देख परख कर अच्छे और साधक का साथ करना चाहिए

जयगुरुदेव

06.10.2022
प्रेस नोट
मेरठ (उत्तर प्रदेश)


➤ सन्त, अवतारी शक्तियां, कोई भी हो जब मनुष्य शरीर छोड़कर चले जाते, वापस उसी शरीर में कभी नहीं आते

➤ वाराणसी में शरद पूर्णिमा के विशाल कार्यक्रम में गुरु महाराज का जलवा देखने को मिलेगा

 बुरे का, भ्रमित शंकालु का नहीं बल्कि पहचान करके अच्छे, साधक का साथ करना चाहिए


निजधामवासी परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के एकमात्र आध्यात्मिक उत्तराधिकारी जिनसे ही इस समय कलयुग में जीवात्मा का उद्धार हो सकता है, आदि काल से चले आ रहे पांच नामों का नामदान देने में सक्षम, इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 25 सितंबर 2022 प्रातः मेरठ (उ.प्र.) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि गुरु के शरीर छोड़कर जाने पर लोग समझने लगते हैं कि अब तो हमारे गुरु चले गए, अब हमको दया कहां से मिलेगी। तो लुभावनी बातें लोगों के सामने आ जाती हैं, कोई मिल जाता है तो कहीं भटका देता है। उसी में समय निकल जाता है। दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम।

➤ साध संग मोहे देव नित, परम गुरु दातार 

ऐसे में आदमी भटक जाता है, समाज का, साथ का असर आ जाता है। इसलिए कहा गया बुरे का, भ्रमित का, शंकालु का नहीं बल्कि साधक का साथ करना चाहिए, जिसको समझते हो कि यह साधना करता है। कुछ तो दिखावे का भी करने लगते हैं लेकिन पहचान देख लो साधक की, उसकी पहचान अलग होती है। उसके अंदर ऐसे गुण आ जाते हैं जिससे पता चल जाता है कि जैसे पेड़ फलता तो डालें झुक जाती हैं, दूर से पता चल जाता है कि इस पेड़ में फल लगा हुआ है। पहचान करके साधक का साथ करना चाहिए। होशियार रहने की जरूरत है क्योंकि पहले ठगी इतनी नहीं थी। अब तो साधक बनकर ठगी भी कर लेते हैं, बहन बहू बेटीयों पर बुरा नजर डालकर इज्जत बर्बाद कर देते हैं। इन सब चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

➤ देख परख कर अच्छे और साधक का साथ करना चाहिए

लेकिन जो बातें बताई गई, देख कर परख समझकर अच्छे का, साधक का साथ करना चाहिए, परख करके गुरु करना चाहिए। पानी पिए छानकर, गुरु करे जानकर। जब साथ गड़बड़ हो जाता है तो आदमी भ्रम में पड़ जाता है, करता अच्छे के लिए लेकिन इस शरीर से बुरा हो जाता है।

➤ आदमी के बनाए पत्थर-मूर्ति के देवी-देवता के सामने स्वार्थ में लोग बलि चढ़ा देते, जीव-हत्या बहुत बड़ा पाप है

जैसे कोई दुःखी परेशान है, कर्मों की सजा भोग रहा। किसी ने बहका दिया कि बलि चढ़ा दो तो सब दुख गरीबी दूर, नोटों की बरसात होगी आदि। अज्ञानता में पाप कर डालते हैं। फिर कर्म आ जाता है तो गुरु के रास्ते से अलग, दूर हो जाते हैं।

➤ मनुष्य शरीर छोड़कर चले जाते, वापस उसी शरीर में नहीं आते

ऐसे भी देखा गया सतसंगी भटक गए, दु:ख और लोभ लालच में आकर के सन्तमत का, परमार्थ का रास्ता ही छोड़ दिया। गुरु महाराज तो अब आने वाले नहीं है। कोई कितना भी गुरु महाराज का वेश बना ले, उनकी बोली में बोलने लग जाए, कितना भी कोई कहे कि उनकी ताकत हम में आ गई है और हम बोल रहे है हम गुरु महाराज हो गए लेकिन प्रेमियों जिनको आप बाबा जयगुरुदेव महाराज के नाम से जानते हो, वह आदमी वह नहीं हो सकता है। क्योंकि इस धरती का विधान, नियम है कि जो पेड़ लगता फलता वह झड़ता, जो आग जलती वो बुझती, जो पैदा होता मरता है। तो मरा हुआ कोई भी आदमी चाहे सेठ साहूकार पंडित मुल्ला पुजारी ऋषि मुनि अवतारी शक्ति हो चाहे सन्त हो फिर उसी तरह के शरीर में नहीं आते तो गुरु महाराज इस शरीर में अब आ नहीं सकते हैं। गुरु महाराज कोई भी बनना चाहे तो बन नहीं सकता है अब। ध्यान रखो। वो अब अंतर में प्रेमियों के साथ है।

➤ वाराणसी में शरद पूर्णिमा के विशाल कार्यक्रम में गुरु महाराज का जलवा देखने को मिलेगा

महाराज जी ने 2 अक्टूबर 2022 को सीकर में दिए संदेश में बताया कि वाराणसी में आगामी शरद पूर्णिमा का दो-तीन दिन का कार्यक्रम है। वहां गुरु महाराज का जलवा आपको देखने को मिलेगा। समय निकाल लोगे, इच्छा बनाओगे, पहुंच जाओगे तो आप उस गुरु महाराज के 
जलवे को देखना। उसके बाद में आगे का कार्यक्रम और बनेगा। बराबर लगा हुआ हूं। आप भी अगर लग जाओगे तो जल्दी काम हो जाएगा।

https://youtu.be/sfKMW9XkORQ
1 घण्टा 7 मिनट से
param sant umakant ji maharaj


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