सन्त उमाकान्त जी महाराज के मानव हितकारी वचन

जयगुरुदेव

मानव हितकारी वचन 

1. अब ऐसा कुदरती कहर का समय आ गया है कि आप सब लोग शाकाहारी, चरित्रवान, नशे से मुक्त, देशप्रेमी, धर्म प्रेमी बनकर कुदरती कहर का मुकाबला करो, नही तो अस्तित्व ही मिट जायेगा।

2. सत्य, अंहिंसा, परोपकार और सेवा रूपी सच्चे धर्म को अपना लोगे तो जाति-पांति, भाषावाद, क्षेत्रवाद यह सब खत्म हो जायेगा।  
फिर इन्सान को इन्सान से प्रेम हो जायेगा। मानव मंदिर जो मालिक को प्राप्त करने के लिये मिला, इसको कोई गिरायेगा नहीं यानी मानव हत्या के पाप से बच जायेगा।

3. जो निभ्या और जिभ्या पर कन्ट्रोल रखता है, कहीं पर भी रहता, सुखी रहता है। चरित्रहीन व्यक्ति बगैर मणि के सर्प की तरह से हो जाता है।

4. यह मत सोचो की आंख बचा कर जो गलत काम कर रहे हैं उसे मालिक देख नहीं रहा है। उसके कैमरे से आप कहीं भी बच नहीं सकते।

5. समय के सन्त-सतगुरु के दर्शन-दीदार करने, अपनी बात कह देने से ही तकलीफों में आराम मिल जाता है।

6. जैसे मकड़ी अपने बनाये जाल में फंस कर मर जाती है, ऐसे ही मनुष्य अपना घर बसाने के लिये, धन इकट्ठा करने में ही फंसकर अपना जीवन रूपी अनमोल समय गंवा देता है।

7. पहले के समय में महात्माओं के मार्गदर्शन से लोगों में इतना आत्मबल, आत्म शक्ति थी कि जिस चीज की इच्छा करते, वो पूरी हो जाती थी, जो आज भी संभव है।

8. सतगुरु जब मिलते हैं तब रास्ता भी बताते हैं, रास्ते पर चलाते भी हैं और मंजिल तक पहुंचाते भी हैं। 

9. शंका जहां पर भी होती है वहां नाश होता है। इसलिये शंका का समाधान कर लेना चाहिये। 

10. सुख और दुख अच्छे और बुरे कर्मों के ही फल हैं। जीव हत्या करेागे तो नर्कों की यातना भोगनी ही पड़ेगी।

11. प्रारब्ध की एक-एक चीज मिलती है, ये प्रारब्ध में भी परिवर्तन ला देते हैं। परन्तु सन्त की दया प्रारब्ध को भी बदल देती है। जो नहीं भी मिलने का है, मिल जाता है।

12. शराब अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है। यदि शराब बन्द कर दी जाये तो कल से ही भ्रष्टाचार और अपराध कम होना शुरु हो जायेगा। 

13. संत सतगुरु की दया से तीसरी आंख खुल जाने पर खुदा, भगवान एक ही दिखते हैं।

14. पहले के समय में सन्त महात्मा सद्गुरु गुरु से राय लेकर ही लोग काम करते थे। उनसे आशीर्वाद लेकर उनके निर्देश पर जब चलते थे तभी राजा और प्रजा का जीवन सुखी रहता था।

15. हिंसा हत्या करने वाला इंसान मालिक की नजरों से दूर हो जाता है। सुकून शान्ति खो देता है, मुक्ति मोक्ष तो उसके लिये संभव है ही नहीं।



अनमोल वचन




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ