जयगुरुदेव
सन्त उमाकान्त जी महाराज के कतिपय वचन
31. मनुष्य शरीर 84 लाख योनियों में चक्कर काटने के बाद भजन इबादत करने के लिये मालिक ने दिया है। यह मानव मंदिर है, इसी में वह मालिक मिलता है। ईंट और पत्थर के मंदिर, मस्जिद गिरजाघर गिराने की माफी के बारे में तो कभी विचार भी हो सकता है, लेकिन मानव मंदिर यानी जिस्मानी मस्जिद गिरा देने यानी मानव हत्या कर देने की माफी कभी होती ही नहीं है, सजा भोगनी ही पड़ती है।
32. सन्त-सतगुरु किसी दाढ़ी बाल व भेषभूषा का नाम नहीं होता, उनके अन्दर आध्यात्मिक शक्ति होती है, उनके दर्शन व वाणी वचन से ही काफी लाभ मिल जाता है। इसलिये तो पहले के समय में लोग उनके पास जाया करते थे और शिक्षा, दीक्षा लेकर निर्देश के अनुसार जब काम करते थे, तो इसी ग्रहस्थ आश्रम में स्वर्ग जैसा आनन्द मिलता था। आज की तरह से लोग घर के झगड़ा-झंझट से घर छोड़कर भागते नहीं थे, औरतें जल कर मरती नहीं थी, दहेज और तलाक के मुकदमें चलते ही नहीं थे।
33. फकीर तो जात ए खुदा होते हैं। खुदाई आवाज सरजमीं पर फैलाते हैं। उनकी तकरीरों में शिरकत करने से ही निजात का रास्मा मिलता है।
34. ये काल का देश है, सन्त इस देश में मालिक की दया श्रोत लेकर मेहमान की तरह आते हैं और वे परम् पिता व अपने निज घर की याद दिलाते हैं, मना करके, समझा-बुझा करके, रास्ता बताकर, उस पर चला करके निजधाम पहुंचाकर मालामाल कर दिया करते हैं। जो लोग उनके उपदेश से अलग हो जाते हैें, उन पर काल सन्त से आंख बचाकर अपना दाव लगा ही देता है।
35. होशियार हो जाओ! थोड़ी सी ना समझी विश्व युद्ध का कारण बन सकती है। विश्व युद्ध को टालने के लिए जिम्मेदार समय से विचार-विमर्श कर लें। जन धन की हानि से बचत हो सकती है।
36. सच्चे सन्त के सत्संग में शरीक होने वालों को बीमारी तकलीफ में राहत तो मिलती ही है, श्रद्धा भावभक्ति के अनुसार कामना भी पूरी होती है।
37. अपने देवी देवता गुरु को सम्मान दिलाने के लिये दूसरे के पीर पैगम्बर एवं आराध्य की निन्दा मत करो।
38. शिवनेत्र सबके पास है। समर्थ गुरु की दया से खुल सकता है याद रहे शंकर जी ने कभी भी नशे का सेवन नहीं किया। इसलिये उनके नाम पर नशा करके उनको बदनाम मत करो। ये भी समझ लो बलि चढ़ाने से देवता कभी खुश नहीं होते हैं।
39. कुछ समय के बाद गऊ हत्या बन्द हो जायेगी। देश में गऊ हत्या ही नहीं, किसी भी पशु पक्षी की हत्या नहीं होगी। लोगों की नीयत सही हो जायेगी। लोग नशामुक्त शाकाहारी हो जायेंगे। लोग दूसरे के धन को जहर और दूसरे की मां बहन और अपनी मां बहन की तरह से समझने लगेंगे।
40. समर्थ गुरु के उपकार का बदला जीव बिना उनकी रहम के कभी चुका ही नहीं सकता।
41. सेवा से इन्सान, इन्सान के दिल को तो जीत लेता ही है बल्कि खुदा की बनाई हुई चीजों को क्या, खुद खुदा को भी वश में कर लेता है।
42. फकीर महात्माओं के कलाम कभी झूठे नहीं होते। वह जो बोल देते हैं वह होकर ही रहता है।
43. सन्त सतगुरु से राय लेकर काम करने पर राजा और प्रजा का जीवन सुखी रहता है।
44. अच्छे भाव रखो, अच्छा चिंतन करो, अच्छे लोगों के पास उठो बैठो।
45. इबादती यानी भजनानन्दी माताओं के बच्चे बुद्धिमान और नेक होते हैं।
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Sant vachan |
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