करना, अंडा मत खाना और न खिलाना। दवा से थोड़ी देर का आराम तो मिलता है लेकिन मर्ज नहीं जाता है जब तक तत्वों की पूर्ति नहीं होती है।
*गुरु महाराज का नाम काम बढ़ाने में मदद करते रहना चाहिए*
महाराज जी ने 21 दिसंबर 2022 प्रातः बावल आश्रम, रेवाड़ी में बताया कि मन चित बुद्धि सही हो जाए और मन असली काम में लग जाए उसके लिए सेवा का विधान बनाया गया है। तो बराबर जो हो सके सेवा करते रहना चाहिए। शरीर से, मन से, तन से सेवा करनी चाहिए। जो भी काम संगत का हो, गुरु महाराज का नाम काम बढ़ाने में, जो भी जहां भी, जैसे भी हो सके, उसको करते रहना चाहिए, तन मन धन की बताई सेवा करते रहना चाहिए। इससे अंतरात्मा की सफाई होगी, बुद्धि सही होगी, मन दुनिया के विषयों से अलग होगा, दुनियादारी की तरफ से कमजोर पड़ेगा और परमार्थ की तरफ लगने लगेगा। तो मन को लगना ही लगना है, थोड़ा सा इधर से हटाओ और उधर (प्रभु की तरफ) लगा दो।
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बाबा जी महाराज |
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