जयगुरुदेव| पिछली यादें
★★ रक्षा यात्रा का पावन सन्देश ★★
नौजवानों! अब खाने पीने मौज मस्ती में लगे रहने का समय नहीं रह गया। चेतोगे नहीं तो देश और दुनियां में कोहराम मच जाएगा। कुदरत लोगों को उनके अच्छे बुरे कर्मों की सजा देने लग जाएगी।
शराब कभी भूल कर मत पीना और मांस का त्याग कर दो। तभी तुम्हारे अन्दर ईश्वरीय शक्ति, खुदाई ताकत का इजहार हो सकेगा और देश व समाज के लिए कुछ कर सकोगे।
तुम शराब पीना बन्द कर दो। शरीर में पेट को वैश्य कहा गया। पूरे अंगों का पोषण इसी से होता है। पेट खराब हो जाने पर शरीर के अंग खराब हो जाते हैं। आपको अन्नदाता कहा गया लेकिन शराब जैसे नशे का सेवन करोगे, बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी तो आपका नाम खराब हो जाएगा। इसलिए मांस और शराब का त्याग करके मेहनत और ईमानदारी की कमाई करो जिससे बरकत मिल सके और वो मालिक आपकी इबादत (पूजा) कुबूल कर सकें।
अधिक संख्या में काश्तकार जब से मांस और शराब का सेवन करने लगे, तबसे उनके पैदा हुए अन्न की ताकत खतम हो गई। रोग, लोगों के अन्दर बढ़ गया।
जनता आपके बच्चे के समान। आप जिस स्थान पर हो मेहनत और ईमानदारी से उनका काम करो। आपकी वजह से इनका दिल नहीं दुखना चाहिए। मेहनत और ईमानदारी की कमाई में बरकत है। रिश्वत जैसी चीज दूध से भरे हुए बर्तन में दो बूंद दही डालने की तरह से है। रिश्वत मेहनत की कमाई की लक्ष्मी को दूषित कर देती है। जिसका असर अपने शरीर तथा बच्चों पर आ जाता है। बच्चों के मानसिक तथा बौद्धिक विकास में बाधा आ जाती है।
सुबह उठो मालिक को याद करो और उससे यश मांगो, प्रभु (अल्लाह ताला) हमारे हाथ में यश दो जिस मरीज की नाड़ी पकड़ूं उसको ठीक कर सकूं। आपसे प्रार्थना है कि आप लोग चिकित्सा सेवा को व्यापार न बनायें। दाल में नमक की तरह खावें। जिससे मन, बुद्धि, चित्त सही रहे और भगवान की याद आवे।
आपके सामने जैसे तमाम मरीज दुनिया छोड़कर जा रहे, ऐसे किसी दिन समय पूरा हो जाने पर आपको भी जाना पड़ेगा।
जनता ने आपको जो पावर, इस समय देश के लोगों को सुख और समृद्धि दिलाने का दिया है, इसको न करके जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद स्वयं की सुख समृद्धि लाने में अगर लगे रहे तो प्रजातंत्र में जनता ही राजा होती है। इनके बारे में आपने अगर न सोचा तो ये दूध में पड़ी हुई मक्खी की तरह से आपको निकाल कर फेंक देगी। आपका कोई नाम लेवा नहीं रहेगा। इसलिए जिस आसन पर आप बैठे हो उसकी गरिमा बनाये रखना आपका परम् धर्म है।
सभी लोग हड़ताल, तोड़फोड़, हिंसा-हत्या, आन्दोलन से दूर रहें। अधिकारियों कर्मचारियों का सम्मान करें और नियम कानून का पालन करें।
बाबा जयगुरुदेव आश्रम, उज्जैन म.प्र.
फोन- 9754700200, 9575600700
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