*यदि मांसाहार बन्द नहीं हुआ तो मचेगा त्राहिमाम, वायरस बढ़ेगा, दवाएं नहीं मिलेंगी, बचो और बचाओ*

जयगुरुदेव

02.07.2022
प्रेस नोट
नागौर (राजस्थान)

*यदि मांसाहार बन्द नहीं हुआ तो मचेगा त्राहिमाम, वायरस बढ़ेगा, दवाएं नहीं मिलेंगी, बचो और बचाओ* 

*शराब-मांस अपराध और भ्रष्टाचार की करते हैं शुरुआत*

कोरोना जैसे रोग, उसके कारणों, दुष्परिणामों की भविष्यवाणी बहुत समय पहले ही करने वाले और अब इसके पुनः विकराल रूप लेने की चेतावनी, कारण और उपाय समय रहते बताने वाले, बचने के मौके पर मौके देने वाले, जैसे पेड़ फल और नदी जल सबको देती है ऐसे ही परोपकार में दिन-रात लगे हुए इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 26 जून 2022 को नागौर (राजस्थान) स्थित आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि

मांस मत खाना। किसी भी जानवर, पशु-पक्षी का मांस मत खाना। मनुष्य के खाने के लिए मांस नहीं बना। मनुष्य का भोजन शाकाहारी चीजें जैसे धान गेहूं चना ज्वार बाजरा मक्का फल सब्जी दूध घी है। यह (मांस) तो जानवरों का भोजन है जो चाट के पानी पीते, आंखें गोल, दांत नुकीले होते हैं। उनका मैदा इस तरह का है, मनुष्य का मैदा इसके लिए नहीं है।

*बहुत पहले से चेतावनी दी जा रही, ऐसी बीमारियां आएंगी कि डॉक्टर दवा नहीं खोज पाएंगे, कोरोना में लोगो ने देखा*

देखो जितना मांसाहार बढ़ता जा रहा है बीमारियां भी बढ़ती चली जा रही हैं। अभी कोरोना आया था, सब लोग अपनी जान को हथेली पर ही देख रहे थे। बस यही सोच रहे थे पता नहीं हमको कब हो जाए, हम भी मर जाएं। कोई दवा खोजे नहीं मिल रही थी। जब पहले बताया जाता था कि ऐसी-ऐसी बीमारिया आएंगी, डॉक्टर दवाई खोजें तब तक बहुत लोगों की जान चली जाएगी। तब कोई ध्यान नहीं देते थे। और जब कोरोना आया तब बातें याद आई। भाई बाबा कहते थे, अगर मान जाते तो हमको कोरोना नहीं होता।

*अगर मांसाहार बंद नहीं हुआ तो मचेगा त्राहिमाम, दवाएं मिलेंगी नहीं, ऐसा समय आ रहा, बचने की जरूरत है*

वैज्ञानिको, डॉक्टररों ने रिसर्च, शोध किया और कहा मांसाहार की वजह से बीमारी बढ़ी, कीटाणु विकसित हुआ है। कोई रिसर्च में बोला कबूतर खाने से, कोई बोला चमगादड़ चूहा गिलहरी खाने से, कोई कुछ कोई कुछ। विदेशों में तो सब खा जाते हैं। अभी उनको कुछ धरम नहीं है। जानवरों की चटनी बनाकर, मेंढक, छिपकली सब खा जाते। तो सीधे सीधे आप समझो कि ये वायरस अभी बढ़ेगा। अगर मांसाहार बंद नही हुआ तो त्राहिमाम मचेगा। दवा का नामो-निशान नहीं रह जायेगा। खत्म हो जायंगे, दवाएं दवा खोज नही पायँगे वो समय आएगा, बचने की जरूरत है।

*शराब और मांस अपराध भ्रष्टाचार की करते हैं शुरुआत*

देखो जब से यह मांसाहार बढ़ा, शराब ज्यादा लोग पीने लग गए तब से अपराध और भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया। यही अपराध और भ्रष्टाचार की करता है शुरुआत, जन्मदाता जननी है इसलिए मांस मत खाओ। शाकाहारी सदाचारी नशामुक्त रहो।

*बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन*

⇘  महात्माओं के दरबार में जाति-पाती, ऊंच-नीच के भेदभाव को कोई स्थान नहीं दिया जाता है।
⇘  सच्चे महात्मा के यहाँ केवल मानव धर्म होता है।
⇘  भारत जैसी धर्म धरती पर आध्यात्मिक शक्तियां सदैव विद्यमान रही हैं।
⇘  सन्तमत सबसे ऊंचा मत है।
⇘  व्यभिचारी को मुक्ति-मोक्ष नहीं मिलता है।




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