बाबर का बसीयतनामा अपने बेटे हुमायूं के लिए

⌾ गो हत्या से दूर रहो 

तुम्हारा राज्य किसी भी मन्दिर, देवालय या पूजा-स्थान को न बिगाड़े।
बाबर का बसीयतनामा अपने बेटे हुमायूं के लिए

जहीर-उद्दीन मोहम्मद बाबर बादशाह गाजी का गुप्त बसीयत नामा शाहजादा नसीर-उद्दीन मोहम्मद हुमायूं के नाम :
अल्लाह उसे लम्बी उम्र बख्शे
तुम को सल्तनत की दृढ़ता व संगठन के लिए लिखा जाता है :-

‘ऐ मेरे बेटे! इस हिन्दुस्तान में भिन्न भिन्न जातियां हैं। महान् शक्तिमान न्यायशील खुदा ने इस अखण्ड राज्य को तुम्हें सौंपा है।  उसके लिए, उसको धन्यवाद दो और स्तुति करो। यह मुनासिब है कि तुम पाक दिल निर्मल मन से बिना किसी धार्मिक कट्टरता और पक्षपात के बगैर सबका नेकी रीति के मुताबिक न्याय करो।

खासकर गोहत्या (गोकसी) से दूर रहो क्योंकि वही भारतवासियों के दिलों को अपनी तरफ खींचने का तरीका है। तमाम प्रजाशाही कृपा और शुभ चिंता के कारण हम पर श्रद्धा रखेगी। तुम्हारा राज्य किसी मन्दिर, देवालय या पूजा स्थान को न बिगाड़े। ऐसा इंसाफ करो कि प्रजा भी राजा से खुश रहे और बादशाह भी रियाया से खुश हो।

 इस्लाम की तरक्की जुल्म की तलवार की बसिस्बत एहसान के खड़ग से होना बेहतर है। सिया और सुन्न्यिं के झगडों में मत पड़ो। वह तो मुसलमानी मजहब की कमजोरी है। प्रजा को शरीर के चारों तत्वों के समान एक साथ इकट्ठा रखो जिससे शासन रूपी शरीर में  कोई मर्ज न हो। तुम हजरत तैमूर साहब के रानी की कीर्ति को याद  रखो ताकि तुम सल्तनत की बातों में होशियार बनो। हमारा तो तुम्हें सिर्फ नसीहत देने का फर्ज है।

- 1529  bhavishya ki jhalak




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