*स्वामी जी! क्या अण्डा मांसाहारी है ?*
उत्तर- हाँं! अण्डा खाने वालों को यह नहीं मालूम कि कितनी गन्दी वस्तु है। रजो धर्म का खून इकट्ठा होकर जमा होता है उसी को लोग खा जाते हैं और अनेक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। अण्डा शरीर के खून को गर्म कर देता है फिर इंसान की इन्द्रियां चलायमान हो जाती हैं। और पाप कर्म बन जाते हैं।
मुर्गी पालन केन्द्र हो अथवा मछली पालन केन्द्र हो ये सब योजनाएं हत्या के लिए प्रोत्साहन देती हैं। जीव हिंसा का पाप तो लगता ही है। हिंसा करने वाले को नरकों में भारी यातनाएं दी जाती हैं ।
जो सन्तमत की साधना करते हैं और उनकी दिव्य आंख यानि जीवात्मा की आंख खुल जाती है, उन्हें सब कुछ ज्यों का त्यों दिखाई देता है। सन्तों ने नरकों के दृश्यों को देखा तब अपनी पुस्तकों में लिखा।
कबीर साहब ने कहा है किः
तिल भर मछली खाय कर कोटि गऊ दे दान।
काशी करवट ले मरे निश्चय नर्क निदान।।
(शेष क्रमशः अगली पोस्ट 4. में...)👇🏽
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Jaigurudev