*"नौजवानों! शराब और नशे की गोलियों की लत में अपना और देश का नुकसान मत करो। इनसे बचो..."* *- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*जयगुरुदेव*
*सतसंग सन्देश / दिनांक 12.01.2022*

*सतसंग दिनांक: 04.मार्च.2019*
*सतसंग स्थलःलखनऊ, उत्तरप्रदेश*
*सतसंग चैनल: जयगुरुदेवयूकेएम/Jaigurudevukm*

*"नौजवानों! शराब और नशे की गोलियों की लत में अपना और देश का नुकसान मत करो। इनसे बचो..."*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज* 

देश के नौजवानों से अपने होशो-हवास में रहने और अपनी और देश की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की प्रार्थना करने वाले इस समय के महान समाज सुधारक, महापुरुष, त्रिकाल दर्शी संत सतगुरु,
उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने वर्ष 2019 के महा शिवरात्रि पर्व के अवसर पर लखनऊ, उत्तरप्रदेश में दिये गये सतसंग में बताया कि,

देखो! छोटे-छोटे बच्चे, यह जो बिगड़ गए हैं, शराब और नशे की गोलियों में, और भी नशे करते हैं, ये नियम कानून का उल्लंघन करते हैं।
अपने ही बच्चों पर पुलिस वालों को लाठियां चलानी पड़ती है। अपने ही पिता परिवार के ऊपर पत्थर फेंकने लगते हैं। *व्यवस्था में व्यवधान पैदा करते हैं तो हमको बड़ी तकलीफ दर्द होता है।*
हम तो चाहते हैं कि व्यवस्था सही हो जाए। सबको रोटी रोजी, न्याय, सुरक्षा मिलने लग जाए। सब ईश्वर वादी, अध्यात्म वादी और खुदा परस्त बन जाए।
*आगे के समय में ऐसा हो जाएगा।*

*"भारत देश में गऊ हत्या बहुत बडा अभिशाप है, बाबर ने भी भारत में गऊ हत्या नहीं करवाई थी..."*
बाबर के गुरु ने कहा था, उनके धर्म को मत छेड़ना और गऊ हत्या मत होने देना। उसने फकीर महात्माओं से आशीर्वाद लिया तब जा कर शासन कर पाया।

देखो! एक समय ऐसा आएगा जब देश में गऊ हत्या बंद हो जाएगी। बहुत गउवें कट रही हैं। *अंग्रेजों के समय में इतने बूचड़खाने नहीं थे जितने इस समय पर हो गए।*
सात सौ वर्षों तक मुसलमानों ने इस देश पर राज किया। *सबसे पहले बाबर आया, लेकिन उसने भी गऊ हत्या नहीं करवाई थी।* उसके गुरु ने कहा था कि भारत में तुम जाओ तो उनके धर्म को मत छेड़ना, गऊ हत्या वहां मत करवाना।
*और वहां के किसी फकीर के पास जाकर दुआ-आशीर्वाद जरूर लेना, चाहे वह जिस धर्म मजहब को मानने वाला हो।*
बाबर जब आया तो पता लगाते लगाते अयोध्या में पहुंचा। वहाँ एक महात्मा जी बैठे हुए थे। लोगों ने कहा बड़े सिद्ध हैं। क्योंकि प्रतिभा छिपती नहीं, उभर कर आ ही जाती है।
बाबर गया, तो एक शाल लेकर गया। प्रणाम करके बैठ गया। उन्होंने कहा; बाहर से आए हो, बोला हाँ। शाल भेंट दिया तो उन्होंने उसी शाल को आग में डाल दिया, शाल जल गया।

बाबर बैठा रहा, बात तो किया थोड़ी देर। लेकिन उसके मन में यह बात बराबर बना रहा कि मेरा प्रार्थना स्वीकार नहीं किया। मैंने शाल दिया, उसका इन्होंने निरादर कर दिया, आग में जला दिया।
रात में सोचता रहा, नींद जल्दी नहीं आई। जब सुबह उठा तो देखा कि उसके सिरहाने वही शाल रखी हुई है। फिर गया, चरणों पर गिर पड़ा, कहा मैं आपको मान गया, *आप पूरे फकीर हो।*

आपका दुआ-आशीर्वाद चाहता हूँ। राज्य करने के लिए आया हूं। कहा गया है कि,
*तन धन धाम बाम सुत जाई। ताजिए न ताह सरण जो आई।।*
धन स्त्री परिवार चला जाए, लेकिन जो शरण में आ जाता है, उसको तजते नहीं है, यह भारतीय संस्कृति रही है। तो उन्होंने आशीर्वाद दे दिया, कुछ निर्देश भी दिया कहा कि अब तू जा। तो उसने बहुत दिन तक बढ़िया राज्य चलाया।
भारत के पूरे महात्मा फकीर की पहचान होने पर बाबर ने उनके सम्मान में बनवाया था। महात्मा जहां रहते थे वहां उस समय पर बनवा दिया।

*"आगे चल कर भारत में गऊ हत्या बंद हो जाएगी..."*
भारत देश में गऊ हत्या बहुत बड़ा अभिशाप है, लोगों के लिए। और इस समय तो हम तो कहते हैं कि गऊ की पूंछ पकड़ लो तो वैतरणी पार हो जाओगे।
आगे चल कर के गऊ हत्या बंद हो जाएगी। गऊ हत्या ही नहीं, किसी भी पशु-पक्षी की हत्या नहीं होगी।
काश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुवाहाटी से चौपाटी तक कोई मांस मछली, अंडे शराब की दुकान नहीं होगी।
कोई भी औरत देश के किसी भी कोने पर रात को बारह बजे देश के किसी सड़क पर घूमेगी, किसी की देख कर नीयत खराब नहीं होगी।
*भाव बदल जाएंगे, जैसे जवान भाई और जवान बहन एक ही चारपाई पर सोए रहते हैं, उनकी भावना अलग रहती है और पति-पत्नी की भावना अलग रहती है।*

SamtUmakantJiMaharaj


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