*【Sant Mat- Chetavni | सन्त मत चेतावनी 】* 8.

*37. Bharat ke veero jag jao*
*भारत मां के वीर सपूतो का आव्हान*
(बाबा जयगुरुदेव जी महाराज द्वारा)
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भारत के वीरों जग जाओ,
गुरुदेव जगाने आये हैं।
परिवर्तन होगा दुनिया में,
संदेश सुनाने आये हैं।।

तुम जग जाओ श्रीराम की तरह,
उठा लो धनुष-बाण निज हाथो में।
गुरु विश्वामित्र बन दुनिया का,
संताप मिटाने आये हैं।।

तुम जग जाओ अर्जुन की तरह,
मोह निशा को भंग करो।
भगवान कृष्ण बन गीता का,
ये पाठ पढ़ाने आये हैं।।

उठ गया धरा से धरम करम,
और मानवता भी चली गई।
बनकर भगवान बुद्ध शांति का,
संदेश सुनाने आये हैं।।

गांधी जी के अधूरे सपने,
पूरन तुमको करना है।
तुम निमित मात्र ही जग जाओ,
यश तुमको  दिलाने आये हैं।।

भारत के वीरो जग जाओ,
गुरुदेव जगाने आये हैं।
परिवर्तन होगा दुनिया में,
संदेश सुनाने आये हैं।।


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*38. Banva dai more karigar ne*

बनवा दई मोरे कारीगर ने,
ऐसी सुन्दर बखरी।

बखरी मेरी अजब बनी है,
न चौड़ी न सकरी।।

बखरी ऐसी बनन बनी है,
जे में  ईंट लगे न पथरी।।

जब बखरी के आहें लिबउआ,
पुरा परोस को अखरी।।

कहत कबीर सुनो भाई साधु,
छोड़ो माया मकरी।।
बनवा दई मोरे कारीगर ने,
ऐसी सुन्दर बखरी।।


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*39. Jab dant na thhe tab*

जब दांत न थे तब दूध दियो।
जब दांत दिये तोको अन्न भी दे है।।

जल में थल में पशु पक्षिन में,
सबकी सुधि लेत वो तेरी भी ले है।।

जान को देत अजान को देत,
जहान को देत वो तोको भी दे है।।

रे मन मूरख! सोच करे क्यूं,
सोच करे कुछ हाथ न अइहै।।


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*40. Duniya ajab divani*

दुनिया अजब दीवानी,
मेरी कहीं एकहि न मानी।

तज प्रत्यक्ष सतगुरु परमेश्वर,
इत उत फिरत भुलानी।।

दुनिया अजब दीवानी,
मेरी कहीं एकहि न मानी।।

तीरथ मूरत पूजत डोले,
कंकर पत्थर पानी।।

विषय वासना के फन्दे में,
मोह जात उरझानी।।

सुख दुख, दुख को सुख है मानत,
हित अनहित नहीं जानी।।

औरन को मूरख ठहरावत,
आपन बनत सयानी।।

सांच कहुं तो मारन धावें,
झूठे को पतयानी।।

कहत कबीर कहां लगूं बरनूं,
अद्भुत खेल कहानी।।

दुनिया अजब दीवानी,
मेरी कहीं एकहि न मानी।।


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*41. Kshan bangur jivan*

क्षण भंगुर जीवन की कलिका,
कल प्रातः को जाने खिली न खिली।।

मलयालम की शुचि शीतल मन्द,
सुगन्ध समीर मिली न मिली।।

कलि काल कुठार लिये फिरता,
तन मन से चोट झिली न झिली।।

कह ले हरि नाम अरी रसना,
फिर अन्त समय में हिली न हिली।।

क्षण भंगुर जीवन की कलिका,
कल प्रातः को जाने खिली न खिली।।


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*42. Jago jago duniya valon*

शाकाहारी प्रचार अभियान, सत्संग, रैली आदि में
जन जागरण हेतु बोले जाने वाली-
जयगुरुदेव चेतावनी
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जागो जागो दुनिया वालों तुम्हें जगाने आये हैं।
बाबा जयगुरुदेव का हम सन्देश सुनाने आये हैं।।

हिंसा हत्याओं के कारण, कुदरत है नाराज खड़ी।
सन्तों के श्री मुख से आया, आगे तबाही बड़ी बड़ी।।

शाकाहारी सदाचारी जो कोई बन जायेगा।
पड़ने वाले कुदरत के थप्पड़ से वो बच जायेगा।।

जागो जागो दुनिया वालों तुम्हें जगाने आये हैं।
जागो जागो दुनिया वालों तुम्हें बचाने आये हैं।
बाबा जयगुरुदेव का हम सन्देश सुनाने आये हैं।।


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*43. Jise jivan me mila Satsang*

जिसको जीवन में मिला सत्संग है,
उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है।।

जिसने क्षण भर का सत्संग पाया,
उसने नर तन सफल बनाया।
जिसके हृदय में राम नाम बन्द है,
उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है।।

जिसे मीरा कबीर ने गाया,
गोस्वामी नानक ने दर्शन पाया।
जिसके हृदय अमीरस कन्द है,
उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है।।

सत्य क्या है जगत का ये जानो,
सतगुरु जी की वाणी को मानो।
जिसके रोम रोम गुरु गोविन्द है,
उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है।।

स्वर्ग जाने की इक्षा नहीं है,
मुक्ति पाने की शिक्षा यहीं है।
गुरु दर्शन में मिलता आनन्द है,
उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है।।

जिसे जीवन में मिला सत्संग है,
उसे हर घड़ी आनन्द ही आनन्द है।।


जयगुरुदेव ●
शेष क्रमशः पोस्ट 9. में पढ़ें 🙏🏻👇🏼




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