*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/दिनांक 27.08.2021*
जयपुर, राजस्थान
*सच्चे संत सतगुरु से नामदान लेकर अपनी आत्मा को जीते जी मुक्ति-मोक्ष दिलाओ।*
खुदा, भगवान, देवी-देवता और सबके सिरजनहार कुल मालिक सतपुरुष के दर्शन-दीदार का सीधा और सरल मार्ग बताने वाले भारत के महान संत,
उज्जैन वाले पूज्य *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 24 अगस्त 2021 को जयपुर, राजस्थान में दिए गए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित संदेश में बताया कि,
आज बहुत से लोग दुःखी है। घर-घर में लड़ाई, झगड़ा, ईर्ष्या, द्वेष, वैमनस्यता, चोरी, बेईमानी फैली हुई है। इसका कारण क्या है?
कारण यह है कि लोगों की नीयत बहुत खराब हो रही है। आदमी किस लिए पैदा हुआ? दुनिया-संसार में मनुष्य शरीर किस लिए मिला? या तो इसको समझ नहीं पा रहा है या तो समझते हुए भी आदत से मजबूर हो गया है।
*एक दिन धन - दौलत, पुत्र - परिवार, ठाठ - हवेली सब कुछ छोड़ कर के जाना है।*
जब कोई याद भी दिलाता है कि यह धन - दौलत, रुपया - पैसा, पुत्र - परिवार यह सब तुम्हारे काम आने वाली चीज नहीं है। बहुत लोगों ने इकट्ठा किया, कितने लोग इसको छोड़कर के चले गए, तुमको भी छोड़कर के जाना पड़ेगा।
आदमी सोचता तो है कि बात यह सही कह रहे हैं लेकिन बस आदत से मजबूर है।
*मनुष्य शरीर पाने के लिए देवी देवता संत सतगुरु से दिन-रात प्रार्थना करते रहते हैं।*
यह मनुष्य शरीर दुर्लभ शरीर है। देवता इसके लिए चौबीसों घंटा तरसते रहते हैं कि थोड़े समय के लिए हमको मनुष्य शरीर मिल जाता तो हम अपना काम बना लेते।
अब आप सोचो जिनको आप मंदिर-मस्जिद, पेड़-पौधे में खोज करके, उसमें देवता से कुछ इच्छा रखते हो कि यह देवता हैं, हमको कुछ देंगे तो वे भी मनुष्य शरीर के लिए मालिक से,
*वो जो सबका मालिक है, देवी-देवताओं, ब्रह्मा-विष्णु-महेश का भी मालिक, अंड-पिंड ब्रह्मांड का भी मालिक,*
उससे मांगते रहते हैं कि हमको मनुष्य मिल जाए की हम भी पूरे गुरु से नामदान लेकर अपना असला काम कर लें और दुबारा यहां स्वर्ग बैकुंठ से आकर के फिर यहां तकलीफ न झेलना पड़े।
*मनुष्य शरीर मिला है, आपको अपनी आत्मा को मुक्ति मोक्ष दिलाने के लिए।*
आप सोचो अपने शरीर के लिए क्या कर रहे हो और आत्मा के लिए क्या कर रहे हो?
शरीर के लिए सब कुछ कर रहे हो। सारा साजो सामान यहां के लिए इकट्ठा कर रहे हो लेकिन आत्मा के लिए आप कुछ नहीं कर रहे हो। आत्मा ही खास चीज है।
परमात्मा की अंश यह आत्मा निकल जाएगी तो शरीर की कोई कीमत नहीं रह जाएगी। फिर इसे लोग मिट्टी कह करके ले जाएंगे, मिट्टी में दबा देंगे या जलाकर के राखकर देंगे। यह राख मिट्टी में मिल जाएगी।
*तो आप यह समझो प्रेमियों मनुष्य शरीर आपको मिला है अपनी आत्मा के कल्याण के लिए। मनुष्य शरीर इसलिए मिला है कि अपनी आत्मा को मुक्ति मोक्ष दिला दिया जाए।*
 |
guru-meri-puja |
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ
Jaigurudev